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PRAYAGRAJ: संगम की रेती पर चल रहे कुंभ मेला का चार मार्च को समापन हो जाएगा। लेकिन आप अगले तीन महीने तक कुंभ मेला वर्चुअल रूप में देख सकेंगे। इसके लिए आपको अपने फोन पर वीआर डिवोटी एप डाउनलोड करना होगा। इसके बाद आप कुंभ से जुडे़ विभिन्न वीडियोज और शाही स्नान भी अपने मोबाइल पर देख सकेंगे। यह सुविधा बंगलौर की कंपनी काल्पनिक टेक्नालाजी की ओर से उपलब्ध कराई जा रही है। इसे पर्यटन विभाग ने मेला की अवधि में कुंभ के प्रमोशन के लिए बिना कोई राशि दिए यहां पर आमंत्रित किया है।

चार कियॉस्क कराया था उपलब्ध
मेला की अवधि में कुंभ की दिव्यता और भव्यता का अलौकिक एहसास कराने के लिए पर्यटन विभाग ने काल्पनिक टेक्नालाजी को मेला क्षेत्र में चार महत्वपूर्ण स्थानों पर कियॉस्क लगाने की व्यवस्था की थी। इनमें बड़े हनुमानजी मंदिर, संगम नोज, अखाड़ों की छावनी व परेड ग्राउंड स्थित फूड कोर्ट शामिल है। इन्हीं चार स्थानों से मेला एरिया की वीडियोग्राफी कराई गई थी।

फ्री प्रमोशन, फ्री सुविधा
कंपनी की ओर से कुंभ मेला में 13 जनवरी को वीआर डिवोटी एप लांच किया गया था। कंपनी ने मेला के एक-एक लम्हे का वीडियो बनाया है। उप निदेशक पर्यटन दिनेश कुमार की मानें तो इस कार्य के लिए कंपनी को कोई फीस नहीं दी गई है। इसलिए कंपनी ने मार्च, अप्रैल व मई महीने तक अपने एप की सुविधा नि:शुल्क दी है।

यह देख सकते हैं

-जूना व निरंजनी अखाड़ा सहित देश के सभी अखाड़ों की पेशवाई का वीडियो शामिल है।

-मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या व बसंत पंचमी सहित पौष पूर्णिमा व माघी पूर्णिमा स्नान पर्व का वीडियो है।

-अखाड़ों की छावनी से निकलते नागा संन्यासियों की भव्यता, अखाड़ों के संगम स्नान का विहंगम नजारा दिखाया गया है।

-किन्नर अखाड़ा का शिविर उसकी प्रमुख आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का संदेश व शिविर का पूजा-पाठ दिखाया गया है।

-गोल्डन बाबा, पायलट बाबा व नागा संन्यासियों के ढेरों वीडियोज शामिल हैं।

-शाही स्नान के दौरान आसमान से पुष्प वर्षा, सदी के महानायक अमिताभ बच्चन द्वारा कुंभ की महिमा का वीडियो भी एप में है।

-इन वीडियोज को आप अपने मोबाइल पर एचडी या वीआर मोड में देख सकते हैं।

इस एप द्वारा तीन महीने तक कहीं पर भी बैठकर कुंभ मेला की भव्यता का एहसास किया जा सकता है। इसके बाद कंपनी को तय करना है कि फीस ली जाए या नहीं। क्योंकि पर्यटन विभाग ने प्रमोशन के लिए कंपनी से कोई शुल्क नहीं लिया था।
-अनुपम श्रीवास्तव, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी