-मंगलवार को सीएम अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने मेरठी कारोबार को किया याद

-पीएम नरेंद्र मोदी मंच से बोल चुके हैं मेरा मेरठ-मेरा मेरठ, बसपा ने मेरठ से ही किया चुनावी रैली का आगाज

अखिल कुमार

Meerut: क्या सूबे की सत्ता का रास्ता मेरठ से होकर जाता है? चुनावी माहौल में सभी पार्टियों के लिए मेरठ काफी महत्वपूर्ण हो गया है। मंगलवार को सपा-कांग्रेस की रैली में सीएम अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने 'मेक इन मेरठ' का स्लोगन देकर जनता को लुभाने की कोशिश की। पीएम नरेंद्र मोदी ने 'मेरा मेरठ-मेरा मेरठ' कहकर मेरठ का कद बढ़ाया था तो मायावती ने भी मेरठ से बसपा का चुनावी बिगुल फूंका था।

मेरठ पर भरोसा

संबोधन की शुरूआत में ही कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का जिक्र छेड़कर कहा कि पहले अंग्रेजों का भगाने का काम मेरठ वालों ने किया था, अब हिंदुस्तान में कंपनी राज चला रहे पीएम नरेंद्र मोदी को हटाना है। यूपी में सरकार आने पर सभी शहरों की पहचान को वहां के उत्पादों में उजागर किया जाएगा। मेरठ के क्रिकेट बैट पर 'मेड इन मेरठ' लिखा होगा तो कैंची कारोबार को बढ़ावा दिया जाएगा।

याद आए बुनकर

मेरठ के कैंची और स्पो‌र्ट्स उद्योग का जिक्र कर आम शहरी से जुड़ने की कोशिश मंगलवार को नौचंदी मैदान के मंच से सीएम अखिलेश यादव ने की है। बुनकरों के लिए कराए कार्यो को याद करते हुए सीएम ने कहा कि कैंची उद्योग का बढ़ाया जाएगा तो क्रिकेट के बैठ को अब और पहचान मिलेगी।

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मेरठ में शाम को घर जिंदा लौटेंगे या नहीं, ये घर में बैठे परिजनों और बच्चों को नहीं मालूम है। मेरठ में आए दिन निर्दोष नागरिकों और व्यापारियों की हत्याएं हो रही हैं। मेरठ पश्चिमी उप्र का विकास द्वार है, मेरठ के विकास के बिना यूपी के विकास की परिकल्पना नहीं ही जा सकती।

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

(मेरठ में चुनावी रैली के दौरान)

विकास का वादा

बसपी प्रमुख मायावती ने 1 फरवरी को मेरठ चुनावी रैली के दौरान कहा था कि अब पैसा मूर्तियों, पार्को और संग्रहालयों पर नहीं बल्कि विकास पर खर्च होगा। मायावती ने अपना चुनावी घोषणापत्र भी मेरठ में ही घोषित किया था।