-बिजली बचाकर ही पा सकते हैं किल्लत से छुटकारा

-सौ रुपए का सीएफएल देता है जेब और बिजली के बिल से राहत

ALLAHABAD: चारों ओर बिजली कटौती से हाहाकार मचा हुआ है। गवर्नमेंट चाहकर भी जरूरत के मुताबिक बिजली का उत्पादन नहीं कर पा रही है। पब्लिक चाहे तो इस मुसीबत से निजात पा सकती है, बशर्ते उसे पॉवर सेविंग का फंडा अपनाना होगा। यह कैसे होगा? कौन सी पॉलिसीज अपनानी होंगी और घर में रखे इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट्स का कैसे यूज करना होगा? इस बारे में शुक्रवार को पॉवर कारपोरेशन के अधिकारियों के बीच जमकर मंथन हुआ। पॉवर सेविंग से जुड़े फॉर्मूलों के बारे में बताने के लिए खुद सेंट्रल गवर्नमेंट एनर्जी सेविंग डिपार्टमेंट के ऑफिसर भी मौजूद रहे। आइए बताते हैं कि कैसे बचा सकते हैं बिजली

से नो टू बल्ब, यूज सीएफएल

क्या आपको पता है कि बल्ब के मुकाबले सीएफएल यूज करना कितना फायदेमंद साबित हो सकता है। यह पॉवर सेविंग तो करता है, साथ ही आपकी जेब को भी हल्का होने से बचाता है। कास्ट में महंगा होने के बावजूद सीएफएल राहत का सबब साबित हो सकता है। एक सीएफएल एक साल में 105 यूनिट बिजली की बचत करता है। और भी फायदे हैं-

पैरामीटर 60 वॉट बल्ब 12 वॉट सीएफएल सेविंग

लागत 10 रुपए 100 रुपए

वॉट 60 12 48 वॉट

लाइफ 1000 घंटे 8000 घंटे

एनुअल कंजम्पशन 131 यूनिट 26 यूनिट 105 यूनिट

सालाना बिजली का बिल 498 रुपए 99 रुपए 399 रुपए

चार सालों में बिजली के बिल की बचत 1992 रुपए 396 रुपए 1596 रुपए

(यह आंकड़े 3.98 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से निकाले गए हैं)

-इसके अलावा छह सालों तक प्रतिदिन छह घंटे यूज करने सीएफएल की लागत तीन से चार महीने में वसूल हो जाती है।

एसी के पास मत रखें टीवी या लैंप

शुक्रवार को सिविल लाइंस संगम प्लेस पर हुई मीटिंग में सेंट्रल गवर्नमेंट एनर्जी सेविंग डिपार्टमेंट के संदीप वर्मा और पॉवर कारपोरेशन लखनऊ से एक्सईएन बरालिका दुबे मौजूद ने पॉवर सेविंग के कई सुझाव दिए और मांगे भी। उन्होंने बताया कि समर सीजन में लोग फ्रिज और एसी को कैजुअल यूज करते हैं। घरों पर लगे इलेक्ट्रानिक इक्विपमेंट्स को तरीके से चलाया जाए तो बिजली की खपत को कम कर पैसे की भी बचत की जा सकती है। उन्होंने बताया कि

-एसी को क्8 से ख्0 डिग्री पर चलाने के बजाय ख्ख् से ख्म् डिग्री के बीच चलाना चाहिए। इससे पॉवर कंजम्प्शन कम होता है और बॉडी को भी रिलैक्स मिलता है।

-विंडो एसी के साथ छत वाला पंखा भी चलाएं। इससे अधिक कूलिंग मिलेगी। वहीं एसी थमोस्टेट के निकट लैंप या टीवी न रखें। इनसे निकलने वाली गर्मी से एसी अधिक पॉवर कंजम्प्शन करता है।

-नियमित रूप से फ्रिज और फ्रिजर को डिफ्रास्ट करते रहें, नमी बढ़ने से अधिक कम्प्रेसर चलता है।

-फ्रिज और दीवार के बीच अधिक गैप बनाएं। फ्रिज के दरवाजे की रबर को चेक करें।

-सीपीयू की जगह मॉनीटर अधिक पॉवर की खपत करता है। इसे अवश्य ऑफ कर दें।

-कम्प्यूटर स्क्रीन सेवर मॉनीटर की स्क्रीन को बचाते हैँ न कि एनर्जी को। शटडाउन या स्टार्ट करने में बिजली की खपत नहीं होती है।

