- अमेरिका की तर्ज पर हाईसिक्योरिटी जेल के प्रस्ताव पर जेल विभाग कर रहा विचार

- प्रदेश भर के चिन्हित 300 शातिर अपराधियों को एक ही जेल में रखने का प्लान

- अलग-अलग जेल में सुरक्षा होने वाला खर्च भी बचेगा

अधिकारियों ने अभी चुप्पी साध रखी
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LUCKNOW : मुन्ना बजरंगी हत्याकांड के बाद हरकत में आया जेल विभाग सभी कुख्यात अपराधियों को एक ही जेल में रखने का प्लान बना रहा है। जेल प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका की तर्ज पर हाईसिक्योरिटी जेल बनाने की कवायद पर विचार चल रहा है, जिसमें चिन्हित किये गए 300 कुख्यात अपराधियों को रखा जा सके। बताया जा रहा है कि अगर जेल विभाग इस विचार को अमल में लाने में सफल रहा तो न सिर्फ इन अपराधियों की अलग-अलग सुरक्षा में खर्च होने वाली भारी रकम की बचत हो सकेगी बल्कि, अपराधियों की हरकतों पर भी लगाम कसने में आसानी होगी। हालांकि, इस प्रस्ताव के बारे में अधिकारियों ने अभी चुप्पी साध रखी है।

लग सकेगी हरकतों पर लगाम
जेल प्रशासन सूत्रों के मुताबिक, यूपी में हाईसिक्योरिटी जेल के बारे में जो विचार चल रहा है, उसके मुताबिक, इसमें जेल विभाग द्वारा चिन्हित किये गए 300 सबसे कुख्यात अपराधियों व आतंकियों को रखने की योजना है। बताया जा रहा है कि इस जेल में बंद होने वाले अपराधियों के खिलाफ अलग-अलग जिलों में लंबित मुकदमों की पेशी पर ले जाने की बंदिश भी नहीं होगी। इस जेल में बंद अपराधियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिये संबंधित कोर्ट में अपराधियों की पेशी कराई जा सकेगी। इससे न सिर्फ अपराधियों को बार-बार अलग-अलग जिले की कोर्ट में ले जाने के लिये मशक्कत करनी पड़ेगी। बल्कि, इन पर होने वाला खर्च भी बच सकेगा। वहीं, एक जगह पर होने की वजह से अपराधियों को मिलने वाले वीआईपी ट्रीटमेंट पर भी रोक लग सकेगी। साथ ही जेलकर्मियों पर भी बराबर नजर रखी जा सकेगी।

 

जेल से नहीं चल सकेगा नेटवर्क
मुन्ना बजरंगी हत्याकांड में जेल के भीतर पिस्टल पहुंचने की बात प्रमाणित हुई है हालांकि, प्रदेश के कई माफिया हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे जेल के भीतर अपने साथ असलहा रखते हैं। बताया जाता है कि इन माफियाओं को जेलकर्मी सभी तरह की सुविधा मुहैया कराते हैं। इसमें खाना-पीना के साथ ही मोबाइल फोन भी शामिल है। माफिया मोबाइल फोन के जरिये प्रदेश भर में अपना नेटवर्क चलाते हैं। हाल ही में गायत्री प्रजापति द्वारा वाराणसी के कारोबारी को रंगदारी के लिये जेल से भीतर कॉल करने की घटना और देवरिया जेल में बंद माफिया अतीक अहमद द्वारा मुंबई के समाजवादी पार्टी के नेता को फोन कर 10 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने की घटना ने अपराधियों को जेल में मिलने वाले वीआईपी ट्रीटमेंट की पुष्टि की है। वहीं, अगर हाईसिक्योरिटी जेल अस्तित्व में आ गई तो ऐसी हरकतों पर आसानी से लगाम लग सकेगी।

 

कैसी होती है हाईसिक्योरिटी जेल

- अमेरिका में कुख्यात कैदियों को अलग रहने का प्रावधान

- यहां आतंकवादी, हत्या व अन्य संगीन अपराधों वाले कैदी रखे जाते हैं

- एक बंदी का दूसरे बंदी से संपर्क नहीं हो सकता

- हर बंदी की हरकतों पर नजर रखने को अलग सीसीटीवी कैमरे

- पुलिस व जेल प्रशासन के मुख्यालयों होती है सीसीटीवी मॉनीटरिंग

- बंदियों के मामलों की सुनवाई, जेल में स्थापति की जाती है कोर्ट में ही