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PRAYAGRAJ: सरकार ने वादा किया था, न किसी श्रद्धालु के साथ बदसलूकी होगी और न ही सन्यासियों को शिकायत का कोई मौका दिया जाएगा। शाही स्नान के पहले दिन हुआ भी ठीक ऐसा ही। अफसरों-जवानों के चेहरे का भाव बदलता रहा लेकिन, व्यवहार पर इसका कोई असर नहीं दिखा। मंशा थी माहौल खुशनुमा बना रहे और शाही स्नान सकुशल सम्पन्न हो जाय। देर शाम शाही स्नान के समापन हुआ और भीड़ छंटने लगी तो अफसरों ने राहत की सांस ली।

कुछ नहीं कर सकते भाई साहब
सुबह 6.10 बजे निरंजनी अखाड़े को शाही स्नान के लिए निकलना था। कारवां ठीक वक्त पर निकल भी गया। जुलूस इतना लम्बा था कि 6.45 बजे तक कारवां पीपा पुल पर पहुंच गया था। कारवां इतना लंबा था कि महामंडलेश्वर की पालकी अखाड़ा कैंपस में ही थी। इस अखाड़े को 7.05 बजे स्नान शुरू करना था। कुल 40 मिनट का टाइम दिया गया था। इसके बाद जूना, आवाहन और अग्नि अखाड़े को निकलना था। इन अखाड़ों के लोग अपने कैंपस के सामने आकर खड़े हो गये। यह देखकर अफसरों को पसीना आ गया तो उन्होंने पैरा मिलिट्री के जवानों को तीनों अखाड़ों के सामने लगा दिया, ताकि टकराव न हो। फौजी भी बेहद विनम्र भाव से संन्यासियों की आव-भगत में लगे थे। लगभग हाथ जोड़ वाली मुद्रा में। एक फौजी को दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने रोक लिया और इस व्यवहार के बारे में सवाल किया तो जवाब मिला सरकार का आदेश है, उसी पर अमल कर रहे हैं। अभी सब कुछ सकुशल सम्पन्न कराना ही लक्ष्य है।

एडीजी-आईजी ने संभाल रखा था संगम से ठीक पहले मोर्चा
शाही सवारी के रास्ते में मौका पाते ही पब्लिक भी घुस आ रही थी। इसके चलते कई बार शाही स्नान के समय भी संगम नोज पर प्रेशर बन गया। यह देखकर पास में तैनात एडीजी एसएन साबत और आईजी मोहित अग्रवाल के चेहरे का भाव बदल गया। इसके बाद भी उन्होंने खुद ही मोर्चा संभाल लिया और पब्लिक से आगे बढ़ते रहने की गुजारिश करते नजर आये। एसएसपी कुंभ मेला संगम नोज के आसपास ही डटे थे।

कमिश्नर संगम मार्ग पर करते रहे अखाड़ों की आगवानी
कमिश्नर आशीष गोयल भी शाही स्नान के दौरान अखाड़ों के गुजरने के रास्ते पर डटे रहे। बैरिकेडिंग के पास खड़े होकर वह मेले पर नजर रखने के साथ अखाड़ों के गुजरने के समय विनम्र मुद्रा में नजर आये। अपर मेलाधिकारी दिलीप त्रिगुनायक पूरे रास्ते पैदल चलकर सफाई व्यवस्था का हाल देखते रहे। सबको बस सबकुछ सकुशल निबट जाने का इंतजार था और शाम को शाही स्नान समाप्त होते ही सबके चेहरे पर रंगत आ गयी।

पूरे दिन चलती रही घाटों की सफाई
संगम तट हो गया फिर उसके आसपास का इलाका, पूरे एरिया में दिन भर सफाई अभियान चलता रहा। एक अखाड़े के स्नान करके निकलते ही सफाईकर्मी एक्टिव हो जाते क्योंकि अगले अखाड़े के आने में जयादा समय नहीं होता था।

महिला पुलिस दिन भर रही पानी में
शाही स्नान के लिए तैयार घाट पर मौका मिलते ही पब्लिक भी स्नान के लिए उतर जा रही थी। इसमें बड़ी संख्या महिलाओं की थी। इसके चलते महिला पुलिस की जल पुलिस विंग लगातार पानी में मौजूद रह कर लोगों को हटाती रही। उनका पूरा दिन इसमें बीता। यही हाल फोटोग्राफर्स का भी था तो पानी में बैरिकेडिंग के पास भोर से ही स्नान की फोटो कैप्चर करने के लिए खड़े थे। पानी से खेलते नागा सन्यासी पब्लिक की तरफ पानी भी उछालते रहे।

हेलीकॉप्टर से पूरे दिन हुई निगरानी
सुरक्षा व्यवस्था के लिए मेले में हेलीकाप्टर भी लगाया गया था। यह पूरे दिन मेला एरिया में भ्रमण करके भीड़ पर नजर रखता रहा। इसके जरिये प्रशासन ने पूरे मेला एरिया की मैपिंग भी करवाई। इसे शाम को वायरल भी किया गया ताकि मेले का विहंगम दृश्य पूरी दुनिया के सामने आ सके।

पूरे दिन भागते रहे मीडियाकर्मी
अखाड़ों के नागा संन्यासियों को कवर करने के लिए पूरे दिन मीडियाकर्मी भागते नजर आये। एक अखाड़ा स्नान करके जाता तो दूसरे का आना शुरू हो जाता। इसे देखते हुए मीडियाकर्मी कभी यहां तो कभी वहां भागते नजर आते। कई बार वे धक्के खाकर गिरे तो कई को नुकसान भी उठाना पड़ गया।