प्रवीण कुमार ने ट्वीट कर दी क्रिकेट से संन्यास लेने की जानकारी
Meerut। 22 गज की पिच पर स्विंग से बल्लेबाजों को चकमा देने वाले मेरठ के क्रिकेटर प्रवीण कुमार ने अपने 13 साल के क्रिकेट करियर को शनिवार को विराम दे दिया। उन्होंने ट्वीट करके और बीसीसीआई को मेल भेजकर अपने इस फैसले की जानकारी दी। क्रिकेट में मेरठ का नाम अंतरर्राष्ट्रीय फलक पर प्रवीण कुमार ने ही चमकाया था। उसके बाद ही भुवनेश्वर कुमार, करन शर्मा जैसे खिलडि़यों का सिलसिला शुरू हुआ था।
रह गए हैरान
मेरठ में पीके के नाम से पॉपुलर प्रवीण के इस फैसले को अचानक लिए जाने से शहरवासियों को थोड़ी हैरानी जरूर हुई, क्योंकि भले ही वह मेनस्ट्रीम क्रिकेट से करीब 6 साल से दूर थे, लेकिन उनके मिलने वाले बताते हैं कि उन्होंने कभी संन्यास लेने के संकेत दिए नहीं। प्रवीण के कोच रहे विपिन वत्स ने बताया कि करीब दो महीने पहले पीके स्टेडियम आए थे, तो भी इस तरह के कोई संकेत नहीं दिए थे।
1500 में बेची थी साइकिल
अंडर-19 के ट्रायल के लिए पीके को जूते खरीदने थे, जिसके लिए पीके को 3000 रुपये की जरूरत थी। पीके के पास रुपये का बंदोबस्त नहीं था इसलिए उन्होंने अपनी साइकिल बेच दी थी, जिससे उन्हें 1500 रुपये मिले थे। बाकी 1500 उन्होंने दोस्तों से उधार लेकर ट्रायल दिया था।
चमकाया था मेरठ का नाम
2007 में पीके का चयन टीम इंडिया में हुआ, तो इससे शहर का नाम दुनियाभर में चमका था। इसी ने पीके को शहर में खास पहचान दिलाई। हालांकि बाद में शहर के कई मामलों में उन्हें लेकर विवाद खड़े हुए।
दे सकते हैं कोचिंग
पिछले साल एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में प्रवीण कुमार ने गेंदबाजी का कोच बनने की इच्छा जाहिर की थी। सूत्र बताते हैं कि अब वह इसे करियर के रूप में अपना सकते हैं। हालांकि उन्होंने फिलहाल अपने नियोक्ता ओएनजीसी के लिए खेलते रहने की बात कही है। इसके अलावा, पीके यहां अपना रेस्टोरेंट प्रवीन्स भी चलाते हैं।
ऑस्ट्रेलिया में दिलाई थी जीत
2007 में वनडे क्रिकेट करियर की शुरुआत प्रवीण कुमार ने पाकिस्तान के खिलाफ जयपुर से की और जल्दी ही वे जहीर खान और आशीष नेहरा के साथ टीम इंडिया के प्रमुख गेंदबाजों में शामिल हो गए।
इंग्लैंड दौरे की याद
प्रवीण कुमार को टीम इंडिया के साल 2011 के इंग्लैंड दौरे के लिए याद किया जाता है, जहां वे बेस्ट गेंदबाज रहे। उनका नाम लॉर्ड्स के ऑनर बोर्ड में लिखा गया है। इसके अलावा प्रवीण कुमार ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2007-08 की सीबी सीरीज में भी शानदार प्रदर्शन किया था।
पहली बार प्रवीण को देखा था, तो तभी से लगा था कि उसमें कोई बात है। प्रवीण कुमार ने कभी भी अपने करियर में पीछे मुड़कर नहीं देखा।
विपिन वत्स, प्रवीण के कोच