मीटिंग के दौरान राष्ट्रीय  कार्यकारिणी के छह सदस्यों ने भूषण और यादव का समर्थन किया. कुल आठ सदस्यों ने खुलकर इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट डाला जिनमें भूषण और यादव खुद भी शामिल थे. संगठन के शीर्ष पर हुए इस बदलाव के बाद अब पार्टी के पूरे सांगठनिक ढांचे में भी जल्द ही भारी फेरबदल होगा. देश भर में जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी तक का जल्द ही नए सिरे से गठन किया जाएगा. भूषण और यादव को पीएसी से हटाने के प्रस्ताव का विरोध करने वालों में पार्टी टिकट पर दिल्ली की उत्तर-पूर्व सीट से लोकसभा चुनाव लड़ चुके प्रो. आनंद कुमार भी शामिल थे. उनके अलावा आप के हरियाणा संयोजक आशावंत और कार्यकारिणी सदस्यों क्रिस्टीना सामी, अजित झा, विशाल और राकेश सिन्हा ने भी न सिर्फ इन दोनों शीर्ष नेताओं के खिलाफ किसी भी कार्रवाई को गलत बताया बल्कि ऐसे प्रस्ताव के खिलाफ वोट भी दिया.

भूषण और यादव के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों की नाराजगी भी सोशल मीडिया पर जमकर दिखी. पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि अब जल्द ही देश भर में नए सिरे से जिला इकाइयां गठित कर इसके संयोजक और सह संयोजक चुने जाएंगे. सभी जिलों के संयोजक और सह संयोजक राष्ट्रीय समिति के और सभी राज्यों के संयोजक राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बनेंगे. नई कार्यकारिणी नए सिरे से अपने राष्ट्रीय संयोजक, कोषाध्यक्ष और पीएसी का भी चयन करेगी. आम चुनाव के बाद से पार्टी की अधिकांश जिला इकाइयां स्थगित हैं.  

प्रशांत और योगेंद्र खुद इस्तीफा देने को नहीं थे तैयार

बैठक के दौरान शुरू से ही दोनों नेताओं को यह समझाया जाता रहा कि वे स्वयं ही पीएसी से इस्तीफा दे दें. उन्हें कानूनी सेल और किसान मोर्चा की जिम्मेदारी देने का प्रस्ताव भी किया गया लेकिन वे किसी भी कीमत पर इस्तीफा देने को तैयार नहीं हुए। आखिरकार उनको पीएसी से हटाने का औपचारिक प्रस्ताव लाया गया और उस पर वोटिंग हुई.

बैठक के दौरान संजय सिंह, मनीष सिसोदिया और गोपाल राय ने प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव द्वारा पार्टी और अरिवंद केजरीवाल के खिलाफ की गई साजिश के प्रमाण भी प्रस्तुत किए. हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर यादव की महत्वाकांक्षा की बात लगातार उठाई जाती रही. राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों के अलावा इस बैठक में चार राज्यों के संयोजकों को भी शामिल किया गया था. इस तरह कुल 21 सदस्य बैठक में मौजूद थे. केजरीवाल के अलावा कार्यकारिणी के दो और सदस्य गैरहाजिर थे.

नहीं मंजूर हुआ अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा

राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने राष्ट्रीय संयोजक के पद से केजरीवाल के इस्तीफे को भी नामंजूर कर दिया गया है. आम आदमी पार्टी में कुछ दिनों इस मामले पर भी बवाल चल रहा था. भूषण तथा यादव ने केजरीवाल के पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक बने रहने पर सवाल खड़ा करने के साथ उनकी कार्यशैली पर भी प्रश्नचिह्न लगाया था. जिसके बाद प्रशांत और उनके पिता शांति भूषण पर पार्टी की पीएसी से लेकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी तक सभी इकाइयों पर अपना नियंत्रण करने का प्रयास करने का आरोप अरविंद सर्मथकों ने लगाया था. इस बीच कुमार विश्र्वास ने बयान दिया है कि यादव और भूषण को नयी जिम्मेदारियां दी जाएंगी.

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