निशाने पर है फेस्टिवल
एलआईयू और खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक अराजकतत्व शहर का माहौल बिगाडऩे के लिए गणेश उत्सव, रामलीला, दशहरा जैसे फेस्टिवल पर टारगेट कर सकते है। उनकी योजना भीड़ को भडक़ाने की है। जिसका पता चलते ही गणेश उत्सव में निगरानी बढ़ा दी गई है। डीआईजी आरके चतुर्वेदी ने बताया कि पुलिस ने पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की है। डिपार्टमेंट के सीसी टीवी कैमरे अति संवेदनशील और संवेदनशील इलाकों में लगाए गए है, ताकि अराजकतत्वों की पहचान की जा सकें।
खुफिया और एलआईयू ने बढ़ाई निगरानी
मुज्जफरनगर के दंगे के बाद यूपी में हाई अलर्ट है। जिसके चलते खुफिया और एलआईयू ने निगरानी बढ़ा दी है। वे संबंधित थाने की पुलिस से सामन्जस्य बनाकर काम कर रहे है। वे किसी भी संदिग्ध पता चलने पर आला आफिसर्स को रिपोर्ट भेजने के साथ ही थाने में सूचना दे रहे है। साथ ही वे गणेश उत्सव के पंडाल पर भी नजर रख रहे है। वे हर घंटे आला आफिसर्स को रिपोर्टिंग कर रहे है। उनकी रिपोर्ट भी गणेश उत्सव पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
फ्लैग मार्च से दिया कड़ा मैसेज
एलआईयू और खुफिया रिपोर्ट के बाद मुज्जफरनगर में हुए दंगे से पुलिस-प्रशासन चौकन्ना हो गया है। पुलिस ने अति संवेदनशील इलाकों फ्लैग मार्च कर अराजकतत्वों को कड़ा मैसेज दिया। वहीं, कानपुराइट्स को सेफ्टी का भरोसा दिलाया। फ्लैग मार्च में एसपी, सीओ, क्यूआरटी, पीएसी और सीआरपीएफ की एक-एक कम्पनी के साथ 50 कांस्टेबल थे। फ्लैग मार्च दो चरणों में किया गया। इसमें बाबपुरवा और बेगमपुरवा में पहले फ्लैग मार्च किया गया। इसके बाद नई सडक़, लाटूश रोड, चमनगंज, बेकनगंज, तलाक महल, हलीम कालेज समेत कई इलाकों में फोर्स ने फ्लैग मार्च किया गया।  
अगले निर्देश तक छुट्टियां कैंसिल
यूपी में लगातार हिंसक घटनाएं और मुज्जफरनगर के दंगे के बाद हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। जिसके चलते शहर कें पुलिस कर्मियों की छुïिट्टयां कैंसिल कर दी गई है। साथ ही पहले से छुट्टी पर गए पुलिस कर्मियों ड्यूटी ज्वाइन करने का निर्देश दिया गया है। आरआई अवधेश पाण्डेय के मुताबिक सभी पुलिस कर्मियों की छुट्टी कैंसिल कर दी गई है। किसी भी पुलिस कर्मी को इमरजेंसी पर एसएसपी के आदेश पर ही छुट्टी दी जाएगी।
मोस्ट वांटेंड की तलाश में जुटी पुलिस
खुफिया रिपोर्ट पर पुलिस फरार क्रिमिनल का रिकार्ड खंगालने में जुट गई है। नये सिरे से फरार क्रिमिनल की लिस्ट तैयार की जा रही है। पुलिस को आशंका है कि अगर कोई शहर का माहौल बिगाडऩे की कोशिश करता है, तो ये क्रिमिनल उसकी मदद कर सकते है। पुलिस ने उनका पता लगाने के लिए मुखबिरों को लगाया है। साथ ही खुफिया और एलआईयू भी उनके घर और रिश्तेदारों के घर पर नजर रख रही है।
मोबाइल सर्विलांस पर है हजारों नम्बर
मोबाइल सर्विलांस ने पुलिस का काम और आसान कर दिया है। इसके जरिए पुलिस के हाथ अहम सुराग लग जाता है। जिसके बाद वे क्रिमिनल का पता लगाकर उसको गिरफ्तार कर लेते है। हाल में हुई कई वारदातों को पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस के जरिए ही खोला है। एलआईयू और खुफिया की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने चिंहित कई लोगों के मोबाइल नम्बर सर्विलांस में लगा दिए है। उनका कॉल डिटेल चेक किया जा रहा है।
ये है अति संवेदनशील इलाके
शहर में नई सडक़, तलाक महल, गम्मू खां का हाता, रिजवी रोड, कर्नलगंज, बाबूपुरवा, बेगम पुरवा, जाजमऊ, रावतपुर, नवाबगंज का कटरी क्षेत्र, ग्वालटोली आदि अति संवेदनशील इलाके है। इसके अलावा  मीरपुर, सुतरखाना, सुजातगंज, पीरोड, दर्शनपुरवा, मछरिया आदि इलाके संवेदनशील है।

यूपी में हाई अलर्ट के चलते फोर्स ने फ्लैग मार्च किया गया है। पुलिस कर्मियों की छुट्टी कैंसिल कर दी गई है। शहर में निगरानी बढ़ाई गई है। सभी आफिसर्स को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है।
आरके चतुर्वेदी, डीआईजी


एलआईयू शासन को रिपोर्ट भेजता है। ये रिपोर्ट अति गोपनीय होती है। इसलिए मै इसके बारे में कुछ भी नहीं बता सकता हूं।
सीओ एलआईयू


शहर की फोर्स पर नजर  

शहर की फोर्स
आईजी- 1
डीआईजी- 1
एसएसपी- 1
अपर पुलिस अधीक्षक- 05
सीओ- 17
इंस्पेक्टर- 17
दरोगा - 266
मुख्य आरक्षी- 199
मुख्य आरक्षी सहायक- 126
निरीक्षक की विशेष श्रेणी- 101
निरीक्षक सहायक पुलिस- 2
सिपाही 3563
एसपी ट्रैफिक- 1
सीओ- 1
उप निरीक्षक- 12
मुख्य आरक्षी-5
मुख्य आरक्षी यातायात- 734
एसआईएमटी- 1
मुख्य आरक्षी-3
आरक्षी चालक- 131
कुल-  5187
नोट- शहर में सुरक्षा व्यवस्था के लिए तीन कम्पनी पीएससी और एक कम्पनी सीआरपीएफ की है। आरआई के मुताबिक पीएसी की दो कम्पनी ड्यूटी पर रहती है, जबकि पुलिस लाइन में सीआरपीएफ और पीएससी की एक-एक कम्पनी रिजर्व रहती है। इसके साथ ही क्यूआरटी भी है.