-होली की आड़ में पोस्टर और बैनर से भड़ास निकाल रहे पार्टी कार्यकर्ता

-चुनावी दौड़ में कोई किसी से कम नहीं, पोस्टर का जवाब पोस्टर से

-बैनर व पोस्टर के चक्कर में यहां हमेशा रहा है विवाद

piyush.kumar@inext.co.in

ALLAHABAD: बुरा न मानो होली है। होली के नाम पर चल रहा है खेल। चुनाव आयोग के डंडे से बचने के लिए पॉलिटिकल पार्टी से जुड़े समर्थकों ने नया फंडा अपना लिया है। होली के नाम पर पोस्टर और बैनर लगा रहे हैं। इसे भड़ास निकालने का जरिया बनाया जा रहा है। सब कुछ लिखने के बाद नीचे एक लाइन जरूर होती है, बुरा न मानो होली है। वैसे भी इलाहाबाद में पोस्टर की राजनीति बहुत पुरानी है। राजनीति पोस्टर और बैनर यहां हमेशा चर्चा का विषय बनते हैं।

ब्रांडिंग का खेल

विवादित पोस्टर या बैनर बनाने के साथ पॉलिटिकल पार्टी से जुड़े उसके समर्थक उसका प्रचार प्रसार भी उतनी ही तेजी से करते हैं। मकसद सिर्फ ब्रांडिंग करना होता है। ज्यादा से ज्यादा लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचना होता है। कोशिश होती है पार्टी के आला कमान तक मीडिया के माध्यम से यह मैसेज पहुंच सके कि उनके समर्थक कितना एक्टिव हैं। वे चुनाव प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं।

विवादित चीजों का क्रेज

आज के समय में विवादित चीजें ही खबरें बनती हैं। सुर्खियां पाती हैं। विवाद सामने आने के बाद इसमें हर किसी का अपने आप इंट्रेस्ट क्रिएट हो जाता है। हर कोई यह जानना चाहता है कि मामला क्या है। इसे चर्चा में बने रहने वाले जान चुके हैं। तभी तो वह हर बार कुछ न कुछ ऐसा करते हैं जिससे विवाद हो जाए और वे चर्चा में आ जाएं। हम बात करते हैं पोस्टर्स की अनूठी दुनिया की।

दूल्हा है बाराती नहीं

बैरहना चौराहे पर सपा के समर्थकों ने यह स्पेशल पोस्टर लगाया था। दूल्हा है बाराती नहीं, अन्य के पास प्रत्याशी नहीं। इसी स्लोग्न के साथ यह पोस्टर बनाया गया। जिसमें सभी पार्टियों की खिंचाई गई। सिर्फ सपा सुप्रीमों को हाइलाइट किया गया। राहुल और मोदी के साथ अरविंद केजरीवाल और मायावती की स्थिति को दयनीय दर्शाया गया।

जरा सोचिए

इस बार चुनाव में बीजेपी वालों ने मोदी के समर्थन में एक पोस्टर जगह जगह लगाया। इसमें कांगे्रस के नेहरू परिवार की बुराई की गई। नेहरू, इंदिरा, राहुल और सोनिया गांधी की खिचाई की गई। सबको यह बताने की कोशिश की गई कि देश में कितना गलत हुआ।

फेंकू मोदी

कांग्रेसियों ने बीजेपी की जरा सोचिए पोस्टर का करारा जवाब दिया। एक जगह पर कांग्रेसियों ने उसी पोस्टर के बगल में अपना पोस्टर लगाया। जिस पर लिखा था मोदी फेकना छोड़ो और देश से नाता जोड़ो। इस में भारतीय लोगों की एकता की बात कही गई।

मइया अब रहती बीमार

इस चुनाव से पहले ही कांग्रेसियों ने प्रियंका गांधी को हाई लाइट करने की कोशिश की है। एक विवादित पोस्टर बनाया जिसमें सोनिया को बीमार बताया गया और प्रियंका को फ्रंट पर लाने की बात कही गई। हालांकि, इसके बाद पोस्टर बनाने वालों के खिलाफ कांग्रेस ने कार्रवाई भी की थी।

प्रियंका बनें खेवनहार

इस विवादित पोस्टर के बाद कांग्रेसियों ने उसी पोस्टर में थोड़ा चेंजिंग की। प्रियंका को खेवनहार बताया और राहुल की मदद करने की मांग की। उसी समय से प्रियंका को फूलपुर प्रत्याशी घोषित करने की बात कही थी।

मेरे कौम को बदनाम न करो

कुछ माह पहले ही शहर में केपी ट्रस्ट का चुनाव था। इस चुनाव में हर चुनाव की तरह पार्टियों का दौर चल रहा था। ऐसे में केपी ट्रस्ट के एक प्रत्याशी ने मेरे कौम को बदनाम न करों, प्राणियों की रक्षा करो। नाम से सुभाष चौराहे के पास पोस्टर लगवाया। जिसमें एक मुर्गा अपील करता है कि उसकी कौम की रक्षा की जाए।

ड्रिप चढ़ाते राहुल

बीजेपी पर हल्ला बोलने के लिए कुछ कांगे्रसियों ने लास्ट इयर भी एक विवादित पोस्टर लगाया था। जिसमें बीजेपी के प्रमुख को बीमार दिखाया गया और राहुल उनको ड्रिप लगा रहे थे।