RANCHI फ्क् जनवरी ख्0क्ब् को उद्घाटन के बाद रिम्स का सुपरस्पेशियलिटी डिपार्टमेंट शुरू तो हो गया था, पर चल रहा है वेंटिलेटर पर। क्ख्0 करोड़ की लागत से बने इस सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में कार्डियोलॉजी, आंकोलॉजी, पेडियाट्रिक सर्जरी, यूरोलॉजी और नेफ्रोलॉजी यूनिट चल रहा है। पर कार्डियोलॉजी को छोड़ दें तो सारे डिपार्टमेंट्स में सिर्फ आउटपेशेंट डिपार्टमेंट यानी ओपीडी चल रहे हैं। आंकोलॉजी, पेडियाट्रिक और यूरोलॉजी में कार्डियोलॉजी में मरीजों की भर्ती भी हो रही है, लेकिन कार्डियक सर्जरी यहां अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। इससे मरीजों को सुपर स्पेशियलिटी डिपार्टमेंट का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है।

छह की जगह एक सीनियर रेजिसेंड डॉक्टर

रिम्स के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ हेमंत नारायण राय ने बताया कि कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट पूरी तक फंक्शनल है, लेकिन कार्डियक सर्जरी नहीं हो पा रही है। कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट को अच्छी तरह से चलाने के लिए हमें छह सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स की जरूरत है, लेकिन एक सीनियर रेजिडेंट ही हमारे पास हैं। जहां तक इको की बात है तो हम सुबह नौ बजे से रात सात बजे तक भी इको करें तो म्भ् से 70 मरीजों का ही कर पाएंगे। इसलिए इको के लिए डेट दी जा रही है। रिम्स को तो छोड़ दीजिए पीजीआई चंडीगढ़ में भी लोग जनवरी में नंबर लगाते हैं, लेकिन मार्च में डेट मिलता है। रिम्स में तो कैंसर और सीरियस मरीजों का हम प्राथमिकता के आधार पर इको कर रहे हैं।

रिम्स छोड़ चुके हैं फ्0 डॉक्टर्स

रिम्स डायरेक्टर डॉ तुलसी महतो ने बताया कि सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में वे मरीजों को सेवाएं देना चाहते हैं, पर डॉक्टर कहां हैं। डॉक्टरों के नहीं रहने से डिपार्टमेंट पूरी तरह ऑपरेशनल नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि देश भर में झारखंड ही ऐसा राज्य है, जहां डॉक्टरों को कम तनख्वाह मिल रही है। यही वजह है कि डॉक्टर रिम्स छोड़ कर जा रहे हैं। हमने हाल ही में क्ख्भ् डॉक्टरों की भर्ती की थी पर उनमें से फ्0 डॉक्टर वेतन कम मिलने की वजह से रिम्स छोड़कर चले गए। डॉक्टरों की कमी पूरा करने के लिए रिम्स मैनेजमेंट गंभीर है और चुनाव खत्म होने के बाद ख्भ् अप्रैल को डॉक्टरों की बहाली के लिए एडवर्टाइजमेंट निकाला जाएगा।

'डॉक्टरों की कमी की वजह से सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक पूरी तरह फंक्शनल नहीं हो पा रहा है। चुनाव के बाद डॉक्टरों की बहाली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.'

डॉ तुलसी महतो, डायरेक्टर, रिम्स

'कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में ओपीडी के साथ मरीजों की भर्ती भी हो रही है। मरीजों का इसीजी और इको भी किया जा रहा है, लेकिन हमारे पास सिर्फ एक सीनियर रेजिडेंट हैं, जबकि जरूरत छह की है। इसके बावजूद हम पूरी सेवा मरीजों को दे रहे हैं'

डॉ हेमंत नारायण राय, कार्डियोलॉजिस्ट, रिम्स