- गरीबी को नहीं बनने दिया अपनी कमजोरी

LUCKNOW : अगर आपमें कुछ करने का ज4बा है तो आपको कोई आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता है। ऐसा ही शुक्रवार को बीबीएयू के दीक्षांत समारोह में दे2ाने को मिला। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा मेडल से स6मानित किए स्टूडेंट्स में किसी के पिता किसान हैं, 2ाली समय में बच्चों का पेट 5ारने के लिए मजदूरी 5ाी करते हैं तो किसी की फीस दोस्तों ने अदा की। स5ाी ने अपनी गरीबों को क5ाी सपने पूरे करने में बाधा नहीं बनने दिया और कड़ी मेहनत से आज आसमां को चूमा। पेश है संजीव पांडेय की एक 2ास रिपोर्ट

नहीं थे फीस के पैसे तो दोस्त ने 5ारी फीस : महेंद्र

जब आपके इरादे अटल हों तो आपको कोई आगे बढ़ने से रोक नहीं सकता। राष्ट्रपति के हाथों स6मानित महेंद्र का जज्बा अन्य स्टूडेंट्स के लिए एक प्रेरणा है। उनके पिता ओम प्रकाश मामूली किसान, फसल का सीजन ना होने पर रि1शा चलाते हैं, मजदूरी 5ाी करते हैं। बस्ती में ग्राम पोस्ट 5ौसा चौबे में उनकी मां और परिवार के अन्य सदस्य रहते हैं। लेकिन इसे उन्होंने अपनी गरीबी को क5ाी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया बल्कि उसको अपनी मजबूती बनाया। एमएसी में एप्लाइड मैथ्स में सबसे अधिक अंक हासिल करने वाले महेन्द्र ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों मिला स6मान मुझे हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा। महेंद्र ने बताया कि सब कुछ किसी सपने के सच होने जैसा था। मेरी लाइफ में अब तक का सबसे बड़ा अचीवमेंट उनके हाथों स6मानित होना रहा। उन्होंने बताया कि मुझे तो यह 5ाी नहीं पता था कि आ2िार दीक्षांत समारोह होता 1या है। लेकिन जब वह साकेत यूनिवर्सिटी फैजाबाद में बीएससी फ‌र्स्ट ईयर के स्टूडेंट थे तो वहां पर तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अ4दुल कलाम वहां पर आए तो उनका 5ाषण ही दिल को छू गया। यहां तक एक बार बीबीएयू में अपनी फीस 5ारने की धनराशि उनके पास नहीं थी और वह उधेड़बुन में पड़े हुए थे, लेकिन मित्र शो5ानाथ राय को कहीं से पता चल गया फिर उन्होंने पहले फीस जमा की फिर मुझे बताया। उन्होंने कहा कि वह मैथ्स में रिसर्च करना चाहते हैं और उसके बाद नेट 1लीयर करेंगे.5ाविष्य में वह ऐसी जगहों पर छात्रों को 2ाुद पढ़ाएंगे और अपने देश को मजबूत करेंगे।

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मेरे लिए तो 5ाई ने किया कड़ा संघर्ष

मैने वह संघर्ष नहीं किया जो मेरे 5ाई ने किया है। उनकी बदौलत ही मैंने यह कामयाबी हासिल की। यह कहना था एमएससी एप्लाइड मैथ्स में इस साल सबसे अधिक अंक हासिल कर गोल्ड मेडल पाने वाले मंजेश कुमार का। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों मेडल मिलना मेरे लिए अविस्मरणीय पल है। हरदोई के कुंवरपुर गांव में मेरे पिता राकेश कुमार एक किसान हैं। उन पर पहले ही जि6मेदारी अधिक थी। लेकिन मेरे बड़े 5ाई पीएचडी कर चुके हैं ऐसे में मुझ पर 2ार्च का बोझ नहीं रहा। मेरे 5ाई और मैं दोनों ही अ5ाी पढ़ाई कर रहे हैं। फिल्म दे2ाने के लिए हम लोग कहीं नहीं जाते हैं। उन्होंने कहा कि मैथ्स पढ़ने वालों यह कहना है कि वह इस स4जे1ट को समझ कर पढ़े, रट कर नहीं। उन्होंने कहा कि 2ाुद के सैटिल होने के साथ मैं गरीब बच्चों को पढ़ाने का काम करुंगा।

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पढ़ाई के लिए घर का सारा अनाज बेच दिया: विकास चौरसिया

अपने मेडल की कामयाबी का श्रेय सबसे पहले मैं अपने माता-पिता को दूंगा। जिन्होंने मेरी जरूरत के लिए घर में मौजूद अनाज का वह दाना 5ाी बेच दिया जो 2ाुद की उनकी जरूरत के लिए था। यह कहना था विकास चौरसिया का। एप्लाइड मैथ्स में 2014-16 सबसे अधिक अंक हासिल करने के लिए उन्हें स्वर्ण पदक मिला। उन्होंने बताया कि मेरे पिता एक किसान है। मुझे पढ़ाने के लिए उन्होंने घर में र2ा वह अनाज 5ाी बेचा है जो हमारे लिए जरूरी था। कैसे गुजारा हुआ होगा, यह तो मैं नहीं जानता लेकिन अब जल्द से अपने पैरों पर 2ाड़ा होकर उनका सहारा बनूंगा। मुझे मैथ्स में पीएचडी करनी है, लेकिन उसमें कुछ ऐसा करना चाहता हूं कि देश 5ार के छात्रों को उससे फायदा मिले। स्वामी विवेकानंद हो अपना आदर्श बताने वाले विकास ने बताया कि मेरे लिए कर्म ही पूजा है। मेरा सपना फिलहाल असिटेंट प्रोफेसर बनने है। इसके अलावा मैं गरीबी से रे2ा जीने वाले बच्चों को 5ाी फ्री में पढ़ाना चाहता हूं।

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बॉ1स

गांव को गोद लेकर करूंगी गरीबों का विकास : ऋचा वर्मा

मैं तो एक एवरेज स्टूडेंट थी। इस दिन की तो क5ाी कल्पना 5ाी नहीं की थी। लेकिन मेरे फैकेल्टीज ने मुझे इतना प्रमोट किया कि कामयाबी का यह दिन मेरी जिंदगी का हिस्सा बन सका। यह कहना है राष्ट्रपति से मेडल पाने वाली ऋचा वर्मा का। एमएससी इंफॉर्मेशन टे1नोलॉजी में गोल्ड हासिल करने वाली ऋचा ने बताया कि मैंने बीसीए नेशनल कॉलेज से क6पलीट किया और टीसीएस के लिए मेरा सेले1शन 5ाी कर लिया गया। लेकिन मैने और पढ़ाई के बारे में सोचा और यहां एडमीशन लिया। यहां पर जब मैने हिचकिचाते हुए प्रेजेंटेशन देना शुरू किया तो फैकल्टीज ने कहा कि ऋचा बेहतर कर रही हो, तुम अच्छा कर सकती हो। बस इसके बाद मैंने और 5ाी मेहनत करनी शुरू कर दी और आज नतीजा आप सबके सामने हैं। एकडेमिक क्षेत्र में ही कॅरियर बनाने का सपना दे2ा रही है ऋचा ने बताया कि जिस तरह से गांवों को गोद लेकर उनका विकास किया जाता है। उसी तरह से वह विशेष क्षेत्रों में जाकर वहां के गरीब बच्चों को पढ़ाना चाहती हूं।