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JAMSHEDPUR: जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमिटी (जेएनएसी) ने पिछले साल पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के दिन जमशेदपुर को राज्य का पहला पॉलीथिन मुक्त शहर बनाने की घोषणा की थी। लेकिन, जेएनएसी की यह घोषणा हवा-हवाई साबित हो रही है। शहर में धड़ल्ले से पॉलीथिन का इस्तेमाल हो रहा है। शहर में खुलेआम पॉलीथिन में फल, सब्जी, चिकेन अंडा से लेकर रोजमर्रा की जरूरतों की हर चीज पॉलीथिन में डालकर दी जा रही है। पॉलीथिन मुक्त शहर बनाने के लिए नगर निकाय की ओर से चलाए जा रहे सभी अभियान ठंडे बस्ते में चले गए हैं।

पॉलीथिन है जानलेवा

पॉलिथिन न सिर्फ पर्यावरण के लिए जहर है बल्कि कई जानलेवा और खतरनाक बीमारियों की भी जड़ है। कभी न सड़ने और गलने वाली पॉलीथिन जहां शहर के नाले, सड़कें जाम कर देती हैं, साथ ही यह लोगों के साथ-साथ बेजुबान जानवरों की जिंदगी के लिए भी काफी खतरनाक है। डॉक्टर्स की मानें, तो पॉलीथिन से लोगों में स्किन इंफेक्शन से लेकर कैंसर जैसी बीमारियां होने की आशंका है।

पांच साल की सजा, एक लाख जुर्माना

सरकार द्वारा राज्य में पॉलिथीन के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। राज्य सरकार ने यह प्रावधान किया है कि रोक के बावजूद अगर कोई दुकानदार या स्टॉकिस्ट पॉलिथीन का खरीद बिक्री या उपयोग करते हुए पाया जाता है, तो उस पर एक लाख रुपये जुर्माना और पांच साल तक की जेल हो सकती है।

यह गंभीर मुद्दा है। शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान के बाद पॉलीथिन इस्तेमाल को पूरी तरह से समाप्त करने को लेकर अभियान चलाया जाएगा।

चंदन कुमार, एसडीओ, धालभूमगढ़

जमशेदपुर में फिर से दुकानदार जरूरत के सामान पॉलीथिन में ही दे रहे हैं। इस संबंध में प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इससे पर्यावरण को खतरा है।

-अमित सिंह, गोलमुरी

पॉलीथिन बैन को लेकर जेएनएसी ने कई अभियान चलाए थे, लेकिन अब सारे अभियान धरे के धरे रह गए। अब अमूमन हर दुकानों में पॉलीथीन मिल रहे हैं। इस पर रोक की जरूरत है।

-सुमित यादव, जोजोबेड़ा

हमारा शहर कभी पॉलीथिन मुक्त नहीं बन पाएगा। सबसे पहले तो उनपर कार्रवाई होनी चाहिए, जो पॉलीथिन की पूरी खेप शहर में पहुंचाते हैं।

-रेहान मिश्रा, टेल्को