कुंभ महापर्व इस वर्ष 14 जनवरी से प्रयागराज में प्रारंभ हो रहा है। इस दौरान देश—विदेश से लाखों लोग इस अर्धकुंभ में शामिल होंगे। यह पूर्ण रूप से आस्था का एक संगम है। एक सुंदर, पवित्र, विशिष्ट भारतीय विश्वास कि इस शुभ घड़ी में मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती के पावन जल में स्नान करने से आध्यात्मिक मोक्ष और पूर्व जन्म में किए अपने पापों से मुक्ति पाने में मदद मिलती है।

यह विश्वास है, एक अखंड और प्रबल विश्वास कि इससे हम परमात्मा के करीब आएंगे, आध्यात्मिक रूप से जागृत होंगे और शायद हमें ज्ञान की प्राप्ति होगी। कुंभ के दौरान कुछ विशेष स्नान की तिथियां होती हैं, जिस दिन शाही स्नान होता है। उस दिन अखाड़ों के साधु—संत और आम व्यक्ति संगम में आस्था की डुबकी लगाते हैं।

आइए जानते हैं कि इस बार स्नान की कौन—कौन सी प्रमुख तारीखें हैं—     

प्रथम शाही स्नान — 14 जनवरी की रात्रि 2 बजकर 12 मिनट पर भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। अतः मकर संक्रांति का पुण्य काल अर्थात् प्रथम शाही स्नान 15 जनवरी को होगा।

पौष पूर्णिमा स्नान - 21 जनवरी

माघ एकादशी स्नान - 31 जनवरी

मौनी अमावस्या - 4 फरवरी

बसंत पंचमी - 10 फरवरी

माघ एकादशी - 16 फरवरी

माघी पूर्णिमा - 19 फरवरी

महाशिवरात्रि - 4 मार्च

— ज्योतिषाचार्य पं गणेश प्रसाद मिश्र, शोध छात्र, ज्योतिष विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय

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