PATNA : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति और रिजल्ट में गड़बड़ी जैसे विवादों का रिश्ता काफी पुराना रहा है। सरकारी स्कूलों में तमाम सुविधाओं के बाद भी छात्रों को प्रैक्टिकल की सुविधा नहीं दी जाती। जिस स्कूल में प्रैक्टिकल के थोड़े बहुत संसाधन मौजूद हैं वहां स्कूल में टीचर ही नहीं है कि प्रैक्टिकल और थ्योंरी की पढ़ाई सुचारु रूप से हो सके। 'प्रयोग का दुरुपयोग' कैंपने के तहत दैनिक जागरण आई नेक्स्ट सरकार स्कूलों में प्रैक्टिकल क्लासेज की पड़ताल कर रहा है। अबतक आपने राजकीय महिला उच्च माध्यमिक विद्यालय और पटना कॉलेजिएट स्कूल में प्रैक्टिकल के हकीकत से रू-ब-रू हुए। तो आइए आज आपको बताने जा रहे हैं शहीद राजेन्द्र प्रसाद सिंह राजकीय उच्च विद्यालय के बारे में। पेश है आज की खास रिपोर्ट

फैक्ट फिगर

स्कूल : शहीद राजेन्द्र प्रसाद सिंह राजकीय उच्च विद्यालय

स्थान : गर्दनीबाग

प्राचार्य : अभिराम झा आचार्य

छात्रों की संख्या : इंटर साइंस में 180

कुल शिक्षकों की संख्या : 47

प्रयोगशाला: रसायन, भौतिकी एवं जीव विज्ञान

इंटर का रिजल्ट ओवर ऑल रिजल्ट: 86 प्रतिशत साइंस में

पै्रक्टिकल में पास प्रतिशत : 100 प्रतिशत

आंखों देखी

'प्रयोग का दुरुपयोग' कैंपेन के तहत दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम जब गर्दनीबाग स्थित शहीद राजेन्द्र प्रसाद सिंह राजकीय उच्च विद्यालय पहुंची तो वहां स्कूल परिसर में घूम रहे एक छात्र से स्कूल में प्रैक्टिकल रूम और वहां की व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। इस दौरान कुछ छात्रों से जब पानी का रासायनिक सूत्र पूछा गया तो उसने उसका गलत जवाब दिया। वहीं केवल 10 में से एक छात्र ने बताया कि पानी दो हाइड्रोजन परमाणु और एक ऑक्सीजन परमाणु से बना होता है। बातचीत के दौरान स्टूडेंट्स ने बताया कि स्कूल में कभी प्रैक्टिकल नहीं कराया जाता। थ्योरी हो जाती है वही काफी है। ऐसे में सवाल उठता है कि बिना पढ़ाई किए इन बच्चों को प्रैक्टिकल में अच्छे मा‌र्क्स कैसे आ जाता है?

रिपोर्टर जब स्कूल में प्रैक्टिकल रूम और इंस्टूमेंट के बारे में जानना चाहा तो बताया गया कि स्कूल का प्यून कई दिनों से छुट्टी पर है। प्रैक्टिकल रूम का चाभी भी उसी के पास होता है। ऐसे में सवाल उठता है कि चपरासी के न रहने पर क्या छात्रों को प्रैक्टिकल नहीं कराया जाता? जब रिपोर्टर कैमिस्ट्री विभाग के प्रैक्टिकल रूम के पास पहुंचा तो खिड़की से झांक कर प्रैक्टिकल रूम की स्थिति की पड़ताल की। उसे केवल खाली मेज और दो-चार बोतल के अलावा कुछ भी नहीं दिखा। सेकेंडरी विभाग के टीचर मों। अली ने बताया कि सब सामन स्टोर में बंद है जरुरत पड़ने पर निकाला जाता है। माध्यमिक विभाग के बच्चे को नम्बर इंटरनल एसेसमेंट के आधार दिया जाता है।

ऐसे बरसे थे प्रैक्टिकल में मा‌र्क्स

इंटरमीडिएट 2016-2017 में पास कुछ स्टूडेंट्स के प्रैक्टिकल मा‌र्क्स चेक किए गए तो फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बायो तीनों विषयों के प्रैक्टिकल में अधिकांश को प्रैक्टिकल में 26 से 30 मा‌र्क्स दिए गए हैं।

रॉल नंबर फिजिक्स और कैमिस्ट्री में प्रैक्टिकल के मा‌र्क्स

17010180 29/ 33 27/ 33

17010238 29 / 33 27/ 33

17010213 28 / 33 25/ 33

17010249 26 / 33 26/ 33

ऐसा नहीं है कि स्कूल में प्रैक्टिकल की सुविधा नहीं है। हमारे यहां फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बायो तीनों ही सब्जेक्ट का प्रैक्टिकल रूम उपलब्ध है। हां पर मैं इतना मानता हूं कि प्रयोगशाला में कुछ सामानों की कमी है। प्रयोगशाला भवन में कुछ काम चल रहा था जिसकी वजह से कुछ सामान टूट गया था। जिसे मंगवाया गया है। साइंस स्टूडेंट्स प्रयोगशाला का उपयोग तो करते ही हैं।

- अभिराम झा आचार्य, प्राचार्य

शहीद राजेन्द्र प्रसाद सिंह राजकीय उच्च विद्यालय गर्दनीबाग

प्रयोगशाला के बारे में हम लोगों को कोई जानकारी नहीं है। जब टीचर ले जाएंगे तभी तो पता चलेगा की प्रयोगशाला है क्या है। हमें तो आज तक इसके बारे में पता नहीं चला।

अजय कुमार , स्टूडेंट

हमारे सीनियर ने बताया था कि एग्जाम के समय ही प्रयोगशाला में प्रयोग कराया जाता है। अब तो हमें एग्जाम का ही इंतजार है। थ्योरी पढ़ाने वाले सर हमलोगों को कभी प्रयोगशाला रूम तक लेकर नहीं गए।

- रोहित कुमार , स्टूडेंट

- कनेक्ट

यदि आपके स्कूल या कॉलेज में भी नहीं होता है कभी प्रैक्टिकल तो शेयर करें हमसे।

अपना फीडबैक हमें whatsapp करें 8987063184 पर