नंबर गेम

12 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान

30 किमी का सराउंडिंग एरिया कवर करेगा मेला

24 अरब रुपए का बना हुआ बजट

715 तरह के स्थायी व अस्थायी काम होने हैं

510 करोड़ रुपए के 34 काम शुरू हो चुके हैं

-2019 में लगने वाले मेले के लिए नियुक्त हुए विशेष कार्याधिकारी और एसएसपी

-मेला विकास प्राधिकरण का हो चुका है गठन, जिले से अलग चलेगी रेती पर बसने वाले शहर की व्यवस्था

ALLAHABAD: 2019 में लगने वाले अ‌र्द्धकुंभ मेले की तैयारी जोर-शोर से शुरू हो गई है। शासन ने प्रयागराज मेला प्राधिकरण के गठन की मंजूरी देते हुए तत्काल मेलाधिकारी व एसएसपी की नियुक्ति भी कर दी है। माना जा रहा है कि एक माह के भीतर प्राधिकरण कामकाज शुरू कर देगा। वहीं मेले में करोड़ों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए योजनाएं बनानी शुरू कर दी हैं। करोड़ों रुपए की योजनाओं को मंजूरी देकर उनका काम शुरू करा दिया गया है।

तैयारियों को लगे पंख

कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद बुधवार को शासन ने आइएएस अधिकारी विवेक कुमार को मेलाधिकारी कुंभ और मोहित गुप्ता को एसएसपी कुंभ मेला नियुक्त कर दिया। इसके साथ ही मेले की तैयारियों को पंख लग चुके हैं। शासन का मानना है कि इस बार अ‌र्द्धकुंभ में 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम की रेती पर आएंगे। इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। बता दें कि मेले में 24 अरब रुपए में कुल 715 तरह के स्थायी तथा अस्थायी काम होने हैं। पहले चरण में इनमें से 510 करोड़ रुपए के 34 काम शुरू हो चुके हैं और दूसरे चरण के 1051 करोड़ के 197 तरह के निर्माण कार्यो पर भी काम शुरू हो जाना चाहिए था।

बढ़ गया है एरिया

वर्ष 2013 में कुंभ मेला का सराउंडिंग एरिया 15 किमी निर्धारित था जो इस बार बढ़ाकर 30 किमी कर दिया गया है। मतलब, संगम की रेती पर लगने वाले मेले के अलावा शहर के चारों ओर तीस किमी के एरिया में पार्किंग और श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत सुविधाओं का इंतजाम किया जाएगा। इससे दूर-दराज से आने वालों की वजह से शहर में जाम की समस्या नहीं होगी। वैसे 2013 में कुंभ मेला 1936 हेक्टेयर रेती पर लगाया गया था। इस बार भी लगभग इतनी ही जमीन पर मेले का आयोजन होगा लेकिन सराउंडिंग एरिया बढ़ा दिया गया है।

मेला: तब और अब

कुंभ मेला 2013 अ‌र्द्धकुंभ 2019

क्षेत्रफल 1936 हेक्टेयर 1936 हेक्टेयर

सराउंडिंग एरिया 15 किमी 30 किमी

श्रद्धालु की संख्या 9 करोड़ 12 करोड़ संभावित

कुल बजट 1150 करोड़ 2400 करोड़

ऐसे काम करेगा मेला प्राधिकरण

-मेला प्राधिकरण का गठन नो-प्रॉफिट-नो-लॉस की तर्ज पर होगा। प्राधिकरण मेला क्षेत्र में श्रद्घालुओं के लिए अस्थायी निर्माण कराएगा। इसके तहत अस्थायी शेड, पार्किंग व्यवस्था, शौचालय, चेंजिंग रूम, स्ट्रीट लाइट्स वगैरह हैं।

-सुरक्षा के लिए बड़े पैमानेपर सुरक्षाकर्मी भी तैनात होंगे। प्राधिकरण के माध्यम से संगम क्षेत्र में सभी वस्तुओं का मूल्य निर्धारित किया जाएगा।

-प्राधिकरण में अधिकारियों, कर्मचारियों तथा अभियंताओं की स्थायी नियुक्ति होगी और कमिश्नर व डीएम पदेन पदाधिकारी होंगे। मेला प्राधिकरण सिर्फ मेला क्षेत्र में ही कार्य करेगा। इस प्राधिकरण में मेला के कार्यदायी विभागों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

-मेला प्राधिकरण के गठन से आय का स्त्रोत भी बढ़ेगा जिससे मेला क्षेत्र को और अधिक विकसित किया जाएगा। श्रद्घालुओं की सुविधाओं के लिए परेड से लेकर बंधा तक अस्थायी दुकानों का निर्माण किए जाने की योजना है।

-मेला एरिया में अतिक्रमण के खिलाफ कड़ा अभियान चलाया जाएगा। प्राधिकरण का संक्षिप्त परिचय, व्यवस्थाएं, कार्यक्रम, बजट, स्टाफ आदि पर प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है।