- फीस में हो सकती से 5 से 10 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी

- स्कूल संचालकों को यूपी सरकार के विधेयक का इंतजार

>Meerut। शहर के प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना अब और महंगा होने जा रहा है। सरकार की तमाम कवायदों के बाद भी अधिकतर प्राइवेट स्कूलों ने फीस बढ़ोत्तरी का मन बना लिया है। कितनी फीस बढ़ेगी इसका फैसला स्कूलों में आगामी बैठक के बाद ही होगा। हालांकि स्कूलों का साफ कहना है कि फीस में10 प्रतिशत तक की बढोत्तरी तय है.

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विधेयक का इंतजार

हाल ही शासन की ओर से आए स्कूलों में फीस बढ़ोत्तरी को लेकर विधेयक लाया जा रहा है। जिसके तहत प्राइवेट स्कूल मनमानी फीस वृद्धि नहीं कर पाएंगे। हालांकि विधेयक अभी पास नहीं हुआ हैं ऐसे में स्कूल संचालकों को इसके आने का इंतजार हैं। जिसके बाद स्कूल जल्द ही सहोदय की बैठक कर फीस बढ़ाने की घोषणा कर देंगे।

इन फैक्टर्स से बढ़ोत्तरी

हर स्कूल में फीस बढ़ाने को लेकर अलग-अलग फैक्टर्स है। इसके बाद ही फीस में बढ़ोत्तरी का प्रतिशत तय किया जाता है। इसमें शिक्षकों का वेतन, लाइब्रेरी डेवलपमेंट, लैब डेवलपमेंट, आईटी सेल, अलग-अलग सुविधाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर, सिक्योरिटी, स्कूल फंक्शन, टीचर एमपॉवरमेंट प्रोग्राम, कर्रिकुलर एक्टिीविटी, स्पोटर्स, एग्जाम, फाइनेनशियल स्टेटस, मेंटेनेंस आदि के खर्चे को देखकर स्कूल फीस बढोत्तरी की दर तय करते हैं।

यह है स्कूलों का तर्क

बिजली, पानी, ट्रांसपोर्ट फ्यूल से लेकर हर चीज पर महंगाई बढ़ रही है। पुरानी फीस पर नई दर के खर्चे वहन करना स्कूलों के लिए मुमकिन नहीं हैं। शिक्षकों के वेतन, स्कूल का मेंटेंनेंस आदि का खर्चा हर साल बढ़ता है ऐसे में बिना फीस बढ़ाए बेहतर शिक्षा देना संभव नहीं हो सकता है।

राहुल केसरवानी, सहोदय अध्यक्ष

स्कूल में पिछले दो-तीन साल से फीस में कोई बढोत्तरी नहीं हुई हैं। आगामी सत्र में कुछ प्रतिशत फीस की बढोत्तरी की जाएगी। हालांकि अभी फीस वृद्धि को लेकर कुछ तय नहीं हो पाया है।

प्रीति मल्होत्रा, प्रिंसिपल, द आर्य

स्कूल

अभी फीस बढ़ाने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है। सरकार की गाइडलाइन के अनुसार की कुछ तय होगा। हालांकि स्कूल के बढ़ते खर्चो को देखते हुए फीस में बढ़ोत्तरी करनी ही पड़ेगी। सीबीएसई की गाइडलाइन में फीस हाइक को लेकर कोई नियम नहीं हैं।

एच.एच। राउत, प्रिंसिपल, दीवान पब्लिक स्कूल

मुश्किल हो गया है बच्चों को पढ़ाना

प्राइवेट स्कूलों में अब बच्चों को पढ़ाना काफी महंगा हो गया है। स्कूल की एडमिशन फीस, ट्यूशन फीस, मैनटेनेंस चार्ज के अलावा अन्य खर्चों को झेल पाना अभिभावकों के लिए मुश्किल होता जा रहा है। महंगी फीस के चलते कई लोग अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में नहीं भेज पा रहे हैं।

गौरव शर्मा, अिभभावक

फीस के नाम पर स्कूलों में हर बार अच्छी-खासी बढ़ोत्तरी होती है। पेरेंट्स के लिए खर्च उठाना मुश्किल हो जाता है लेकिन बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए कैसे भी करके अभिभावक खर्चा उठाते ही है।

रिचा भारद्वाज, अभिभावक