- स्वच्छ सर्वे में पिछड़ने की सबसे बड़ा कारण गार्बेज कलेक्शन पर लापरवाही
वार्डो के हिसाब से वाहनों की संख्या बहुत कम
देहरादून, स्वच्छ सर्वेक्षण में दून नगर निगम के पिछड़ने के पीछे गार्बेज कलेक्शन कर रहे वाहन भी जिम्मेदार हैं। ये वाहन दिशाहीन हैं। इनकी मॉनीटरिंग का निगम के पास कोई प्लान नहीं है। वाहन किस वार्ड में कब जा रहे हैं, इसका न तो सुपर वाइजर्स को पता रहता और न ही अधिकारियों को। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इंदौर से कंपेरिजन किया तो वाहनों की संख्या वार्ड के हिसाब से बहुत कम है।
किसी वाहन पर नहीं लगा जीपीएस
नगर निगम ने रैमकी कंपनी को गार्बेज कलेक्शन करने का जिम्मा सौंपा है, इसके लिए निगम ने 71 वाहन कंपनी को सुपुर्द किए, जबकि 35 नए वाहनों को कंपनी ने हाल में खरीदा। यानी कि कंपनी के पास 106 वाहन हैं, उसमें से भी 25 वाहन वर्कशॉप में खड़े हैं।
टेंपरेरी नंबर पर चल रहे वाहन
रैमकी कंपनी की ओर से खरीदे गए 35 वाहनों का अभी तक परमानेंट रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया है, जबकि मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार परमानेंट नंबर मिलने के बाद ही माल वाहन को संचालित किया जाता है। ऐसे में मोटर व्हीकल एक्ट की कंपनी खुलकर धज्जियां उड़ा रही है।
इंदौर की हैट्रिक का राज
- वार्ड - 85
- वाहन - 600
- वाहन पर जीपीएस
- दो शिफ्ट में कूड़ा उठान
- सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे
- शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक
- 10 मिनट से ज्यादा खड़ा नहीं होगा वाहन
- वाहन की खराबी पर 10 मिनट में पहुंचेगा दूसरा वाहन
दून का ड्रॉ बैक
- वार्ड - 100
- वाहन - 106
- खराब - 25
- वाहन बिना जीपीएस
- गार्बेज कलेक्शन का नहीं फिक्स टाइम
- वाहन के खराब होने पर दूसरा वाहन नहीं।
- वार्ड में घूम रहे वाहन का टाइम फिक्स नहीं
- वर्कशॉप 20 किलोमीटर दूर
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दून नगर निगम को इंदौर से सीख लेने की जरूरत है। चौथी बार भी स्वच्छ सर्वेक्षण में बाहर होना अपने आप में शर्मनाक बात है।
सुलेमान अंसारी, पूर्व प्रधान, मेहूंवाला
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- वाहनों की मॉनीटरिंग का निगम के पास कोई प्लान नहीं है। ऐसे में कब गार्बेज कलेक्शन हो रहा इसका निगम के पास कोई डाटा नहीं है।
अखिलेश सिंह, समाज सेवी
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- नए वाहनों को टेंपरेरी नंबर पर दौड़ाया जा रहा है। ऐसे में यदि कोई वारदात हो जाती है, तो इसका खुलासा करना मुश्किल हो जाएगा।
हेमलता सिंह, समाज सेवी
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वाहनों पर जल्द ही जीपीएस लगाया जाएगा। इसके अलावा कंपनी को अतिरिक्त वाहन खरीदने होंगे। जिससे अगली सर्वे में चूक न हो।
सुनील उनियाल गामा, मेयर