- 2009 से नहीं जमा हो रहे हैं बिजली बिल

- 8 लाख रुपए का बिजली बिल है बकाया

BAREILLY:

बिजली बिल जमा करने में फिसड्डी पब्लिक ही नहीं सरकार के नुमाइंदे भी हैं। इनमें कमिश्नर और डीएम का नाम भी शामिल है, जो कि अपने आवास पर दिन-रात बिजली का इस्तेमाल धड़ल्ले से कर रहे हैं, लेकिन बिजली बिल जमा कराने में पीछे हैं। इनके ऊपर एक-दो हजार रुपए का नहीं बल्कि लाखों रुपए का बिजली बिल बकाया है। बार-बार रिमाइंडर भेजे जाने के बाद भी इनके आवास पर खर्च हो रही बिजली का पेमेंट बिजली विभाग को नहीं हो रहा है।

8 साल से नहीं जमा हुए बिल

इन ऑफिसर्स के आवास का सालों से बिजली बिल जमा नहीं हो रहा है। कमिश्नर और डीएम के आवास का लास्ट बिजली बिल 25 मार्च 2009 को जमा हुआ था। 8 साल से कोई बिल जमा नहीं हुआ है। वहीं डिप्टी कंट्रोलर, सिविल डिफेंस ऑफिसर के आवास पर 22 जुलाई 2007 से बकाया चल रहा है। बिजली विभाग के चार डिवीजन में से मैक्सिमम ऑफिसर्स के आवास फ‌र्स्ट डिवीजन

के परिधि में ही आते हैं। बिजली बिल जमा करने के लिए विभाग की ओर से बार-बार रिमाइंडर भेजा जा रहा है। हर महीने बिजली बिल भी जेनरेट किया जा रहा है, लेकिन सरकारी आवासों के बिल जमा नहीं हो सके हैं। कमिश्नर और डीएम आवास का लास्ट बिल 27 जनवरी 2017 भेजा गया था।

लाखों रुपए का बिल बकाया

बिजली विभाग के बकाएदारों की लिस्ट में जो ऑफिसर्स शामिल हैं उनमें कमिश्नर, डीएम के अलावा सिविल डिफेंस के डिप्टी कंट्रोलर, डिप्टी लेबर कमिश्नर, तहसीलदार सदर, एई पीडब्ल्यूडी, डिप्टी एसपी ट्रेनिंग, सहकारी समिति के डिप्टी रजिस्ट्रार सहित अन्य ऑफिसर्स शामिल हैं। कमिश्नर आवास पर 6 लाख 62 हजार 981 रुपए का बिजली बिल बकाया है। वहीं डीएम आवास पर 5 लाख 30 हजार 694 रुपए का बिजली बकाया है। इसी तरह बाकी ऑफिसर्स के आवास का भी बिजली बिल ड्यू है।

बिजली कर्मचारियों के फूल रहे हाथ-पांव

सरकारी आवासों पर बिजली का मिसयूज भी खूब हो रहा है। दिन-रात यहां पर सोलर लाइट जलती रहती है। जबकि, इसे कंट्रोल किया जाए तो सैकड़ों नए कंज्यूमर्स को आसानी से बिजली सप्लाई की जा सकती है। 8 साल से लाखों रुपए बकाया होने के बाद भी सरकारी आवासों के कनेक्शन काटने के नाम पर बिजली विभाग के अधिकारी मौन साधे हुए हैं। जबकि, सामान्य कंज्यूमर्स पर 4-5 हजार रुपए का भी बिल बकाया है, तो वह इनकी नजर में जुर्म हो जाता है। विद्युत विच्छेदन की नोटिस थमा कर तुरंत बिजली कनेक्शन काट देते हैं।

जरा चीफ इंजीनियर की सुनिए

बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर राजकुमार अग्रवाल से फोन पर यह जानने का प्रयास किया गया कि कमिश्नर, डीएम सहित अन्य सरकारी आवासों पर लाखों रुपए का बकाया है। आप क्या कर रहे हैं। बकाया वसूलने, नोटिस देने या बिजली कनेक्शन काटने के बारे में जिम्मेदारी भरा जवाब देने की बजाय चीफ इंजीनियर की घिग्घी बंध गई और उन्होंने फोन काटने में ही भलाई समझी।

ऑफिसर - बकाया

डिप्टी कंट्रोलर - 8,28,927.2

सिविल डिफेंस

एई पीडब्ल्यूडी - 7,99,934.6

सिविल डिफेंस ऑफिसर - 7,80,241.2

कमिश्नर - 6,62,081.4

डीएम - 5,30,694.3

डिप्टी लेबर कमिश्नर - 4,71,296.3

एडीएम ई कैंप - 2,14,566.2

तहसीलदार सदर - 1,93,689.4

एसएसपी ऑफिस - 1,66,106.6

डिप्टी रजिस्ट्रार सहकारी समिति - 1,59,710.1

डिप्टी एसपी ट्रेनिंग - 1,46,948.3

बिजली का बिल मिलने पर उसे प्लेस कर शासन को भेजा जाएगा। शासन से पैसा आते ही बिल जमा किया जाएगा।

प्रमांशु कुमार, कमिश्नर

प्रभारी नजारत से बिजली बिल का पेमेंट होता है। आज संडे है वैस भी कुछ नहीं हो सकता। ऑफिस खुलने पर इस बारे में देखते है।

सुरेंद्र सिंह, डीएम