बिहार का फार्मूले यूपी में अपना रहे कांग्रेसी रणनीतिकार

बारिश में मीटिंग भी थी पीके की ही स्ट्रैटजी का हिस्सा

LUCKNOW: यूपी मिशन पर निकले कांग्रेसी रणनीतिकार पीके यानि प्रशांत कुमार ने महज एक मीटिंग से कांग्रेसियों में जोश भर दिया है। शुक्रवार को लखनऊ में राहुत गाध्ाी के वॉक एंड टॉक से कार्यकर्ता से लेकर हाईकमान तक गदगद है। इसके बाद कांग्रेसी अब दो अगस्त को वाराणसी में होने वाले सोनिया गांधी के रोड शो को यादगार बनाने में जुट गये हैं। जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से रोड शो की शुरुआत करके कांग्रेस अब आर-पार की लड़ाई का आगाज करने जा रही है और यह रोड शो कांग्रेस के लिए यूपी में संजीवनी साबित हो सकता है। यही नहीं पीले रंग को भी पीके ने बड़े हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की मास्टर प्लानिंग की है।

पीले रंग से दिखा पीके इफेक्ट

बिहार विध्धनसभा चुनाव में भी पीके ने नीतीश कुमार के पूरे कैंपेन में पीले रंग का भरपूर इस्तेमाल किया था। अब यही पीला रंग यूपी के चुनाव में कांग्रेस के लिए इस्तेमाल होना शुरू हो गया है। वर्कर के आईकार्ड से लेकर बैनर और होर्डिग में येलो कलर का ही बोलबाला होगा। प्रशांत किशोर का मानना है कि समाज के निचले तबके को चटकीला रंग अधिक आकर्षित करता है। वहीं मोदी के लिए घर घर मोदी, नीतीश के लिए डोर टू डोर कैंपेन के बाद यूपी में भी प्रशांत किशोर कुछ इसी तरह का फार्मूला तैयार कर रहे हैं जिससे हर घर तक कांग्रेस को पहुंचाया जा सके।

खुली बरसात में मीटिंग का फंडा

रामाबाई अम्बेडकर मैदान में राहुल गांधी की वर्कर के साथ मीटिंग दस दिन पहले तय की गयी थी। बारिश का मौसम और मौसम विभाग की भविष्यवाणी के बाद भी कार्यक्रम में छत कहीं नजर नहीं आ रही थी। बारिश हुई तो कांग्रेस के दिग्गज कार्यकर्ताओं के साथ भीगते नजर आये। शायद उन्हें भी याद नहीं रहा होगा कि बारिश के पानी में वह आखिरी बार कब भीगे थे। इसे भी पीके की रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है, जो कार्यकर्ताओं और लीडर के बीच के फासले को कम कर रहा था। राहुल गांधी जब पहुंचे तो बारिश रुक चुकी थी लेकिन राहुल ने सिर्फ यह बोलकर कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया कि मुझे दुख है कि मैं आप लोगों के साथ भीग नहीं पाया।

नये नये तरीके अपनाते हैं पीके

पीके का इलेक्शन की रणनीति का अलग अंदाज है। इसमें उन्हें किसी का दखल बर्दाश्त नहीं है। नारों से लेकर थीम सांग और डोर टू डोर कैंपेन खुद तैयार करते हैं। आम पब्लिक क्या चाहती है, कौन सी बात पब्लिक को अधिक आकर्षित करेगी यह सब प्रशांत किशोर की रिसर्च का हिस्सा होता है। अपनी रणनीति से पीके कांग्रेस का कितना फायदा पहुंचा पाएंगे ये तो वक्त बतायेगा लेकिन पहले शो ने ही प्रदेश में चौथे पायदान पर खड़ी कांग्रेस को चर्चा में जरूर ला खड़ा दिया है।