KANPUR:

रूमा इंडस्ट्रियल एरिया में शुक्रवार रात हुए पूर्वा एक्सप्रेस रेल हादसे में चार पैसेंजर्स घायल हुए हैं. घायलों की संख्या देखकर अगर आप ये अंदाजा लगा रहे हैं कि हादसा बेहद मामूली था तो आप पूरी तरह गलत हैं. क्योंकि हादसे के वक्त ट्रेन अपनी पूरी रफ्तार यानि 127 किमी प्रति घंटे से दौड़ रही थी. तभी एक झटका लगा और 12 डिब्बे पटरी से उतरकर पलट गए. पैसेंजर्स जब किसी तरह कोच से बाहर निकले तो नजारा देखकर उनके दिल दहल गए. उन्हें यह ईश्वर के किसी चमत्कार जैसा लग रहा था. ट्रेन में सवार हजारों पैसेंजर्स ने खुद का सही सलामत पाकर ईश्वर का शुक्रिया अदा किया. लेकिन, अफसर इसे ईश्वर का करम के साथ रेलवे की इंजीनियरिंग को श्रेय दे रहे हैं. क्योंकि ट्रेन में आधुनिक तकनीक वाले एलएचबी कोच लगे हुए थे. जिसके चलते ही इतने भयानक हादसे में भी एक भी पैसेंजर की जान नहीं गई. अगर ट्रेन में आईसीएफ कोच लगे होते तो यहां का मंजर कुछ और ही होता.

चारों ओर होता लाशों का मंजर

रेलवे अधिकारियों के अनुसार पूर्वा एक्सप्रेस में एलएचबी कोच लगे हुए थे. इसी की वजह से ट्रेन 127 किमी की रफ्तार में दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद भी कोई कैजुएलिटी नहीं हुई और ट्रेन के कोच पटरी से उतरने के बाद भी एक के ऊपर एक नहीं चढ़े. यही एलएचबी कोच की खासियत होती है. अगर ट्रेन में पुरानी तकनीक के आईसीएफ कोच होते तो शायद चारों ओर लाशों का मंजर देखने को मिलता.

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25000 कोच पर अभी भी खतरा

सन 2016 में पुखरायां ट्रेन हादसे के वक्त आए तत्कालीन रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने बताया था कि सन 2020 तक रेलवे ट्रेन के सभी कोच को एलएचबी रेक में बदल देगा. लेकिन, उस वक्त भी करीब 53000 आईसीएफ कोच पटरियों पर दौड़ रहे थे. सीपीआरओ गौरव कृष्ण बंसल के अनुसार वर्तमान में करीब 50 परसेंट ट्रेनों में नई तकनीकी के एलएचबी कोच का इस्तेमाल किया जा रहा है. जबकि, करीब 25000 आईसीएफ कोच अभी भी खतरा बने हुए हैं.

'आईसीएफ' कोच के कुछ हादसे

- 10 जुलाई 2011 की रात फतेहपुर मलवां के पास हावड़ा कालका मेल पटरी से उतरी. ट्रेन में आईसीएफ कोच ही लगे थे. 13 बोगियां पटरी से उतरीं. कई बोगियां आगे वाली बोगियों को चीरते हुए घुसीं तो कई बोगियां एक के ऊपर एक चढ़ गई. घटना में 60 से अधिक जानें गई थीं और 150 से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हुए थे.

- 22 नवंबर 2016 पुखरायां में आईसीएफ कोच लगी हुई पटना एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई. घटना में 150 से अधिक मौतें और सैकड़ों यात्री घायल हुए. यहां भी कोच एक के ऊपर एक चढ़े हुए थे.

- 28 दिसंबर 2016 को रूरा में आईसीएफ कोच लगी हुई सियाल्दह अजमेर एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई. यहां भी आंखों के सामने भयावह तस्वीर देखने को मिली. हालांकि, ट्रेन की रफ्तार कम होने के कारण कोई जान नहीं गई. लेकिन, 50 से अधिक यात्री घायल हो गए थे.