-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिएलिटी चेक में हुआ खुलासा, खुलेआम बिक रहा पॉलीथिन में सामान

-गलियों से लेकर मोहल्ले और मंडियों में पॉलीथिन बैन का नहीं असर

शहर पॉलीथिन मुक्त नहीं हो सका है। शहर भर में चलाए गए कैंपेन और छापेमारी का असर दुकानदारों में है न ही पब्लिक में। डीएम सुरेंद्र सिंह की पहल भी काम नहीं आ रही है। जिसमें उन्होंने पॉलीथिन में सामान बेचने और भंडारण करने वालों की गोपनीय सूचना देने पर पांच हजार रुपये का ईनाम रखा है। खुलेआम गली-गली, मोहल्ले-मोहल्ले में छोटे-बड़े सभी दुकानदार पॉलीथिन का यूज कर रहे हैं। दशाश्वमेध, गोदौलिया, चौक, मैदागिन, नई सड़क, चेतगंज, लहुराबीर, सिगरा आदि एरिया में पॉलीथिन की बिक्री जोरों पर है। रविवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने शहर के कई एरिया का रिएलिटी चेक किया तो हर हाथ में पॉलीथिन देखने को मिला।

सीन-वन

दशाश्वमेध सब्जी मंडी में रविवार की दोपहर डीजे आई नेक्स्ट रिपोर्टर पॉलीथिन का रिएलिटी चेक करने पहुंचा तो चहुंओर पॉलीथिन में ही सब्जी बेची जा रही थी। सब्जी बेच रही बुजुर्ग महिला से पॉलीथिन बैन की बात कहीं गई तो जवाब मिला कि 'इधर सब इसमें ही सामान दे रहा है'। यह सच भी था, हर सब्जी विक्रेता के पास पॉलिथीन की गड्डी रखी थी।

सीन-टू

भेलूपुर एलआईसी ऑफिस के सामने ठेले पर फल बेच रहे दुकानदार से सेव खरीदने पर उसने पॉलीथिन में ही फल पकड़ा दिया। पॉलीथिन पर 51 माइक्रॉन का मुहर भी नहीं था, बैन की जानकारी तो उसको है लेकिन पूछने पर कहता है कि 'अब कौन चेक कर रहा है। सब प्लास्टिक में सामान दे रहे हैं। सस्ता में मिल रहा है इसलिए खरीद कर ला रहे है।

मिल रहा थोक के भाव

कपड़े के झोला का बिजनेस तो बढ़ा है लेकिन पॉलीथिन का घटता नहीं दिख रहा। जिनके पास पहले से स्टाक में माल पड़ा हुआ था वह अब धीरे-धीरे निकाल रहे हैं। औरंगाबाद, हड़हा सराय, दालमंडी आदि एरिया में पॉलीथिन की बिक्री शुरू हो गई है। पहले जहां एक पॉलीथिन की कीमत 40-50 पैसे पड़ती थी वहीं अब तीन-चार पैसे ही पड़ रही है। माइक्रॉन भी उसका 50 के अंदर ही बताया जा रहा। थोक के भाव में छोटे दुकानदार पॉलीथिन खरीद रहे हैं।

अभियान हो गया धड़ाम

शहर में पॉलीथिन बिक्री की रोकथाम और इस्तेमाल पर रोकथाम के लिए नगर निगम ने पांच जोनल अधिकारियों की टीम गठित की हुई है। सभी टीम अलग-अलग जोन में छापेमारी करती है। मगर अब कहीं भी टीम की छापेमारी नहीं दिखती। खास बात यह भी कि टीम के पास माइक्रॉन की टेस्टिंग को लेकर गेज मीटर भी नहीं है। यही कारण है कि नगर की टीम भी बहुत अब छापेमारी पर ध्यान नहीं दे रही क्योंकि छापेमारी के दौरान व्यापारियों से इसी बात को लेकर नोकझोंक भी होता है।

शासनादेश के तहत पॉलीथिन बिक्री के जो नियम है उसका पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई तय है। बहुत जल्द अभियान के साथ-साथ जागरुकता रैली भी निकाली जाएगी।

विनय सिंह, एडीएम सिटी

इन विभागों ने नहीं ली जिम्मेदारी

नगर निगम के अलावा पॉल्यूशन कंट्रोल, डिस्ट्रिक एडमिनिस्ट्रेशन, पुलिस, यूपी जलनिगम (गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई), वीडीए, जलकल, जिला नगरीय विकास अभिकरण, बाल विकास एवं पुष्टाहार, वैकल्पिक ऊर्जा, उद्यान समेत डेढ़ दर्जन विभागों को कार्रवाई की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन माइक्रो मीटर नहीं होने से आज तक किसी भी विभाग ने अभियान नहीं चलाया।

यह है शासनादेश

-दो अक्टूबर तक 50 माइक्रॉन से नीचे के पॉलीथिन कैरी बैग की बिक्री और यूज पर पूर्णतय बैन।

-थर्माकोल से बने कप-प्लेट, गिलास का भी यूज कर सड़क पर फेंकना रहेगा प्रतिबंधित

-दो अक्टूबर तक पैकिंग पॉलीथिन फिलहाल नहीं आ रहे हैं कार्रवाई की जद में

एक नजर

19

विभागों को मिली है पॉलीथिन मुक्त बनारस बनाने की जिम्मेदारी

1.40

लाख रुपये दुकानदारों से वसूला गया जुर्माना पॉलीथिन के खिलाफ अभियान के दौरान

1.65

कुंतल प्लास्टिक निगम ने किया अब तक जब्त

85

दुकानदारों का एक पखवारे में कटा चालान

1500

से ज्यादा दुकानों की जोनवार हुई चेकिंग