पांचवें स्थान से गिरकर नौवें स्थान पर पहुंचा मेरठ

प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना में गिरी मेरठ की रैंकिंग

65 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल सकीं सुविधाएं

Meerut। पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को स्वास्थ्य विभाग प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना का लाभ देने में पिछड़ गया। यही वजह रही कि समीक्षा बैठक में इस योजना के तहत मेरठ जिला पांचवे स्थान से गिरकर नौवें स्थान पर आ गया है। स्थिति यह है कि आधा अगस्त बीतने के बाद भी 35 प्रतिशत महिलाओं को ही योजना का लाभ मिल पाया है। प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना के नोडल इंचार्ज मनीष ने बताया कि हमारी इस बार की रैकिंग पिछड़ गई है। हम इसे सुधारने का प्रयास कर रहे हैं।

यह है स्थिति

अगस्त 2018 में लाभप्राप्त रजिस्टर्ड महिलाएं- 552

अप्रैल 2018 से अगस्त 2018 में लाभप्राप्त रजिस्टर्ड महिलाएं- 3638

2017 जुलाई से अब तक लाभप्राप्त रजिस्टर्ड महिलाएं- 9393

अप्रैल 2018 से अगस्त 2018 तक जारी बजट- 1 करोड़ 35 लाख 69 हजार

जुलाई 2017 से अब तक बजट- 2 करोड़ 34 लाख्ा 96 हजार

यह है योजना

प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना के तहत किसी भी परिवार में पहली बार गर्भवती हुई महिला को बेहतर स्वास्थ्य और उनके खान-पान के लिए सरकार की ओर से निर्धारित धनराशि दी जाती है। इस तहत विभाग में रजिस्टर्ड कुल गर्भवती महिलाओं को 5 हजार रूपये किश्तों में दिए जाते हैं। पहली किश्त के लिए सरकारी स्वास्थ्य इकाई में 150 दिनों के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना होता है। जिसके बाद पहली किश्त के रूप में 1000 रूपये मिलते हैं। दूसरी किश्त के रूप में 2000 रूपये गर्भावस्था के 180 दिनों बाद दस्तावेज जमा करने पर मिलते हैं। तीसरी किस्त के बचे 2000 रूपये शिशु के जन्म का पंजीकरण करवाने और पहले टीकाकरण के बाद मिलते हैं। इसके लिए आशा और एएनएम को ऐसी महिलाओं की शिनाख्त कर उनको विभाग में रजिस्टर्ड कराना हाेता है।

यह है वजह

प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना के तहत जून में जहां मेरठ पांचवें नंबर था, वहीं जुलाई में नौवें पर नंबर खिसक गया है। वजह आशा और एएनएम कार्यकात्रियों की ओर गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन किया गया लेकिन इस महीने फार्म समय से जमा नहीं किए गए। साथ ही महिलाओं का डाटा पोर्टल पर भी दर्ज नहीं किया जा सका। इस वजह से जिले की रैंकिंग पिछड़ गई।

25 सितंबर तक पखवाड़ा

स्वास्थ्य विभाग की ओर से 15 सितंबर से 25 सितंबर तक पखवाड़ा मनाया जाएगा। इसके तहत जिन महिलाओं के खातों में दूसरी और तीसरी किश्त नहीं पहुंची हैं, उनकी किश्तों का भुगतान किया जाएगा। इसके लिए विभाग की टीम अलग-अलग जगहों पर कैंप लगाएगी।