-लॉ दिवस के संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा, दूसरे राज्य भी झारखंड हाई कोर्ट से लें प्रेरणा रांची : झारखंड हाई कोर्ट के प्रयास से मुकदमों के निपटारे में आई तेजी की पूरे देश में सराहना हो रही है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इसकी सराहना की है और दूसरे राज्यों को झारखंड हाई कोर्ट से प्रेरणा लेने को कहा है। लॉ दिवस के अवसर पर दिल्ली में हुए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि झारखंड हाई कोर्ट ने जून 2017 में राज्य की विभिन्न अदालतों में पांच साल के लंबित 72 हजार मामलों को 31 जनवरी 18 तक निपटाने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में काम भी लक्ष्य से अधिक हो रहा है। दूसरे हाई कोर्ट को भी इससे सीख लेनी चाहिए। झारखंड की निचली अदालतों में जनवरी से लेकर अगस्त कर 67, 792 मामले दर्ज हुए जबकि 67, 703 मामलों का निपटारा कर दिया गया है। जस्टिस पटेल ने की पहल कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीएन पटेल ने दस साल और पांच साल पुराने मामलों का निपटारा करने के लिए हर जिले को लक्ष्य दिया है। इसका पालन करने को कहा गया है। निर्देश यह भी है कि यदि छोटे -छोटे विवादों के मामले लंबे समय से लंबित हैं तो उसका त्वरित निपटारा किया जाए। लक्ष्य हासिल नहीं करने वाले न्यायिक अधिकारियों के सीआर में यह अंकित किया जा रहा है कि उन्होंने टारगेट पूरा नहीं किया। ऐसा करने पर पदावनत करने की बात भी कही गई थी। दिसंबर तक का लक्ष्य भी : हाई कोर्ट के इस निर्देश को गंभीरता से लेने के बाद पुराने मामलों का निपटारा तेजी से किया गया। साथ ही नए मामलों के निष्पादन में भी तेजी दिखाई गई। स्थिति यह हो गई है कि हर माह औसतन निष्पादन की दर भी अधिक हो गई है। न्यायिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के अनुसार यह अच्छा संकेत है। इसे मेंटेन किया जाए, तो अदालतों में सालों से लंबित मामले खत्म हो जाएंगे। सभी निचली अदालतों को पांच साल से अधिक पुराने मामलों का निपटारा करने का निर्देश दिया गया है। लोक अदालत की मध्यस्थता भी कारगर : लोक अदालत और मध्यस्थता से मामलों का निपटारा करने के लिए अदालतें पुराने और नए दोनों मामले भेज रहे हैं। मध्यस्थता से पुराने और बड़े विवादों का निपटारा हो रहा है। झारखंड में मध्यस्थता से मामलों के निपटारे की सफलता की दर 75 फीसदी से भी अधिक हो गई है।