- पॉपुलर की खेती के लिए किसानों ने भरी हामी, भेजा गया प्रस्ताव

- प्रस्ताव पर मुहर लगने के साथ ही खेतों में धान की बजाय दिखेगा पॉपुलर

- धान के अलावा पॉपुलर व अन्य फसलों की पूरी देखरेख करेगा शासन

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ:

कीटनाशक, फर्टीलाइजर, महंगे बीज, दिन भर की भागदौड़, चौबीसों घंटे गांठ भर पानी, कटाई, पिटाई और फिर मुट्ठी भर धान उपजाने वाले किसान अब खेतों में नकदी फसल उगाएंगे। इन किसानों की मदद के लिए यूपी क्रॉप डास्प ने पापुलर की खेती का विकल्प निशुल्क उपलब्ध कराए जाने का प्रस्ताव रखा है। शासन की मुहर और किसानों रजामंदी मिली तो खेतों में धान की बजाय पापुलर लहलहाएगा।

3.5 हजार किसानों ने भरी हामी

यूपी क्रॉप डास्प ने प्रस्तावित योजना के लिए मार्च में सर्वे कराया था। सर्वे में करीब साढ़े तीन हजार किसानों ने हामी भी भर दी है। सर्वे रिपोर्ट में किसानों ने हां अथवा नहीं में जवाब दिया है। इसमें किसानों ने धान की खेती न करने के बाद चावल के महंगे होने, परंपरागत खेती बंद होने से क्रमिक फसल बुआई में दिक्कत और अन्न की कोठरी खाली होने जैसे तर्क भी पेश किए। उन्होंने धान की खेती में लागत और मेहनत के सापेक्ष मुनाफा न होना परेशानी का सबब बताया।

यह होगा फायदा

क्रॉप डास्प के परियोजना अधिकारी वीके सिंह के अनसुार पॉपुलर के तने, टहनी से माचिस की तीली के अलावा अन्य सामग्री बनाई जाती है। इनकी रोपाई के पांच साल बाद इनको काटा जाएगा। इन्हें करीब 5 फीट की दूरी के हिसाब से लगाया जाता है। खाली स्थानों पर किसान उर्द, मूंग, तिलहन, सरसों, मटर, चना अथवा अन्य महंगे खाद्य पदार्थो की खेती कर सकते हैं। ऐसे में, एक ओर जहां किसानों को पांच वर्ष बाद पेड़ों की कटान के बाद एकमुश्त रकम मिलेगी। तो दूसरी ओर, किसानों को विभिन्न फसलें, जिसमें लागत और मेहनत कम लगानी होगी लेकिन मुनाफा की संभावना अधिक है।