-अब उपभोक्ता भी कर सकेंगे बिजली का उत्पादन

-सोलर से बिजली उत्पादन करने पर बिजली विभाग देगा सब्सिडी

-2 रुपये प्रति यूनिट की दर से विभाग ली गई बिजली का करेगा भुगतान

शहर के बिजली उपभोक्ता भी बिजली उत्पादन कर दूसरों का घर रोशन कर सकते हैं। केन्द्र सरकार ने अंधेरे में डूबे घरों तक बिजली पहुंचाने के लिए सोलर रूफटॉफ सोलर योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत बिजली उपभोक्ता अपने छत पर सोलर पैनल लगाकर बिजली उत्पादन कर सकेंगे। अपने यहां सैंक्शन लोड से अधिक उत्पादन होने पर पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम उस बिजली को नेट मीटर के माध्यम से वापस ले लेगा। इसके एवज में विभाग की ओर से भवन मालिक को बिजली की कीमत दी जाएगी। सोलर पैनल लगाने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी की भी व्यवस्था की गई है। जिससे पैनल लगाने में कोई कठिनाई न आए।

ग्रिड में चली जाएगी बची बिजली

भवन मालिक अपने घरों की छत पर सोलर पावर प्लांट लगाकर बिजली उत्पादन करने के बाद उसे बेच भी सकेंगे। राज्य विद्युत नियामक आयोग की तरफ से जारी रूफ टॉप सोलर रेग्युलेशंस में यदि कोई भवन मालिक सोलर प्लांट के जरिए जो भी बिजली पैदा करेगा, उसमें से अपनी जरूरत के मुताबिक उपयोग भी कर सकेगा। जरूरत के बाद बची बिजली अपने आप ग्रिड में चली जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक जिन छतों पर सोलर पावर प्लांट स्थापित होगी। उसकी क्षमता एक मेगावाट से अधिक नहीं होगी। जिस भी घर की छत पर सोलर पैनल लगाया जाएगा। उनका रजिस्ट्रेशन पावर कॉरपोरेशन में किया जाएगा। इसकी मॉनिटरिंग यूपी नेडा करेगा।

34 हजार में एक केवी का पैनल

सोलर पैनल लगाने के लिए उपभोक्ताओं को बहुत ज्यादा खर्च नहीं करना होगा। क्योंकि केन्द्र सरकार ने उपभोक्ताओं के लिए अनुदान की व्यवस्था भी की है। योजना के तहत उपभोक्ता एक किलोवाट से 100 किलोवाट क्षमता के प्रोजेक्ट स्थापित करा सकेंगे। एक किलोवाट तक का सोलर पैनल लगवाने में कुल 70 हजार का खर्च आएगा। जिसमें 21 हजार केन्द्र सरकार व 15 हजार राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाएगी।

किसे मिलेगा अनुदान का लाभ

अनुदान का लाभ समस्त रिहायशी भवनों, नॉन प्रॉफिट संस्थानों, स्कूल, हॉस्टल, हॉस्पिटल के अलावा गैर लाभ वाले सामाजिक संस्थान व सामुदायिक भवन, ट्रस्ट, एनजीओ। आदि को दिया जाएगा।

कितनी होगी उपभोक्ताओं की कमाई

सोलर पैनल लगाने वाले उपभोक्ताओं द्वारा उत्पादन की गई एक्स्ट्रा बिजली का पेमेंट एक बार में किया जाएगा। विभाग के अधिकारियों की मानें तो उपभोक्ताओं से ली गई बिजली का भुगतान 2 रुपए प्रति यूनिट की दर से किया जाएगा।

एक नजर

-एक केवी के सोलर पैनल के लिए होगी 10 वर्ग मीटर जगह की जरूरत

-नेट मीटर के जरिए बिजली विभाग आ जाएगा उत्पादन की गई अतिरिक्त बिजली

योजना की शुरुआत हो चुकी है। अब उपभोक्ता भी सोलर प्लांट के जरिए बिजली का उत्पादन कर सकतें हैं। उनके माध्यम से ली गई बिजली से दूसरे घरों को रोशन किया जाएगा।

आशीष अस्थाना, चीफ इंजीनियर, पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम