- बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पोस्ट मॉर्टम हाउस का हाल भी बदहाल

- फर्श पर पड़ी हैं डेड बॉडी, जंग लगे उपकरणों से कर दिया जाता पोस्ट मॉर्टम

GORAKHPUR: लखनऊ के लोहिया अस्पताल के पोस्ट मॉर्टम हाउस में डेड बॉडी के साथ हुई लापरवाही बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भी जारी है। यहां सफाई और डेड बॉडी के रख-रखाव में अव्यवस्था का ये आलम है कि डेड बॉडी को डीप फ्रीजर में ना रख फर्श पर ही फेंक दिया जा रहा है। लापरवाही का ये नजारा सामने आया है दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में। स्थिति इतनी विभत्स कि चूहे और नेवले फर्श पर पड़ी डेड बॉडी के कान, नाक और आंख तक खा जा रहे हैं। वहीं, डेड बॉडी की चीरफाड़ में इस्तेमाल होने वाले इक्पिवमेंट्स भी काफी पुराने और एमसीआई मानकों से इतर हैं।

हर इंतजाम नाकाफी

लखनऊ के लोहिया अस्पताल की मर्चरी में महिला की डेड बॉडी क्षत-विक्षत मिलने के बाद दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने सोमवार को बीआरडी के पोस्ट मॉर्टम हाउस का हाल जानने की ठानी। यहां पहुंचे रिपोर्टर ने जो नजारा देखा उसने एक बार फिर जिम्मेदारों द्वारा व्यवस्थाओं के दावों की पोल खोल दी। पोस्ट मॉर्टम हाउस में आठ डेड बॉडी फर्श पर पड़ी थीं। जबकि नियमत: उन्हें डीप फ्रीजर में रखा जाना चाहिए। एक एंप्लॉई ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि यह सिर्फ नाम का पोस्ट मॉर्टम हाउस है। यहां बीआरडी प्रशासन की ओर से कोई सुविधा नहीं दी जाती है। सफाई के लिए फिनायल और ब्लीचिंग पाउडर तक नहीं मिलता है। फर्श की धुलाई के पानी तक का इंतजाम नहीं है। यहां तक कि कर्मचारी गम में डूबे परिजनों से ही कफन, ग्लव्स, सुई, ब्लेड, मोमबत्ती और सील करने के लिए सामान मंगवाते हैं। परिजनों से जबरदस्ती लगभग 2000 रुपए भी वसूले जाते हैं।

फर्श पर ही पोस्ट मॉर्टम

पोस्ट मॉर्टम के लिए बाकायदा अत्याधुनिक उपकरण इस्तेमाल किए जाते हैं। इसके लिए अलग से ऑपरेशन टेबल की जरूरत पड़ती है। लेकिन बीआरडी के पोस्ट मॉर्टम हाउस में ऐसा कुछ भी नहीं है। शवों को बेरहमी से फर्श पर लिटाकर हैमर और छेनी के सहारे फाड़ दिया जाता है। डॉक्टर्स के मुआयने के बाद उसे सील कर परिजनों के हवाले कर दिया जाता है। वहीं, यहां की लाइटिंग व्यवस्था भी पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। सिर्फ एक बल्ब के सहारे काम चलाया जा रहा है। वहीं, डेड बॉडी रखने के लिए यहां लगे दो डीप फ्रीजर भी महीनों से खराब पड़े हैं।

डेड बॉडी बन रही जानवरों का खाना

वहीं, पोस्ट मॉर्टम हाउस के अगल- बगल काफी झाडि़यां उग आई हैं जिनकी कभी सफाई ही नहीं की जाती। इन झाडि़यों में घर बना चुके चूहे, नेवले आदि जानवर फर्श पर पड़ी डेड बॉडी को अपना भोजन बनाने लगे हैं। एक एंप्लॉई ने बताया कि कई बार यहां की बदहाली का मामला उठता रहा है। मेडिकल कॉलेज में एमसीआई की टीम दौरा भी कर चुकी है। बावजूद इसके जिम्मेदारों ने पोस्ट मॉर्टम हाउस की दशा सुधारने के लिए कुछ नहीं किया।

नया पीएम हाउस तो बस शो पीस

बीआरडी के पुराने पोस्ट मॉर्टम हाउस की शिफ्टिंग में भी जिम्मेदारों ने काफी लापरवाही बरती रही है। उदासीनता का आलम है कि यहां लाखों की लागत से बने नए पोस्ट मॉर्टम हाउस के बावजूद शव बदहाल पुराने पोस्ट मॉर्टम हाउस में सड़ रहे हैं। सीएमओ द्वारा उद्घाटन के बाद भी शिफ्टिंग नहीं हो सकी। जबकि इस पोस्ट मॉर्टम हाउस में सारी सुविधाएं मौजूद हैं।

पोस्ट मॉर्टम में इनकी होती है जरूरत

बोन कटर, कैंची, ब्लेड, निडल, लैंप, वजन नापने की मशीन, स्केल, धागा, एग्जामिनेशन काउच टेबल, ऑपरेशन थिएटर की तरह लाइटिंग की उचित व्यवस्था, पोस्ट मॉर्टम हाउस फुल एसी होना चाहिए।

यहां बस यही मौजूद

सिर्फ जंग लगे उपकरण,

जंग लगे हैमर, छेनी, चाकू आदि

वर्जन

पोस्ट मॉर्टम हाउस की जिम्मेदारी पुलिस विभाग की होती है। मेरा कार्य सिर्फ डॉक्टर देना होता है। जहां तक शिफ्टिंग का सवाल है तो पानी की निकासी ना होने की वजह से पीएम हाउस शिफ्ट नहीं हो पाया है। जल्द से जल्द शिफ्ट करवाया जाएगा।

- डॉ। रवींद्र कुमार, सीएमओ