कोर्ट ने कई अन्य माननीयों के खिलाफ जारी किया गैर जमानती वारंट

ALLAHABAD: एमपी-एमएलए कोर्ट में वरिष्ठ नेता जगदम्बिका पाल और पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के मामलों की सुनवाई शुरू हो गई है। बुधवार को एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने पाल के मुकदमे में अवसर देते हुए पुन: नोटिस जारी किया। सुनवाई की तिथि बीस दिसंबर मुकर्रर की गई है।

चुनाव निशान दिखाते पहुंचे थे

मामला सिद्धार्थनगर जिले के इटवा थाने से संबंधित है। थाना प्रभारी ने आरोप लगाया था कि वे अपने अन्य समर्थक के साथ 12 मई 2014 केा फूल का निशान दिखाते हुए मतदान केंद्र पहुंचे थे। इसी प्रकार पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति व उनके समर्थक अंकित शुक्ला, राहुल, शैलेश की अनुपस्थिति के चलते कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इनके विरुद्ध फतेहपुर जिले के थाना हुसैनगंज की पुलिस का आरोप है कि 11 जनवरी 2017 को एक गाड़ी में 4452 साडि़यां गायत्री प्रसाद प्रजापति ने मतदाताओं को लुभाने के लिए अमेठी मंगवाई थी।

खालिद परवेज के खिलाफ एनबीडब्ल्यू

एमपी एमएलए कोर्ट पहुंचे एक अन्य मामले में बसपा प्रत्याशी रहे खालिद परवेज की अनुपस्थिति पर गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। इनके विरुद्ध जिला बदायूं के थाना सिविल लाइंस की पुलिस का आरोप है कि दो अप्रैल 2017 को चुनाव आयोग के निर्देशों के विपरीत पोस्टर चस्पा कर रहे थे। विशेष अदालत ने विश्व ¨हदू महासंघ के जिलाध्यक्ष अतुल सिंह की अनुपस्थिति के चलते उनके विरुद्ध भी गैर जमानती वारंट जारी किया। मामला कुशीनगर का है। लखीमपुर खीरी के पूर्व विधायक राजेश गौतम के खिलाफ भी विशेष कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। शिवसेना के विधायक पवन पांडेय के विरुद्ध चल रहे दो मुकदमों में पवन पांडेय, विनोद दुबे हाजिर हुए। शेष अभियुक्त महेंद्र कुमार, विनोद, कौशलेश राय आदि हाजिर नहीं हुए। इनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया गया। आरोप है कि पवन पांडेय ने समर्थकों के साथ एक अक्टूबर 1992 को थाना अकबरपुर में धावा बोलकर ईट पत्थर चलाया।

विशेष कोर्ट ने पत्रावली लौटाई

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चंदौली के द्वारा एमपी एमएलए कोर्ट में भेजी गई सरकार बनाम श्याम जी यादव केस की पत्रावली को वापस लौटाने का आदेश जारी किया है। विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने संपूर्ण पत्रावली का अवलोकन किया तो अपने निष्कर्ष में पाया कि पत्रावली के अभियुक्त एमपी एमएलए कोर्ट के मानक से संबंधित नहीं है।