RANCHI: रिम्स में सोमवार सुबह इमरजेंसी में अंधेरा हो गया। इसके बाद वहां पर काफी देर तक बिजली नहीं आई तो डॉक्टरों ने टॉर्च जलाकर मरीजों का इलाज शुरू कर दिया। करीब एक घंटे तक मरीज भी अंधेरे में रहे, लेकिन लाइट नहीं आई। आनन-फानन में बिजली नहीं रहने की जानकारी बिजली विभाग को दी गई, तो इमरजेंसी में पावर सप्लाई शुरू की गई। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि पांच करोड़ खर्च से रिम्स में सोलर प्लांट लगाया गया है, इसके बावजूद आए दिन इमरजेंसी पावरकट की समस्या से जूझ रहा है।

जेनरेटर से भी नहीं की गई सप्लाई

एक घंटे तक पावरकट से एक तरफ जहां डॉक्टरों को काम करने में परेशानी हुई। वहीं दूसरी ओर मरीज भी इमरजेंसी में परेशान रहे। इसके बावजूद जेनरेटर से पावर सप्लाई चालू नहीं की गई।

प्लांट लगाया पर कनेक्शन नहीं

हास्पिटल की मेन बिल्डिंग में पूरे छत पर रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाया गया है। ज्रेडा ने पांच करोड़ रुपए की लागत से पूरा पैनल इंस्टाल किया था। जिससे कि मशीनों को छोड़कर पूरे हास्पिटल में पावर सप्लाई की जा सकती है। लेकिन इतना खर्च करने के बाद भी हास्पिटल में पावर कट की समस्या बनी हुई है।

इमरजेंसी में जेनरेटर भी नहीं आया काम

पावर कट से निपटने के लिए पहले जेनरेटर की सुविधा उपलब्ध थी। जिससे कि इमरजेंसी से लेकर सभी वार्डो में कनेक्शन दिया गया था। लेकिन सोलर पावर प्लांट लगाए जाने के बाद जेनरेटर से भी सप्लाई नहीं हो रही है। सुविधाएं बढ़ने के बाद कम परेशानी की उम्मीद थी। लेकिन इसके उलट परेशानी और बढ़ गई।

वर्जन

शॉर्ट सर्किट की वजह से कुछ देर के लिए बिजली सप्लाई बंद हो गई थी। लेकिन जल्द ही पावर सप्लाई चालू कर दी गई। जहां तक सोलर पावर प्लांट की बात है तो अभी कुछ काम चल रहा है। इस वजह से पावर सप्लाई नहीं हो पा रही है।

-डॉ। एसके चौधरी, सुपरिंटेंडेंट, रिम्स