-वाराणसी के बाद अब प्रयागराज जुड़ेगा देश के बंदरगाहों से

-सीमेंट और फर्टीलाइजर के साथ सामानों का होगा परिवहन

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PRAYAGRAJ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी में देश के पहले मल्टी मॉडल टर्मिनल यानी बंदरगाह को राष्ट्र के नाम समर्पित करने के साथ ही सागरमाला प्रोजेक्ट का नक्शा भी जारी किया। इसमें वाराणसी के साथ ही प्रयागराज को भी शामिल किया गया है। अब जल्द ही वाराणसी से इलाहाबाद तक मालवाहक जहाज चलाए जाने की उम्मीद है। इसकी मांग काफी दिनों से सीमेंट और फर्टीलाइजर कंपनियों के साथ ही अन्य बड़ी कंपनियों द्वारा की जा रही है।

काफी दिनों से चल रही तैयारी

कुंभ मेला के दौरान संगम नगरी प्रयागराज में आने वाले तीर्थ यात्रियों को पानी के जहाज की सैर कराने की तैयारी काफी दिनों से चल रही है। वहीं अब माल वाहक जहाज भी चलाए जाने की संभावना बढ़ गई है। जल परिवहन मंत्रालय ने सागरमाला परियोजना के तहत गंगा वाटर वे के नक्शे का दायरा इलाहाबाद तक कर दिया है। नेशनल वाटर-वे-1 हल्दिया से इलाहाबाद के बीच वाराणसी तक जो काम ठहर गया था, अब इलाहाबाद तक पहुंचेगा। लोकसभा चुनाव के पहले ही वाराणसी से इलाहाबाद के बीच जल परिवहन शुरू किया जा सकता है।

गडकरी ने की थी घोषणा

फरवरी 2018 में सड़क परियोजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की थी कि कुंभ 2019 के पहले वाराणसी से इलाहाबाद की यात्रा गंगा के रास्ते कराएंगे। इसको ध्यान में रखते हुए कुंभ के दौरान प्रयागराज आने वाले तीर्थ यात्रियों को जहाज की सैर कराने की तैयारी पहले से चल रही है।

सागरमाला प्रोजेक्ट

पहली बार सागरमाला प्रोजेक्ट की घोषणा 15 अगस्त 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने की थी

- योजना का उद्देश्य देश के सभी बंदरगाहों को आपस में जोड़ना है

- इसे सागरमाला इसलिए कहा गया है क्योंकि परियोजना के अंतर्गत देश के सभी प्रमुख और गैर प्रमुख बंदरगाहों को नई तकनीक से लैस करने के साथ समुद्री व्यापार को बढ़ावा देना है।