राजस्व के चक्कर में बिजली विभाग एनओसी बांट रहे कॉमर्शियल बिजली कनेक्शन

>BAREILLY:

राजस्व बढ़ाने के लिए बिजली विभाग लोगों की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहा है। विद्युत सुरक्षा निदेशालय के एनओसी के बिना ही बिजली विभाग कॉमर्शियल कनेक्शन बांटने में लगा हुआ है। मालूम हो कि विद्युत सुरक्षा के एक्सपर्ट इलेक्ट्रिसिटी इंजीनियर वॉयरिंग की जांच के बाद कनेक्शन लगवाने वाले को एनओसी देते हैं। इसके बाद उन्हें कनेक्शन मिलता है लेकिन बिजली विभाग बिना एनओसी कनेक्शन बांट रहा है।

एनओसी है जरूरी

कॉमर्शियल बिल्डिंग, दुकान, इंडस्ट्रीज, सिनेमा हॉल सहित अन्य जगहों पर जहां भी कॉमर्शियल बिजली कनेक्शन लेना होता है। वहां सबसे पहले विद्युत सुरक्षा के लोग एनओसी जारी करते हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह कॉमर्शियल कनेक्शन लेने वालों की सूचना संबंधित विभाग को दें, लेकिन वह राजस्व बढ़ाने के फेर में बिना एनओसी ही कनेक्शन बांट दे रहे हैं।

वायरिंग की करते हैं जांच

एनओसी जारी करने से पहले विद्युत सुरक्षा के लोग पहले संबंधित स्थान पर हुई वायरिंग को परखते हैं। जरूरी होने पर वॉयरिंग में बदलाव भी करते हैं। ताकि, शॉर्ट सर्किट की संभावना नाममात्र की रहे। उसके बाद वह एक एनओसी जारी करता है। इसी एनओसी के आधार पर बिजली विभाग को कनेक्शन देना होते है। एनओसी जांच के दौरान उपभोक्ताओं को एक किलोवॉट के कनेक्शन की फीस 200 रुपए देना हाेता है।

हर महीने 8 से अधिक घटनाएं

बिजली विभाग की इसी लापरवाही के चलते हर महीने 8 से अधिक शॉर्ट सर्किट की घटनाएं हो रही हैं। चूंकि, विद्युत सुरक्षा विभाग शॉर्ट सर्किट से हुई घटनाओं की भी जांच करता है, तो उसके यहां यह मामले पहुंच रहे हैं। जांच करने के बाद विभाग रिपोर्ट शासन को भेज देता है। जिसके आधार पर पीडि़त पक्ष को मुआवजा मिलता है।

एनओसी बहुत कम लोग लेते हैं। नियम है कि एनओसी के बिना कॉमर्शियल कनेक्शन न दिए जाए। अभी हाल में इस संबंध में एक और नया शासनादेश भी आया है।

मिथिलेष कुमार, डिप्टी डायरेक्टर, विद्युत सुरक्षा निदेशालय, बरेली रीजन