चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात

बिजली को लेकर आक्रोशित पब्लिक के तेवर को देख दो दिन पहले एमडी ने अधिकारियों संग मीटिंग की और  उन्हें लखनऊ मेन से की जा रही चार घंटे की कटौती को रात 12 बजे से पहले पूरी करा लेने के लिए निर्देशित किया था। बताते चलें कि लखनऊ मेन से दिन में दो चरणों में कटौती का शेड्यूल निर्धारित है। पहले चरण में दिन में एक से तीन बजे तक व दूसरे चरण में रात दस से 12 बजे तक की कटौती फिक्स है। लेकिन दिन की कटौती तो फिक्स शेड्यूल से हो रही है लेकिन रात की कटौती में शेड्यूल की ऐसी तैसी कर दी जा रही है। पिछले तकरीबन एक हफ्ते से इमरजेंसी कटौती के नाम पर रात दो बजे से चार बजे तक की कटौती करायी गयी। इससे पब्लिक का गुस्सा भड़क गया। जनप्रतिनिधियों ने इस मामले को सीरियसली से लिया और एमडी ऑफिस में अपना विरोध दर्ज कराया था। लेकिन सबको धोखा देते हुए बिजली आधी रात को भी गुल रही।

बिजली कटौती को लेकर पब्लिक का गुस्सा कम होता नहीं दिख रहा है। शहर के अलावा सिटी से सटे इलाकों के लोग भी बिजली की गंभीर क्राइसिस झेलने को मजबूर हैैं। बिजली के संकट को लेकर लोगों का गुस्सा शुक्रवार को राजातलाब स्थित सबस्टेशन पर धरने के रूप में फूट पड़ा। सैकड़ों की संख्या में लोगों ने जीटी रोड पर चक्का जाम कर दिया। प्रदर्शनकारी पावर कॉरपोरेशन के एमडी को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे। सूचना पर तुरंत पुलिस व बिजली विभाग के ऑफिसर्स पंहुच गये और जाम खत्म कराया।

पूरी रात आंखों में काटने का डर

खास यह रहा कि शुक्रवार को दिन के शेड्यूल्ड एक से तीन बजे तक की कटौती किसी कारण से नहीं हुई। बिजली की शेड्यूल्ड कटौती के न होने के चलते पब्लिक के मन में रात को कटौती होने की आशंका रही। लोग डरते रहे कि कहीं अगर दिन की कटौती की जगह रात को कटौती की गयी तो एक बार फिर पूरी रात आंखोंvv