मसूरी पर फंसी कांग्रेस, मल्ल नहीं छोड़ रहे हमला करना

-सहसपुर में किशोर को कानूनी दावं में उलझाने की कोशिश

-रजनी के दो जगह से नामांकन, कहां से लडे़ंगी देखना होगा

DEHRADUN: विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का घर किसी अखाडे़ से कम नहीं दिख रहा। मसूरी सीट पर अप्रत्याशित ढंग से टिकट बदलने के फैसले के बाद मल्ल युद्ध की पटकथा लिखी जा चुकी है, तो सहसपुर में आर या पार का सीन बन रहा है। कांग्रेस के रणनीतिकार चिंतित है कि ऐसी स्थिति में आखिर रण क्षेत्र कैसे जीता जाएगा।

मल्ल का आरोप-दबाव बनाया जा रहा

-मसूरी सीट पर कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी मनमोहन मल्ल चुनाव लड़ने के अपने ऐलान पर डटे हैं। नाम वापसी के लिए उन पर दबाव बनाया जा रहा है, इस बात को खुद मनमोहन मल्ल बोल रहे हैं। तकनीकी पेंच अब भी अपनी जगह है कि मल्ल जब नामांकन करा चुके हैं और साथ ही सिंबल भी दाखिल हो गया है, तो क्या आसानी से उन्हें चुनाव से हटाया जा सकता है। जहां तक मल्ल का मामला है, वह ऐलान किए जा रहे हैं कि चुनाव से नहीं हटेंगे। नाम वापसी में अभी समय बचा है। कांग्रेस दिग्गज हर रास्ता अपना रहे हैं।

आर्येद्र के कानूनी दांव-पेंच हुए तेज

सहसपुर सीट पर टिकट कटने के बाद कांग्रेस की नाक में दम करने वाले आर्येद्र शर्मा ने अपने कानूनी दांव पेंच भी तेज कर दिए हैं। अपने वकील के माध्यम से उन्होंने पीसीसी चीफ और सहसपुर के कांग्रेस प्रत्याशी किशोर उपाध्याय के नामांकन पत्र पर आपत्ति दाखिल करा दी है। दरअसल, किशोर उपाध्याय ने जो नामांकन दाखिल किया है, वह किशोरी लाल के नाम से है। इसी को आर्येद्र शर्मा के वकील ने आधार बनाया है। इस पर अब फैसला क्या आता है, ये देखने वाली बात होगी।

कहीं न कहीं से लडे़ंगी ही रजनी

राजनीतिक हलकों में ये चर्चा तेजी से उठ रही है कि कांग्रेस की बागी रजनी रावत किसी न किसी सीट से तो चुनाव जरूर लडे़ंगी। दरअसल, रजनी रावत ने रायपुर और धर्मपुर दोनों ही सीटों से नामांकन कराया है। वह रायपुर सीट के लिए जोर लगाए हुए थीं, लेकिन वहां पर प्रभुलाल बहुगुणा को टिकट दिया गया है। धर्मपुर में सिटिंग एमएलए दिनेश अग्रवाल को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। अब दो-दो पर्चा दाखिल करने वाली रजनी रावत किस सीट को चुनती हैं, ये देखने वाली बात है। मगर माना जा रहा है कि वह चुनाव कहीं न कहीं से जरूर लडे़ंगी।