- आई स्पेशल

- एमएलएन मेडिकल कॉलेज में बढ़ेंगी पीजी की 19 सीटें, भेजा गया प्रपोजल

- एमसीआई से छह विभागों में सीटें बढ़ाने को मिल चुकी है हरी झंडी

ALLAHABAD: एमएलएन मेडिकल कॉलेज के खाते में साल भर के भीतर दूसरी सफलता दर्ज होगी। पिछले वर्ष एमबीबीएस में 50 सीटें बढ़ने के बाद अब पोस्ट ग्रेजुएशन की सीटें बढ़ने का भी रास्ता साफ हो गया है। कॉलेज प्रशासन ने एमसीआई की मांग पर प्रपोजल भेज दिया है और जल्द ही सीटें बढ़ने की उम्मीद जतायी जा रही है।

छह विभागों में दूर हुई कमियां

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को सात विभागों में पीजी सीटें बढ़ाने के निर्देश दिए थे। इसके लिए इन विभागों में मौजूद कमियां पूरी करने को भी कहा गया था। कॉलेज ने इस पर अमल करते हुए छह विभागों में खाली पड़े पीजी टीचर्स की नियुक्ति कर दी है। इसके बाद हाल ही में सीटें बढ़ाने का प्रपोजल भी भेज दिया है। छह विभागों में मिलाकर कुल 19 सीटें बढ़ाई जानी तय मानी जा रही हैं।

विभागवार बढ़ेंगी कितनी पीजी सीटें

विभाग मौजूदा सीटें बढ़ेगी

पैथोलॉजी पांच तीन

कम्युनिटी मेडिसिन दो दो

गायनेकोलाजिस्ट सात दो

एनेस्थीसिया पांच सात

आर्थोपेडिक तीन एक

पीडियाट्रिक्स तीन चार

मांगा है अनिवार्यता प्रमाणपत्र

एमसीआई के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज ने जरूरी ना‌र्म्स पूरे कर प्रपोजल भेज दिया है। इसके साथ ही अनिवार्यता प्रमाणपत्र की मांग की गई है। पूर्व में यह प्रमाणपत्र मिल भी चुका है। लेकिन औपचारिक तौर पर दोबारा शासन से इसे लेना जरूरी होता है, जिससे टीचर्स की सैलरी और पीजी स्टूडेंट का स्टाइपेंड टाइमली रिलीज करवाया जा सके। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि अब केवल औपचारिकता ही शेष रह गई है। एमसीआई का दौरा होने के बाद सीटों के बढ़ाए जाने पर अंतिम मुहर लग जाएगी।

तो हो जाएंगी 80 सीटें

वर्तमान में मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों में कुल 61 पीजी सीटें मौजूद हैं। 19 सीटों का एप्रूवल मिलने के बाद सीटों की संख्या बढ़कर 80 पहुंच जाएगी। इससे कॉलेज का शैक्षणिक स्तर बेहतर होने के साथ मरीजों को मुफीद इलाज मिलेगा। एक सीट बढ़ने से पीजी कोर्स के तीन सालों में तीन सीटें बढ़ती हैं। इससे एसआरएन हॉस्पिटल के वार्डो में इलाज के लिए जूनियर डॉक्टर्स की संख्या में जबरदस्त इजाफा होगा।

बॉक्स

पीडियाट्रिक में फंसा पेच

उधर, चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के दो प्रोफेसर्स डॉ। डीके सिंह और डॉ। रुचि राय के छोड़कर चले जाने से यहां पीजी सीटों के बढ़ने में कॉलेज को नुकसान उठाना पड़ा है। हॉस्पिटल में छह सीटों के बढ़ना तय माना जा रहा था लेकिन पीजी टीचर्स की अचानक कमी हो जाने से चार सीटों से ही संतोष करना पड़ेगा। हालांकि, इससे डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हॉस्पिटल को इलाज में काफी राहत मिलेगी।

- यह काफी खुशी की बात है। हमने छह विभागों में कमियां पूरी कर ली हैं। जल्द ही एमसीआई का दौरा होने के बाद सीटों की बढ़ोतरी पर अंतिम मुहर लग जाएगी। इससे कॉलेज का पठन-पाठन के माहौल में वृद्धि होगी और मरीजों को भी बेहतर इलाज मिलेगा।

प्रो। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज

फैक्ट फाइल

- वर्ष 2015 में एमबीबीएस की 50 सीटें बढ़ने से इनकी संख्या 150 हुई

- पीजी में वर्तमान में हैं 61 सीटें, जो बढ़कर हो जाएंगी 80

- पीडियाट्रिक में टीचर्स के छोड़ देने से नहीं बढ़ेंगी सीटें

- पीजी सीटें बढ़ने से मरीजों के इलाज में आएगी बेहतरी