- डीजल चोरी रोकने के लिए परिवहन विभाग अपनी बसों में लगाएगा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस

- डीजल की खपत के साथ ड्राइवर्स पर भी रखेगा नजर, स्पीड की देगा जानकारी

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KANPUR। बसों से डीजल चोरी की समस्या को रोकने के लिए परिवहन विभाग ने एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस तैयार करवाई है। पोटेशियम मीटर नाम की इस डिवाइस के बसों में लगने से डीजल की होने वाली खपत की पूरी डिटेल मिल सकेगी। परिवहन विभाग इस डिवाइस का ट्रायल कर रहा है। जल्द ही ये डिवाइस बसों में लगाई जाएगी।

कंट्रोल रूम से होंगे अटैच

पोटेशियम मीटर डीजल की होने वाली खपत के साथ साथ बस की स्पीड की भी जानकारी देगा। इसके लिए एक कंट्रोल रूम बनेगा। इस कंट्रोल रूम से ही नजर रखी जा सकेगी। परिवहन विभाग ने 10 बसों में इसका ट्रायल किया है। जिसके अच्छे रिजल्ट मिले हैं। फ‌र्स्ट फेज में लखनऊ व कानपुर जैसे सिटीज में ये प्लान लाने की तैयारी है।

छेड़छाड़ करते ही भेजेगा मैसेज

परिवहन निगम के अधिकारियों की मानी जाए तो रोडवेज की बसों में कई बार डीजल चोरी की शिकायत मिली है। इस तरह के कुछ मामले पहले पकड़े भी जा चुके हैं। जिससे इस तरह के डिवाइस की जरूरत महसूस हुई। पोटेशियम मीटर से, किस रूट पर डीजल की कितनी खपत होती है, इसकी जानकारी मिल सकेगी। इसमें सबसे खास बात ये है कि ये मीटर टंकी से होने वाली छेड़छाड़ की तुरंत जानकारी दे देगा। यानी कि टंकी में कब डीजल डाला गया और कब निकाला गया। इसकी पूरी जानकारी मिल जाएगी। कंट्रोल रूम में जानकारी आने के बाद ऐसे डीजल चोरों को चिन्हित किया जा सकेगा।

फ्यूल टैंक पर होगा फिट

निगम के अधिकारियों के अनुसार पोटेशियम मीटर को फ्यूल की टंकी में फिट किया जाएगा। इसे बस में लगने वाले वीटीएस सिस्टम से जोड़ा जाएगा। वीटीएस सिस्टम को कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। इसके चलते जब बस चल रही होगी तब भी उसके फ्यूल पर नजर रखी जा सकेगी। परिवहन विभाग ने इसको लेकर ट्रायल किया है। जो सक्सेस रहा है। वित्त विभाग से औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इसे बसों में लगाने का काम शुरू किया जाएगा।

80 करोड़ का खर्च हर माह

परिवहन निगम की बसों में खर्च होने वाले डीजल की बात करें तो हर महीने लगभग 80 करोड़ रुपए का डीजल खर्च हो जाता है। कानपुर परिक्षेत्र में लगभग 584 बसें हैं। लगभग 50 हजार पैसेंजर्स डेली ट्रैवल करते हैं। सिटी से पूर्वाचल, दिल्ली, हरिद्वार, उत्तराखण्ड, जयपुर, झांसी आदि रूटों पर बसें चलती हैं।

वीटीएस सिस्टम रखेगा नजर

वीटीएस सिस्टम से ड्राइवर्स की चाल पर भी नजर रखी जा सकेगी। कोई ड्राइवर कितनी स्पीड से चल रहा है। उसने कहां-कहां पर अचानक से ब्रेक मारा। कितनी हाई स्पीड पकड़ी। इन सब बातों की जानकारी वीटीएस सिस्टम से हो जाती है। लगभग सिटी की सभी बसों में वीटीएस सिस्टम लग चुके हैं। आरएम नीरज सक्सेना ने बताया कि रोड एक्सीडेंट को देखते हुए ये बहुत जरूरी है। इससे हम ड्राइवर्स के ड्राइविंग की निगरानी कर सकते हैं। बेतरतीब चलने वाले बस ड्राइवर्स को चिन्हित कर सकेंगे और उन्हें ड्राइविंग प्रशिक्षण भी दिया जा सकेगा।

वर्जन:

बसों में पोटेशियम मीटर लगवाने का ट्रायल परिवहन विभाग कर रहा है। जल्द ही इन्हें लगाया जाएगा।

- नीरज सक्सेना, आरएम