-मिक्सी में गीला मसाला पीसें।

रिमोट का भरोसा करना छोड़ दें

आरामदेह लाइफ स्टाइल में हम रिमोट पर ज्यादा भरोसा करते हैं लेकिन भूल जाते हैं कि अगर चीजों को सीधे स्विच ऑफ किया जाए तो कम बिजली खर्च होती है। सेंट्रल गवर्नमेंट की टीम ने इस पर भी कई टिप्स दिए। इस तरह अगर टीवी को रिमोट से बंद करते हैं तो प्रतिदिन दस घंटे के हिसाब से साल भर में भ्भ् रुपए का नुकसान होता है। इसी तरह पर्सनल कम्प्यूटर में फ्7 रुपए, डीवीडी में 9ख् रुपए, वाशिंग मशीन में क्क्0 रुपए, प्रिंटर में क्9 रुपए, डॉट मेट्रिक्स प्रिंटर में 7फ् रुपए और एयर कंडीशनर में भ्भ् रुपए सालाना बिजली का बिल अतिरिक्त आता है। अगर हर घर में चीजों को सीधे स्विच ऑफ किया जाए तो लाखों रुपए बचाने के साथ बिजली की खपत को कम किया जा सकता है।

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तो इन ईटों से बनवाइए घर

शायद आपको पता नहीं लेकिन मार्केट में ऐसी ईट भी अवेलेबल है तो अंदर से खोखली होती है और इसके चलते इनसे बने घरों में ठंडक बनी रहती है। इनको यूज करने से एसी और कूलर की अधिक खपत से बचा जा सकता है। मीटिंग में संदीप वर्मा ने बताया कि इनका दाम भी पुरानी ईटों से अधिक नहीं है। पावर कारपोरेशन के चीफ इंजीनियर एके सिंह ने बताया कि स्ट्रीट लाइट्स मैनुअल सिस्टम पर होने की वजह से दिनभर जलती रहती हैं। इसलिए इनमें टाइमर सेट किया जा रहा है, ताकि वह अपने आप बंद हो जाएं। इससे हजारों यूनिट बिजली की खपत को कम किया जा सकेगा।

सीएफएल से ज्यादा सेफ है एलईडी

मीटिंग में सुझाव के तौर पर एलईडी को सीएफएल से ज्यादा बेहतर बताया गया। एक्सप‌र्ट्स ने बताया कि सीएफएल में मौजूद मरकरी हेल्थ के लिए हॉर्मफुल होता है। हालांकि एलईडी ज्यादा महंगी है लेकिन इसमें एनर्जी की खपत कम और यह क्भ् साल तक चलती है। गवर्नमेंट से सस्ती एलईडी अवेलेबल कराने की सिफारिश की जा रही है। यह भी बताया गया कि भवनों के लिए नई गाइड लाइन जारी की गई है। घरों और व्यवसायिक भवनों में में सोलर एनर्जी के अधिक यूज के लिए उन्हें नार्थ फेस के बेस बनाया जाना होगा। ताकि सोलर एनर्जी का पूरा यूज किया जा सके।

नैनी इंडस्ट्रीयल एरिया को मिलेगी संजीवनी

नैनी में नए इंडस्टीयल एरिया प्लान को अधिक डेवलप बनाने का जोर दिया जा रहा है। इंडस्ट्रीज को सोलर एनर्जी से चलाए जाने के लिए गवर्नमेंट प्रत्येक सोलर एनर्जी सेटअप पर ब्0 फीसदी की सब्सिडी दे रही है। इतना ही डोमेस्टिक परपज के लिए सोलर एनर्जी सेटअप लगाने वालों को भी यही सब्सिडी दी जाएगी। मीटिंग में पॉवर कारपोरेशन के एसी आरके शर्मा, एके वर्मा, चीफ इंजीनियर एके सिंह सहित अलग-अलग एरियाज के लोगों को भी बुलाया गया था।

नहीं मिल रही पूरी बिजली

पॉवर कारपोरेशन के ऑफिसर्स ने बताया कि इस समय डिमांड के अनुरूप आपूर्ति नहीं हो पा रही है। केवल शहरी क्षेत्र को एट ए टाइम ख्90 से फ्ख्0 मेगावाट बिजली की जरूरत है, जिसकी शत-प्रतिशत आपूर्ति के लिए तय शेड्यूल के हिसाब से डेली तीन घंटे की कटौती हो रही है। बता दें कि शहर में अघोषित कटौती भी रोजाना कई-कई घंटे की जा रही है। जिससे लोगों में हाहाकार मचा हुआ है।