इंजीनियर की आपत्ति से खुला सच, मामला दबाने में लगे अफसर

करीब 22 लाख रुपये खर्च किये गये एक पोर्ट स्टेशन बनाने में

balaji.kesharwani@inext.co.in

PRAYAGRAJ: शहर को कचरामुक्त रखने के लिए पोर्ट स्टेशन का निर्माण से भ्रष्टाचार की गंध आनी शुरू हो गयी है। 22 लाख रुपये प्रति पोर्ट स्टेशन के इस प्रोजेक्ट को नगर निगम ने कम्प्लीट दिखाकर पेमेंट भी कर दिया। विभाग के ही एक इंजीनियर ने रीटेन कम्प्लेंट की तो इस सच से पर्दा उठा। अब अफसर इसे दबाने में जुट गये हैं। नगर निगम के अफसर यह भी मानने को तैयार नहीं हैं कि उनको किसी ने कोई शिकायत की है।

विभाग ने ही खड़े किए सवाल

पोर्ट स्टेशन के निर्माण और पेमेंट को लेकर नगर निगम के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने ही सवाल खड़ा किया है। सूत्र बताते हैं कि इस पर इंटरनल जांच शुरू हुई और अब इसे दबा दिया गया है। बता दें कि एक पोर्ट स्टेशन बनाने के लिए नगर निगम ने करीब 20 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया था। करोड़ों रुपये का बजट पोर्ट स्टेशन के लिए पास भी हो गया। इसके बाद भी स्थिति यह है कि यह पोर्ट स्टेशन शहर में ढूंढे नहीं मिल रहे।

क्यों आ रही घोटाले की बू

पोर्ट स्टेशन बनाने का जिम्मा सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट का था।

नगर निगम ने यह काम कर्मशाला से करवाया

इसका परीक्षण भी इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट से नहीं कराया गया

पेमेंट हो गया। लेकिन, काम की एमवी नहीं हुई।

वर्क प्लान पर किसी सिविल इंजीनियर के दस्तखत नहीं हैं।

कुंभ मेला बाद पोर्ट स्टेशन निर्माण पर सवाल उठे तो सिविल डिपार्टमेंट के एक इंजीनियर ने रिटेन कम्प्लेंट में नगर आयुक्त व अन्य अधिकारियों को लिख कर दे दिया है कि बिना उनके दस्तखत के पोर्ट स्टेशन का पेमेंट हो गया है।

ताकि शहर रहे साफ

स्मार्ट सिटी बनने जा रहे प्रयागराज में मेन रोड के किनारे ही बड़े-बड़े कूड़े अड्डे हैं। यहां कचरा सड़ता रहता है। दुर्गध से लोगों को इन कूड़ा अड्डों के सामने से गुजरते वक्त नाक पर रुमाल रखना पड़ता था। स्मार्ट कूड़ा अड्डा बनाने केबाद नगर निगम ने शहर में 33 जगह पोर्ट स्टेशन बनाने का प्लान किया था। प्लानिंग थी कि कचरा छोटी गाडि़यों से यहां मंगाया जाएगा। जो काम्पैक्टर के अंदर चला जाएगा। यहां पांच काम्पैक्टर लगाए जाने थे।

पोर्ट स्टेशन के गिनाए गए थे ये फायदे

पूरी तरह पैक्ड होगा पोर्ट स्टेशन सड़क पर कचरा नहीं दिखेगा

पोर्ट स्टेशन में लगे होंगे शटर। शटर बंद होने से कचरा नहीं आ पाएगा बाहर और बदबू से मिलेगी निजात

इससे मच्छर व मच्छर जनित रोग का भी खतरा हो जाएगा कम

पोर्ट स्टेशन बनाने में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। कुछ पोर्ट स्टेशन नहीं बन पाए हैं, बाकि रन कर रहे हैं। इसके पेमेंट को लेकर अगर कोई कोई गड़बड़ी है तो इसकी जांच की जाएगी। इंजीनियर द्वारा रिटेन में कोई कम्प्लेन किए जाने की जानकारी मुझे नहीं है।

डा। उज्जवल कुमार

नगर आयुक्त

पोर्ट स्टेशन बन चुके हैं तो आज भी खुले में कचरा घर क्यों चल रहे हैं। ममफोर्डगंज वार्ड में तो कहीं भी पोर्ट स्टेशन नहीं है। कम्प्लीट वर्किंग पोर्ट स्टेशन फिलहाल कहीं भी नहीं है।

रतन दीक्षित

वरिष्ठ पार्षद, भाजपा

कुल 33 पोर्ट स्टेशन शहर में बनने थे। अभी तक एक भी कूड़ा अड्डा पूरी तरह से पोर्ट स्टेशन नहीं बन सका है। कचरा सड़क पर गिर ही रहा है। हरी-भरी को पांच पोर्ट स्टेशन बनाने थे। उसने अभी तक एक भी पोर्ट स्टेशन नहीं बनाया है। यह सही है कि पोर्ट स्टेशन का एमवी नहीं हुआ है। किसी इंजीनियर ने पोर्ट स्टेशन के बारे लिखकर दिया है, इसकी जानकारी नहीं है। पोर्ट स्टेशन बनाने का पूरा काम नगर निगम और कमिश्नर के जिम्मे था। कमिश्नर ही पूरे काम की निगरानी कर रहे थे।

अभिलाषा गुप्ता नंदी

मेयर, नगर निगम प्रयागराज