- हाईकोर्ट ने सीबीआई को मामले की जांच करने का दिया था आदेश

- संदिग्ध परिस्थितियों मे गोली लगने से हुई थी इंस्पेक्टर अनिल कुमार की मौत

LUCKNOW : ढाई साल पहले प्रतापगढ़ में संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से इंस्पेक्टर अनिल कुमार की मौत के मामले की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है। सीबीआई ने यह कवायद इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर की है। मामले की जांच राजधानी स्थित सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच करेगी। ध्यान रहे कि अनिल कुमार की पत्‍‌नी आरती गूजर ने विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और प्रतापगढ़ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट से इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी।

मनमुताबिक काम करने का दबाव

दरअसल इंस्पेक्टर अनिल कुमार को 4 जून, 2015 को प्रतापगढ़ शहर कोतवाली का इंचार्ज बनाया गया था। आरोप है कि इसके बाद से ही उन पर विधायक राजा भैया के अनुसार काम करने का दबाव बनने लगा। यहां तक उन्हें फर्जी प्रकरण में सस्पेंड भी कर दिया गया। विगत 19 नंवबर, 2015 को सुबह साढ़े सात बजे अनिल कुमार होटल वैष्णवी के मैनेजर से मिलने गये थे। तभी बाहर से फायरिंग होने लगी। उन्होंने बाहर आकर वहां मौजूद दो लड़कों को ललकारा तो उन्हें गोली मार दी गयी। इस दौरान वहां एक दूसरा इंस्पेक्टर भी मौजूद था। वहीं प्रतापगढ़ पुलिस को दी तहरीर में अनिल के भाई विनोद कुमार का कहना था कि उनके भाई ने बताया था कि प्रतापगढ़ में उनकी जान को खतरा है और उनकी हत्या कराई जा सकती है। वहीं हाईकोर्ट में दायर याचिका में अनिल कुमार और उनके एक मित्र के साथ वाट्सएप चैटिंग का भी जिक्रहै, जिसमें विधायक द्वारा उन्हें परेशान किए जाने की बात कही गयी है।