प्रशासन ने पिछले साल भी चलाया था पॉलीथिन फ्री शहर बनाने का अभियान
विक्रेताओं ने कहा पब्लिक नहीं है अवेयर, प्रशासन कर रहा दिखावटी कार्रवाई
BAREILLY:
पॉलीथिन पर लगे बैन का कहीं कोई प्रभावी असर दिखाई नहीं दे रहा है। किराने की दुकानों, सब्जी बेचने वाले, ठेलों समेत अन्य जगहों पर धड़ल्ले से 40 माइक्रॉन से कम की पॉलीथिन प्रयोग की जा रही है। सख्त कार्रवाई का प्रावधान होने के बावजूद बैन का व्यापक प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है। प्रशासन की कार्रवाई महज दिखावा साबित हो रही हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने शहर में पॉलीथिन बैन का रियलिटी चेक किया तो पॉलीथिन विक्रेताओं ने पब्लिक और प्रशासन को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। वहीं पॉलीथिन से जंग में पस्त हो चुके प्रशासन की नाकामी सुधारने को डीएम पिंकी जोवेल ने फिर से पॉलीथिन बैन के लिए कार्ययोजना बनाई है।
पॉलीथिन के नुकसान
- री-यूज के लिए स्टेबलाइज के दौरान कई तरह के केमिकल मिलाए जाते हैं।
- पॉलीथिन में खाने का सामान रखने से हार्मफुल केमिकल शरीर में भी आ जाते हैं
- लीवर फेल्योर, ब्रेन और किडनी फेल्योर होने जैसी बीमारियों हो सकती हैं
- इस्तेमाल कर फेंका गया पॉलीथिन हजारों साल तक पड़ा रहता है
- पॉलीथिन नालियों या नालों में पहुंचता उसके प्रवाह को रोक देता है
- पानी का बहाव रुकने से गंदगी, बदबू और कई बीमारियां फैलती हैं
- जमीन के नीचे पड़ा पॉलीथिन पेड़ पौधों के विकास में बाधा बनता है
- जलने पर पॉलीथिन के हानिकारक कण पर्यावरण और इंसानों को नुकसान पहुंचा रहे
पॉलीथिन के िखलाफ प्लान
- गठित टीम की नियमित बैठक और पॉलीथिन फ्री बनाने पर चर्चा
- सभी स्कूलों कॉलेजों में पॉलीथिन बैन की मुहिम
- गुटखा, तम्बाकू, पान मसाला की पैकेजिंग में पॉलीथिन बैन कराना
- सब्जी, परचून, फल व अन्य सामान के विक्रेताओं को जागरुक करना
- सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं द्वारा पॉलीथिन बैन पर अवेयरनेस
- थोक व फुटकर विक्रेताओं पर छापेमारी और अवेयरनेस प्रोग्राम
- खाने के सामान की पैकेजिंग को पॉलीथिन फ्री बनाना
- 40 माइक्रॉन से कम के कैरी बैग व पॉलीथिन पर जब्त की कार्रवाई
- प्लास्टिक के खुले में जलाने पर रोक और कार्रवाई
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कस्टमर कैरी बैग की डिमांड करते हैं। उन्हें मना करें तो सामान ही न बिके। वह बैग लेकर आएं तो हम पॉलीथिन में सामान बिक्री ही न करें।
रामराज, फल विक्रेता
सरकार को पॉलीथिन के कैरी बैग व अन्य सामान बनाने की फैक्ट्री ही बंद करना चाहिए। जब निर्माण ही नहीं होगा तो बिक्री और खरीदारी नहीं होगी।
महबूब, कस्टमर