-सिटी के कई एरिया में बिजली की प्राब्लम से जूझ रहे लोग

-लाख अधिकारियों के मिन्नतों के बावजूद नहीं मिल रहा समाधान

- अधिकारी अपने आफिसेस में पूरे टाइम बिजली का उठा रहे लुत्फ

-आईनेक्स्ट के रियलिटी चेक में सच आया सामने

ALLAHABAD: प्रदेश में बिजली की समस्या दिन ब दिन गहराती जा रही है। पावर कट की अवधि भी बढ़ा दी गई है। दूसरी ओर कई इलाकों में लोकल फॉल्ट, ट्रांसफॉर्मर जलने की वजह से भीषण उमस में लोगों का जीना मुहाल है। कई एरिया में तो कई-कई दिनों से पावर सप्लाई ठप है। लोग विभाग के रोज चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वजह भी है अधिकारियों के आफिस में बिजली की चौबीस घंटे सप्लाई हो रही है। उन्हें इससे क्या फर्क पड़ता है कि लोगों को कई-कई दिन बिना बिजली के गुजारनी पड़ रही है। आई नेक्स्ट ने अधिकारियों के ऑफिस का जाकर रियलिटी चेक किया और जाना कि ऑफिसर्स को क्यों लोगों की प्राब्लम का एहसास तक नहीं है।

म्योहाल खंड

समय क्क्.ब्भ् मिनट

अधिशासी अभियंता ए आर रघुवंशी का चेंबर

सबसे पहले आई नेक्स्ट की टीम म्योहाल खंड के अधिशासी अभियंता एआर रघुवंशी के चेंबर में पहुंची। अधिशासी अभियंता अपने चेंबर में एसी का लुत्फ उठाते मिले। वह आफिस का कामकाज निबटाने में मशगूल दिख रहे थे। उनके केबिन में लगा एसी, पंखा और टयूब लाइट जल रहा था। क्षेत्र में बिजली समस्या के बारे में पूछने पर उनका दो टूक जवाब रहा कि बिजली कटौती का जो समय निर्धारित किया गया है बस वही कटौती जारी है। बाकी समय बिजली की सप्लाई सुचारु रूप से की जा रही है।

विद्युत नगरीय विद्युत खंड रामबाग

समय क्ख्.क्ब् मिनट

अधिशासी अभियंता इं अलोक अरोरा का आफिस

आई नेक्स्ट की टीम जब इं अलोक अरोरा के आफिस में पहुंची तो इस आफिस का हाल भी कुछ पहले जैसा ही था। हां, इतना जरूर था कि अधिशासी अभियंता के रूम में कोई ऐसी नहीं लगा था लेकिन बिजली और पंखे चल रहे थे। इस वक्त वह अपने कार्यालय में कर्मचारियों के साथ मीटिंग कर रहे थे। सभी बड़े सुकून से पंखे की हवा ले रहे थे।

चीफ इंजीनियर का आफिस

समय क्ख्.ब्ख् मिनट

अधिशासी अभियंता ए आर वर्मा

टीम जब चीफ इंजीनियर आफिस पहुंची, तो टीम को यहां अधिशासी अभियंता एआर वर्मा अपने सीट पर बैठे मिले। इस वक्त उनके कमरे की एसी और ट्यूब लाइट बकायदा जलती हुई मिली। वह अपने काम में व्यस्त थे। जब उनसे बिजली समस्या के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था कि बिजली की डिमांड है उतनी सप्लाई दी जा रही है। अगर किसी एरिया में कोई फॉल्ट होता है उससे दूर करने का प्रयास किया जाता है। डिमांड और खपत के बारे में पूछने पर उन्हें जवाब में देने में काफी टाइम लग गया। वह गोलमोल जवाब देकर रूक गए।