बैन के नाम पर निगम सभी प्रकार की पॉलीथिन कर रहा जब्त

निगम के कर्मचारी नहीं रख रहे जब्त पॉलीथिन का रिकार्ड

पॉलीथिन को डिस्पोज ऑफ करने का भी नहीं है कोई इंतजाम

पॉलीथिन मानकों को मापने के लिए गेज मीटर भी नहीं

Meerut। पॉलीथिन बैन अभियान के लिए भले ही प्रशासन और निगम खुद को पूरी तरह मुस्तैद दिखाने का प्रयास कर रहा है लेकिन असल यह अभियान महज खानापूर्ति साबित हो रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि खुद निगम के पास पॉलीथिन मानकों को मापने के लिए गेज मीटर या अन्य कोई साधन तक उपलब्ध नहीं हैं। यहां तक की निगम जब्त पॉलीथिन का कोई रिकार्ड मेंटेन तक नहीं कर रहा है और ना ही जब्त पॉलीथिन के डिस्पोजल की योजना तैयार की गई है।

सभी प्रकार की पॉलीथिन

पर्यावरण की सुरक्षा के लिए केवल 50 माइक्रोन से कम की पॉलीथिन बैन की गई है। लेकिन गौर करने लायक बात यह है कि निगम के लिए सभी प्रकार की पॉलीथिन बैन के दायरे में हैं। निगम की टीम को शहर में जिस भी प्रकार की पॉलीथिन मिल रही है, वह उसे जब्त कर रही है। ऐसे में किसी भी प्रकार की पॉलीथिन रखना व्यापारियों के लिए भारी मुसीबत बन चुका है।

ना रिकार्ड ना डिस्पोजल योजना

निगम द्वारा वार्डो में पॉलीथिन चेकिंग अभियान चलाकर पॉलीथिन जब्त की जा रही है। लेकिन इस पॉलीथिन का कोई रिकार्ड निगम के कर्मचारियों द्वारा मेंटेन नही किया जा रहा है। ऐसे में रोजाना कहां-कहां और कितनी- कितनी पॉलीथिन जब्त हो रही हैं, इसका कोई हिसाब नहीं है। निगम द्वारा केवल राउंड में पॉलीथिन का रिकार्ड बताया जा रहा है। वहीं इस पॉलीथिन को एकत्र कर डिस्पोज ऑफ कैसे किया जाएगा इसका भी कोई प्लान अभी तक तैयार नहीं किया गया है।

अब जुर्माना भी वसूलेगा निगम

पॉलीथिन बैन अभियान के तहत बुधवार को अपर नगरायुक्त द्वारा निगम में खाद्य निरीक्षकों के साथ बैठक का आयेाजन कर विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए। बैठक में पॉलीथिन जब्त के साथ जुर्माना वसूलने के भी निर्देश दिए गए हैं।

अभी बाजार में मानकों के अनुरूप पॉलीथिन बहुत कम मात्रा में उपलब्ध हैं। ऐसे में अधिकतर व्यापारी प्रतिबंधित पॉलीथिन का प्रयोग कर रहे हैं। यह पॉलिथिन देखने से ही पहचान में आ जाती है। केवल उसी पॉलिथिन को जब्त किया जा रहा है।

अली हसन कर्नी, अपर नगरायुक्त