-विक्टोरिया पार्क स्थित ऊर्जा भवन पहुंच कर्मचारियों ने किया धरना-प्रदर्शन

-बिजली कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनर तले कई संगठन लामबंद

Meerut: मेरठ में बिजली के निजीकरण संबंधी लखनऊ में चल रही बैठक के विरोध में कर्मचारियों ने ऊर्जा भवन पर धरना प्रदर्शन किया। बिजली कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनर तले पहुंचे सैकड़ों कर्मचारियों ने डायरेक्टर को ज्ञापन सौंपकर निजीकरण का विरोध किया।

निजीकरण हुआ तो होगा आंदोलन

शासन ने मेरठ, गाजियाबाद व वाराणसी जिलों की शहरी बिजली के निजीकरण की घोषणा की है। सरकार की घोषणा से आहत विभाग के कर्मचारी इसका हर कदम पर विरोध करते आ रहे हैं। सोमवार को निजीकरण के मुद्दे को लेकर लखनऊ मुख्यालय में सभी अधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी, जिसके विरोध में कर्मचारियों ने तीन से छह बजे तक कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन किया।

कर्मचारियों का दर्द

कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार आवश्यक्ता के अनुरुप विद्युत उत्पादन युनिट नहीं लगा रही है। आज भी शहर में बिजली का ढांचा पचास साल पुराना लगा हुआ है, जबकि उनका मेंटीनेंस भी समय पर नहीं कराया जाता। कर्मचारियों का कहना है कि मांग के सापेक्ष बिजली उपलब्ध नहीं हो पा रही है, जिसका ठीकरा अफसरों व कर्मचारियों के सर फोड़ा जा रहा है। शहर में कम से कम चालीस फीसदी बिजली लाइन लोस में जा रही है। इन कारणों से विभाग लगातार घाटे में जा रहा है और इसके लिए कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

क्या होगा असर

पूरे प्रदेश का चालीस फीसदी राजस्व पश्चिमांचल से जाता है, जबकि नोएडा के बाद मेरठ राजस्व देने में सबसे अव्वल रहता है। विभागीय अधिकारियों का तो यहां तक कहना है कि पश्चिमांचल से ही प्रदेश के अन्य कंपनियां भी चलती है। ऐसे में कर्मचारियों का दर्द यह है कि यदि मेरठ के शहर की बिजली का निजीकरण हुआ तो शहरी अफसरों व कर्मचारियों को न केवल देहात जोकि कम राजस्व वाला क्षेत्र में भेज दिया जाएगा, बल्कि उनके वेतन के भी लाले पड़ जाएंगे।

मंगलवार को भी प्रदर्शन

कर्मचारियों को कहना है कि मंगलवार को भी तीसरे पहर वो अपना काम काज बंद करके धरना प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान वह एमडी विजय विश्वास पंत से मिलकर निजीकरण का विरोध जताएंगे।

ये रहे शामिल

धरना प्रदर्शन करने वालों में अभियंता संघ के क्षेत्रीय सचिव आरके सिंह, आईपी सिंह, मजदूर संघ के दीपक कश्यप, एसएन बंसल व महावीर सिंह आदि लोग मौजूद रहे।

बिजली का निजीकरण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले में अभियंता व समस्त कर्मचारी एकजुट हैं। ऊर्जा भवन यदि उनकी समस्याओं पर गौर नहीं करता तो लखनऊ तक धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

दिलमणी प्रसाद थपलियाल, कर्मचारी नेता