- चौकसी को दरकिनार कर पास्को कोर्ट में किया सरेंडर

- आरोपी दरोगा लगभग एक माह से चल रहा था फरार

Meerut: टीपीनगर की किशोरी से रेप के मामले में करीब एक महीने से फ रार चल रहे ब्रह्मापुरी थाने के दारोगा संजीव डोगरा ने बुधवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। जिसके बाद उसे कड़ी सुरक्षा में जेल भेज दिया गया। गौरतलब है कि चर्चित मामले में पुलिस दारोगा को काफ समय से तलाश कर रही थी।

ये था मामला

25 जनवरी को टीपीनगर के मलियाना की रहने वाली किशोरी से लिसाड़ीगेट के रईस ने दुष्कर्म और ताहिर और शहजाद ने छेड़छाड़ की थी। जो वर्तमान समय में जेल में है। रईस ने किशोरी के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसे ब्रह्मापुरी थाने में कार्यरत दारोगा संजीव डोंगरा को सौंपा दिया। आरोप है कि दारोगा ने भी युवती को उसके परिजनों के सुपुर्द न करके रातभर होटल में रखकर उसके साथ दुष्कर्म किया। परिजनों के हंगामे के बाद किशोरी को कोर्ट में पेश किया गया तो उसने अपने 164 के बयान में दरोगा की काली करतूत का खुलासा किया।

मामा पर लगाया आरोप

वहीं इस पूरे मामले के बाद रविवार को किशोरी दोबारा से अगवा हो गई लेकिन दस दिन बाद तमाम दबाव के चलते पुलिस ने किशोरी को संभल से बरामद कर लिया था। इस बार किशोरी ने अपने रिश्ते के मामा और ममेरे भाई पर खुद का अपहरण और दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। इस मामले में परिजनों और भाजपाइयों द्वारा आरोपी दरोगा की गिरफ्तारी को लेकर किए जा रहे हंगामे के चलते पुलिस दबाव में थी।

चेहरा ढक पहुंचा कोर्ट

काफी समय से दरोगा को बचाने का प्रयास कर रहे अधिकारी बैकफु ट पर आ गए। दबाव के चलते आरोपी दरोगा संजीव डोगरा बुधवार को चेहरे पर कपड़ा ढककर सीजीएम कोर्ट में पेश हो गया। हालांकि अधिकारियों द्वारा यह दावा किया जाता रहा कि दरोगा की तलाश में कचहरी में भी पुलिस तैनात की गई है। कोर्ट में दरोगा के पेश होने के बाद पुलिस ने कड़ी सुरक्षा में उसे जेल भेज दिया।

क्यों नहीं लगी खबर

सवाल उठता है विभाग के दरोगा के कोर्ट में सरेंडर करने की खबर पुलिस को क्यों नहीं लगी? जबकि पुलिस के पास तमाम संसाधन मौजूद है। इससे यह लगा रहा है कि दरोगा के सरेंडर करने में कुछ पुलिस अधिकारियों ने अहम भूमिका निभायी है।