सप्लाई से अधिक डिमांड

बिजली कटौती की सबसे बड़ी वजह सप्लाई और डिमांड में अंतर है। इस वक्त डेली लगभग 375 मेगावाट बिजली की जरूरत है। जबकि सप्लाई तीन सौ मेगावाट की हो रही है। इस कमी को पूरा करने के लिए रोस्टरिंग के तहत कटौती की जा रही है। अलग-अलग वक्त में रोस्टरिंग के तहत चार घंटे की कटौती हो रही है। रोस्टरिंग के दौरान कटौती पूरी सिटी में एक साथ होती है। जब तक डिमांड सप्लाई के बराबर नहीं हो जाती है तब तक यह कटौती होती रहेगी. 
हर कोई है परेशान

बिजली कटौती से हर तबका परेशान है। बिजली कटौती की वजह से ईद की खुशियां फीकी हो रही हैं। इबादत से लेकर तैयारियां तक अंधेरे में हो रही हैं। रोजेदार तो सबसे अधिक परेशान हुए। मार्केट में कस्टमर की काफी भीड़ है लेकिन शॉप्स में इनवर्टर, जेनरेटर से जल रहे दो-चार बल्ब से रोशनी हो रही है। सावन में काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए आ रहे कांवरिया भी अंधेरे रास्ते से गुजर रहे हैं। मेलों में भी अक्सर अंधेरा हो जा रहा है। लोगों के इंटरटेनमेंट डिस्टर्ब है। फैक्ट्रीज आदि में काम प्रभावित हो रहा है.

मौसम है एक वजह

-इस समय जितनी बिजली की डिमांड है, वह गर्मी में पीक सीजन पर होने वाली डिमांड से कुछ ही कम है
-गर्मी में पीक सीजन में लगभग चार सौ मेगावाट बिजली की डिमांड होती है। इस समय इससे सिर्फ 25 मेगावाट कम बिजली की डिमांड है
-इस डिमांड की बड़ी वजह मौसम और त्योहार है। पिछले कई दिनों से अच्छी बारिश नहीं होने की वजह से काफी उमस है
-लोग पसीने से तर-बतर हो रहे हैं। उमस से बचने के लिए कूलर-पंखे का यूज कर रहे हैं
-सिर्फ एसी में ही थोड़ी राहत मिलने से एसी का यूज बढ़ गया है. 

त्योहार ने भी किया वार

-ईद के मद्देनजर पिछले कई दिनों से हर मार्केट रोशनी से नहाए हुए हैं
-अर्दली बाजार, पाण्डेयपुर, सारनाथ, कचहरी, नदेसर, जगतगंज, नई सड़क, लक्सा, गोदौलिया, गुरुबाग, समेत सभी मार्केट में शॉप को अट्रैक्टिव दिखाने के लिए शॉपकीपर्स ने उसे तेज और फैंसी लाइट्स से सजा रखा है
-शाम से गुलजार हो रहे मार्केट देर रात तक जगमग रहते हैं। इसमें जबरदस्त बिजली की खपत हो रही है
-सावन का महीना होने के नाते छोटे-बड़े शिवमंदिर इलेक्ट्रिक लाइट्स से जगमग हो रहे हैं
-दुर्गाकुण्ड, सारनाथ के अलावा कई जगहों पर मेला लगा है। इसमें भी बिजली की खपत जबरदस्त हो रही है

कम नहीं हुई कटियामारी

सिटी की बिजली सप्लाई के लिए सबसे बड़ी समस्या कटियामारी है। इस समय यह काफी बढ़ गयी है। चोरी की बिजली से मार्केट जगमग हो रहे हैं। सावन के झूले भी चोरी की बिजली से चल रहे हैं। कटियामारी को रोकने के लिए बिजली विभाग के पास पूरे इंतजाम नहीं हैं। लोकल फॉल्ट की वजह भी कटियामारी ही है.

लोकल फाल्ट के नाम पर कटौती

-रोस्टरिंग से बिजली कटौती के बाद लोकल फॉल्ट भी खूब रुला रहा है
-इसका कोई समय निर्धारित नहीं। सुबह, शाम या रात कभी भी कटौती हो जा रही है
-लोड काफी अधिक बढऩे की वजह से सबस्टेशन के ट्रांसफॉर्मर हीट हो जा रहे हैं
-ट्रांसफार्मर को जलने से बचाने के लिए लोकल स्तर पर कटौती की जा रही है
-लोड बढऩे की वजह से बेनियाबाग सबस्टेशन में गड़बड़ी हुई
-इसकी वजह से बड़े एरिया में इलेक्ट्रिक सप्लाई डिस्टर्ब हो गयी
-पिछले पंद्रह दिनों में 20 से अधिक ट्रांसफॉर्मर्स अलग-अलग एरिया में फुंक चुके हैं
-फुंके हुए ट्रांसफॉर्मर को बदलने में दो-चार दिन से अधिक का वक्त लग जा रहा है
-सिटी के लगभग हर एरिया में इलेक्ट्रिक वायर जर्जर हो चुके हैं। तेज हवा के झोंके से भी टूट जा रहे हैं
-मरम्मत के नाम पर ब्रेकडाउन भी खूब लिया जा रहा है। कभी-कभी यह दो-चार घंटे तक का हो जा रहा है



सप्लाई से अधिक डिमांड

 

बिजली कटौती की सबसे बड़ी वजह सप्लाई और डिमांड में अंतर है। इस वक्त डेली लगभग 375 मेगावाट बिजली की जरूरत है। जबकि सप्लाई तीन सौ मेगावाट की हो रही है। इस कमी को पूरा करने के लिए रोस्टरिंग के तहत कटौती की जा रही है। अलग-अलग वक्त में रोस्टरिंग के तहत चार घंटे की कटौती हो रही है। रोस्टरिंग के दौरान कटौती पूरी सिटी में एक साथ होती है। जब तक डिमांड सप्लाई के बराबर नहीं हो जाती है तब तक यह कटौती होती रहेगी. 

