- बिंटो के नीचे भी हरियाणा में काम करते हैं 15 से 20 दलाल

- बागपत क्षेत्र की महिलाओं का भी कराया था भ्रूण लिंग परीक्षण

Meerut : टीपीनगर में पकड़े गए भ्रूण लिंग जांच और कन्या भ्रूण हत्या के मामले में कई अन्य खुलासे हुए हैं। पकड़े गए दलाल ने बताया कि उसके संपर्क में करीब 15 से 20 ऐसे युवक हैं, जो पानीपत और आसपास के शहरों में उसके नीचे काम करते हैं। उनका काम केवल गर्भवती महिलाओं के बारे में सूचना देना था। वहीं पुलिस अब उस जगह की तलाश करा रही है, जहां लिंग जांच के बाद गर्भपात कराया जाता था।

ऐसे करता था गिरोह काम

आरोपी बिंटो ने बताया कि पिछले कई साल से वह महिलाओं को यहां भ्रूण लिंग जांच के लिए लाता था। कमीशन अच्छा मिलने लगा तो बिंटो ने अपने नीचे 15 से 20 युवकों को रख लिया। इन युवकों को काम केवल गांवों में गर्भवती महिलाओं की सूचना बिंटो को देना होता था। इसके बाद बिंटो इन महिलाओं के परिजनों से संपर्क करके उन्हें कम रुपए में भ्रूण लिंग जांच कराने का लालच देता था। इस दौरान बिंटों परिवार को बेटे के चाह का भावनात्मक पहलू बताकर उन्हें जांच के लिए तैयार भी करता था। वहीं बिंटो का कहना था कि डॉ। संजय अग्रवाल के क्लीनिक में काम करने वाला पुष्पेंद्र बागपत का रहने वाला है। बागपत से भी पुष्पेंद्र कुछ महिलाओं को भू्रण लिंग जांच परीक्षण के लिए मेरठ ला चुका है।

कहां होता था गर्भपात?

भ्रूण लिंग जांच के बाद यदि कन्या भ्रूण होता तो गर्भपात की तैयारी की जाती थी। पुलिस सूत्रों की मानें तो बिंटो ही गर्भपात कराने का ठेका लेता था। आठ से 10 हजार रुपये खर्च पर गर्भपात कराया जाता था। पुलिस को बिंटो ने कुछ ऐसे डॉक्टर और क्लीनिक के पते बताए हैं, जहां गर्भपात कराया गया था। इस संबंध में जांच की जा रही है।

सभी को भेजा जेल

टीपीनगर पुलिस ने गिरोह में शामिल डॉ। संजय अग्रवाल, दलाल बिंटो और पुष्पेंद्र को बुधवार को कोर्ट में पेश किया। यहां से तीनों को जेल भेजा गया है।

ये था मामला

पानीपत स्वास्थ्य विभाग और पुलिस टीम ने मंगलवार को मेरठ के टीपीनगर क्षेत्र में एक डायग्नोसिस सेंटर पर दबिश दी थी। इस डायग्नोसिस सेंटर में भ्रूण लिंग जांच का धंधा चल रहा था। हरियाणा क्षेत्र से गर्भवती महिलाओं को मेरठ लाकर भ्रूण लिंग जांच कराई जाती थी। कन्या भ्रूण मिलने पर गर्भपात कराया जाता था। पानीपत स्वास्थ्य विभाग की टीम और मेरठ पुलिस ने मिलकर डायग्नोसिस सेंटर के मालिक डॉ। संजय अग्रवाल, उनके डायग्नोसिस सेंटर के कर्मचारी पुष्पेंद्र व गिरोह में शामिल दलाल बिंटो को गिरफ्तार किया गया था।