राष्ट्रीय राजधानी में बिजली संकट के लिए ऊर्जा मंत्री ने पिछली कांग्रेस सरकार को ज़िम्मेदार बताया है.

मंगलवार को दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग और अन्य अधिकारियों के साथ एक आपातकालीन बैठक के बाद पीयूष गोयल ने ये बातें कहीं.

इस वर्ष दिल्ली में भीषण गर्मी पड़ रही है और पारा 45 डिग्री पार कर चुका है. गर्मी के साथ ही दिल्ली वासियों को बार-बार पावर कट से भी दो-चार होना पड़ रहा है.

बिजली वितरण कंपनियों, डिस्कॉम्स, का हवाला देते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि दिल्ली में बिजली की कमी नहीं है बल्कि असली मुद्दा डिस्ट्रीब्यूशन लाइनों का है.

उन्होंने ये भी कहा कि कुछ दिन पहले आए तूफ़ान से दिल्ली की मुश्किलें बढ़ीं हैं लेकिन साथ ही दिल्ली वासियों को भरोसा दिलाया कि अगले साल गर्मी में उन्हें इस तरह की समस्या नहीं आएगी.

ऊर्जा मंत्री के मुताबिक मंगलवार रात तक दिल्ली के बवाना प्लांट को नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन गैस की सप्लाई शुरु कर देगा. मंगलवार रात से ही बवाना प्लांट से दिल्ली के लिए 300-400 मेगावॉट अतिरिक्त बिजली दी जाएगी. इसके अलावा बिजली संकट से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में दिल्ली सरकार हर रोज़ शाम पांच बजे एक प्रोग्रेस रिपोर्ट देगी.

'पिछली सरकार ज़िम्मेदार'

पीयूष गोयल ने ये भी कहा कि दिल्ली में तयशुदा तरीके से बिजली काटी जाएगी.

दिल्ली की पिछली कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए बैठक से पहले ऊर्जा मंत्री ने कहा, “हम पिछली सरकार की निष्क्रियता की वजह से परेशानी उठा रहे हैं.”

बैठक के बाद उन्होंने कहा कि बीते 12 साल में फ़ैसला न कर पाने, मूलभूत ढांचे में निवेश की कमी और भविष्य के लिए योजना न बनाने की वजह से दिल्ली में बिजली की समस्या है.

बिजली कटौती के ख़िलाफ़ विभिन्न राजनैतिक दल प्रदर्शन कर रहे हैं. मंगलवार को आम आदमी पार्टी के विधायकों ने पूर्वी दिल्ली से सांसद और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के घर के बाद प्रदर्शन किया और शहर में बिजली सप्लाई सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की मांग की.

रविवार को दिल्ली के उप राज्यपाल ने बिजली संकट से निपटने के लिए कुछ निर्देश दिए थे जिनमें रात दस बजे के बाद मॉलों की बिजली सप्लाई रोकना शामिल था.

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