हर कोई है परेशान

 

बिजली कटौती से हर तबका परेशान है। बिजली कटौती की वजह से ईद की खुशियां फीकी हो रही हैं। इबादत से लेकर तैयारियां तक अंधेरे में हो रही हैं। रोजेदार तो सबसे अधिक परेशान हुए। मार्केट में कस्टमर की काफी भीड़ है लेकिन शॉप्स में इनवर्टर, जेनरेटर से जल रहे दो-चार बल्ब से रोशनी हो रही है। सावन में काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए आ रहे कांवरिया भी अंधेरे रास्ते से गुजर रहे हैं। मेलों में भी अक्सर अंधेरा हो जा रहा है। लोगों के इंटरटेनमेंट डिस्टर्ब है। फैक्ट्रीज आदि में काम प्रभावित हो रहा है।

 

मौसम है एक वजह

 

-इस समय जितनी बिजली की डिमांड है, वह गर्मी में पीक सीजन पर होने वाली डिमांड से कुछ ही कम है

-गर्मी में पीक सीजन में लगभग चार सौ मेगावाट बिजली की डिमांड होती है। इस समय इससे सिर्फ 25 मेगावाट कम बिजली की डिमांड है

-इस डिमांड की बड़ी वजह मौसम और त्योहार है। पिछले कई दिनों से अच्छी बारिश नहीं होने की वजह से काफी उमस है

-लोग पसीने से तर-बतर हो रहे हैं। उमस से बचने के लिए कूलर-पंखे का यूज कर रहे हैं

-सिर्फ एसी में ही थोड़ी राहत मिलने से एसी का यूज बढ़ गया है. 

 

त्योहार ने भी किया वार

 

-ईद के मद्देनजर पिछले कई दिनों से हर मार्केट रोशनी से नहाए हुए हैं

-अर्दली बाजार, पाण्डेयपुर, सारनाथ, कचहरी, नदेसर, जगतगंज, नई सड़क, लक्सा, गोदौलिया, गुरुबाग, समेत सभी मार्केट में शॉप को अट्रैक्टिव दिखाने के लिए शॉपकीपर्स ने उसे तेज और फैंसी लाइट्स से सजा रखा है

-शाम से गुलजार हो रहे मार्केट देर रात तक जगमग रहते हैं। इसमें जबरदस्त बिजली की खपत हो रही है

-सावन का महीना होने के नाते छोटे-बड़े शिवमंदिर इलेक्ट्रिक लाइट्स से जगमग हो रहे हैं

-दुर्गाकुण्ड, सारनाथ के अलावा कई जगहों पर मेला लगा है। इसमें भी बिजली की खपत जबरदस्त हो रही है

 

कम नहीं हुई कटियामारी

 

सिटी की बिजली सप्लाई के लिए सबसे बड़ी समस्या कटियामारी है। इस समय यह काफी बढ़ गयी है। चोरी की बिजली से मार्केट जगमग हो रहे हैं। सावन के झूले भी चोरी की बिजली से चल रहे हैं। कटियामारी को रोकने के लिए बिजली विभाग के पास पूरे इंतजाम नहीं हैं। लोकल फॉल्ट की वजह भी कटियामारी ही है।

 

लोकल फाल्ट के नाम पर कटौती

 

-रोस्टरिंग से बिजली कटौती के बाद लोकल फॉल्ट भी खूब रुला रहा है

-इसका कोई समय निर्धारित नहीं। सुबह, शाम या रात कभी भी कटौती हो जा रही है

-लोड काफी अधिक बढऩे की वजह से सबस्टेशन के ट्रांसफॉर्मर हीट हो जा रहे हैं

-ट्रांसफार्मर को जलने से बचाने के लिए लोकल स्तर पर कटौती की जा रही है

-लोड बढऩे की वजह से बेनियाबाग सबस्टेशन में गड़बड़ी हुई

-इसकी वजह से बड़े एरिया में इलेक्ट्रिक सप्लाई डिस्टर्ब हो गयी

-पिछले पंद्रह दिनों में 20 से अधिक ट्रांसफॉर्मर्स अलग-अलग एरिया में फुंक चुके हैं

-फुंके हुए ट्रांसफॉर्मर को बदलने में दो-चार दिन से अधिक का वक्त लग जा रहा है

-सिटी के लगभग हर एरिया में इलेक्ट्रिक वायर जर्जर हो चुके हैं। तेज हवा के झोंके से भी टूट जा रहे हैं

-मरम्मत के नाम पर ब्रेकडाउन भी खूब लिया जा रहा है। कभी-कभी यह दो-चार घंटे तक का हो जा रहा है