RANCHI : नवरात्र की खुशियों में बिजली-पानी की किल्लत खलल डाल रही है। पिछले तीन दिनों से बूटी मोड़, बीआईटी, बरियातू, चेशायर होम रोड, कोकर, लालपुर, कांटाटोली और सिंह मोड़ समेत कई इलाकों में पांच से छह घंटे तक पावर कट से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। बिजली नहीं रहने से पानी की भी समस्या पैदा हो गई है। न तो वाटर सप्लाई प्रॉपर वे में हो रही है और न ही मोटर के मार्फत पानी स्टोर हो पा रहा है। ऐसे में बिजली-पानी की अनियमित आपूर्ति ने त्योहार के दौरान व्यवस्था को दुरूस्त रखने के किए गए प्रशासन के सारे दावों की पोल खोलकर रख दी है।

गुस्से में हैं लोग

दुर्गा पूजा में भी बिजली-पानी की अनियमित आपूर्ति से लोगों के सब्र का बांध जवाब दे रहा है। लोगों का कहना है कि बिजली विभाग ने पर्व के दौरान 24 घंटे बिजली देने का दावा किया था, पर यह व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। हर दिन कम से कम पांच-छह घंटे बिजली गुल रह रह है। इतना ही नहीं, कब बिजली आएगी और कब चली जाएगी, इसका भी कोई अता-पता नहीं है। इस वजह से पानी स्टोर करने में भी दिक्कतें हो रही है।

रात में पानी स्टोर करने की मजबूरी

सुबह में पावर कट होने से सबसे ज्यादा परेशानी पानी को लेकर लोगों को उठानी पड़ती है। इसकी वजह सुबह-सबेरे में खाने-पीने से लेकर नहाने- धोने तक के लिए पानी की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है। यही वजह है कि लोग रात में ही पानी की व्यवस्था कर लेते हैं, ताकि सुबह में ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। लोगों का कहना है कि पानी स्टोर करने के लिए बोरिंग तो है, लेकिन टंकी में पानी कैसे चढ़े, जब बिजली ही दगा दे जाती है।

सुबह होते पावर कट का सिलसिला शुरू

बिजली विभाग की लापरवाही से नवरात्र में लोगों की मुसीबतें बढ़ गई है। इन दिनों सुबह से ही लोग घरों में पूजा पाठ में जुट जाते हैं। मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ आनी शुरू हो जाती है। लेकिन सुबह छह बजे से ही पावर कट का जो सिलसिला शुरू होता है, वह दिनभर जारी रहता है। ऐसे में पूजा-पाठ करने वालों के लिए भी बिजली-पानी की समस्या परेशानी पैदा कर रही है।

पाइप में लिकेज, वाटर सप्लाई ठप

रूक्का डैम के पास 30 इंच के पाइप में शनिवार को लिकेज आ गई थी। इस वजह से बुटी मोड़, बरियातू, चेशायर होम, बांध गाड़ी और कोकर इलाके समेत कई इलाकों में दो दिन वाटर सप्लाई पूरी तरह ठप रही। पाइप के लिकेज को ठीक करने में ही पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को 24 घंटे से ज्यादा लग गए, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा।