ऐसी खबरें आ रही थी कि अमरीका ने भारत के पूर्वप्रभावी यानी बीते हुए समय से टैक्स लगाने के प्रावधान को लेकर कुछ आशंकाएं जताई थी जिसे वित्त मंत्री ने खारिज किया है।

वाशिंगटन में वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ की बैठकों से पहले एक चर्चा में वित्त मंत्री ने कहा कि अमरीका के कुछ व्यापारियों में भारत में कर के कानून के प्रस्तावों को लेकर डर है जो निराधार है।

उन्होंने कहा, ''आयकर कानून में ऐसे प्रावधान हैं कि छह साल से कोई भी पुराना मामला दोबारा से नहीं खोला जा सकता। इसलिए कोई अनिश्चितता नहीं है। बल्कि कर के कानूनों को निश्चितता देने का प्रयास किया जा रहा है.''

प्रस्ताव

गौरतलब है कि इस वर्ष पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री ने अधिग्रहण की स्थिति में टैक्स लगाए जाने को पूर्वप्रभाव से लागू करने का प्रावधान रखा है यानी बीते समय में किए गए अधिग्रहणों पर भी टैक्स लगाए जाने का प्रावधान।

नए टैक्स प्रस्तावों को लेकर सात अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठनों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में आलोचना की थी जिसके तहत 50 साल तक के कॉरपोरेट समझौतों की जांच की जा सकती है। इसी के चलते भारत में मोबाइल सेवाएं चलाने वाली ब्रितानी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन ने भारत सरकार को नोटिस दिया है।

साल 2007 में वोडाफोन ने एक चीनी मोबाइल कंपनी हचिसन कम्यूनिकेशन की भारतीय संपत्तियों का अधिग्रहण किया था। उसके बाद भारत सरकार ने वोडाफोन पर इस अधिग्रहण के लिए 11 हज़ार करोड़ रुपए का टैक्स लगाया था। वोडाफोन इस टैक्स के विरोध में अदालत गई थी और सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की टैक्स की मांग को इस वर्ष जनवरी में खारिज कर दिया था।

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