- रांची शहर में भी आ गई लोगों की बाढ़

- 18 साल में दस लाख लोग बढ़ गए सिटी में

- 1991 में सिर्फ 6 लाख लोग थे शहरी इलाके में

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RANCHI (11 July) : एक दौर था, जब लोग रांची से रोजी-रोटी की जुगाड़ में दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे महानगर जाते थे। तब रांची में रोजगार के अवसर बहुत ही सीमित थे और लोगों की क्त्रय शक्ति भी अपेक्षाकृत कम थी। लेकिन, 15 नवंबर 2000 के बाद से लेकर अब तक रांची के विकास के साथ-साथ यहां की शहरी आबादी भी बड़े रूप में प्रभावित हुई है। यह वह तारीख है, जब झारखंड एक अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था। राज्य बनने के साथ ही लोगों का राजधानी के प्रति आकर्षण बढ़ा और उसी का परिणाम यह हुआ कि कुछ ही सालों में सिटी की आबादी दोगुनी हो गयी। दो दशक पहले तक रांची शहर के लोगों के लिए जो दर्जा मेट्रो सिटीज का था और जैसे अवसर वहां मौजूद थे, आज सिटी के आसपास के ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए वही दर्जा रांची का भी हो गया है। यही वजह है कि रांची शहर में ग्रामीण पृष्ठभूमि के लोगों की आबादी तेजी से बढ़ी है, जो आसपास के ही इलाकों से आकर सिटी में बस गये हैं।

सिटी में आये 18 ब्लॉक्स के लोग

रांची के राजधानी बनने के बाद आसपास के ग्रामीण इलाकों से लोगों का आना शुरू हुआ। सिटी की आबादी हर दिन घटती और बढ़ती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि दैनिक कामगारों का बड़ा हिस्सा हर रोज शहर से 40 किलोमीटर की परिधि में मौजूद ग्रामीण इलाकों में वापस लौट जाता है। दूसरी ओर, स्थायी कामगारों का बड़ा तबका ऐसा भी है, जिसने सिटी के भीतर ही किराये के मकान को अपना आशियाना बना लिया है। रांची दो सब डिविजन में बंटा है, एक है रांची और दूसरा बुंडू। रांची और बुंडू सब डिवीजन के अंतर्गत आने वाले 18 ब्लॉक्स के ग्रामीण इलाकों से सबसे ज्यादा पलायन होता है। रांची शहर में बुढ़मू, मांडर, चान्हो, बेड़ो, लापुंग, रातू, कांके, ओरमांझी, अनगड़ा, खलारी, नगड़ी, इटकी, सिल्ली, राहे, नामकुम, सोनाहातू, तमाड़ और बुंडू के ग्रामीण इलाकों से बड़ी आबादी आकर बसी है।

इलाज का अभाव भी है पलायन का कारण

रांची शहर को नजदीक से जानने वाले इतिहासकार बताते हैं कि सिटी में आकर बसने की चाहत की एक बड़ी वजह है ग्रामीण इलाकों में हेल्थ सेक्टर की गैर मौजूदगी। रांची में बड़े हॉस्पिटल हैं, जो ग्रामिणों को शहर की ओर खींच लाते हैं। दूसरी ओर, रोजगार की तलाश भी गांवों से लोगों के पलायन की सबसे बड़ी वजह है। रांची में 1311 गांव हैं, जिनमें से 15 गांव ऐसे भी हैं, जहां कोई नहीं रहता। 500 गांव तो ऐसे हैं, जहां बीस से 25 घर ही हैं। वहां की आबादी शहर की ओर कूच कर चुकी है।

एक नजर

रांची जिले में कुल गांव - 1311

जिले की कुल आबादी - 2914253 (सेंसस 2011)

सिटी की आबादी - 1820000 (मौजूदा अनुमानित)

ऐसे बढ़ी रांची शहर की आबादी

वर्ष - आबादी

1961 - 1,40,000

1971 - 2,66,000

1981 - 5,02,000

1991 - 6,14,000

2001 - 8,00,000

2011 - 14,00,000

2018 - 18,00,000 (अनुमानित)