- पिछले साल से कम दिखा मतदाताओं में उत्साह, वोटिंग रेट भी काफी 14.60 प्रतिशत गिरा

- कनोहरलाल कॉलेज में छात्राओं में नहीं दिखा मतदान के लिए उत्साह, 1872 में से केवल 384 ने ही किया मतदान

- पिछले साल 2,116 में से 743 ने किया था मतदान

Meerut: कनोहर लाल डिग्री कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव के दौरान सभी पार्टियां जोर-शोर में दिख रहीं थीं, मगर वोटर्स में बिल्कुल भी उत्साह नहीं दिखा। सुबह नौ बजे की जगह पौने दस बजे शुरू हो पाया। दोपहर एक बजे के बाद पूरा कॉलेज सुनसान हो गया। इस बार कॉलेज में मतदान करने वालों की संख्या बहुत ही कम थी। शाम ब्.फ्0 बजे के बाद जैसे ही रिजल्ट आया तो एबीवीपी की छात्राओं के चेहरे खिलने लगे। अध्यक्ष पद को छोड़कर बाकी चार पदों पर एबीवीपी ने अपना नाम दर्ज कराया है। ये दूसरा साल था, जब अध्यक्ष पद पर एनएसयूआई ने कब्जा किया।

गिर गया वोट प्रतिशत

कॉलेज में मतदाताओं में इस बार उत्साह बिल्कुल कम दिखाई दे रहा था। हालांकि इससे पिछले साल भी कॉलेज में मतदाताओं की संख्या अधिक नहीं थी। लेकिन इस साल तो पिछले साल से कम दिखाई दिया। पिछले साल जहां ख्,क्क्म् वोट में से 7ब्फ् वोट पड़े थे, कॉलेज में कुल फ्भ्.क्क् प्रतिशत चुनाव हुआ था। वहीं इस साल ये प्रतिशत क्ब्.म्0 प्रतिशत कम हो गया है। इस साल कॉलेज में क्87ख् वोटर में से केवल फ्ब्फ् मतदाताओं ने ही चुनाव किया था। कुल ख्0.भ्क् प्रतिशत ही मतदान हो पाया था। ऐसे में कॉलेज सुनसान ही दिखाई दिया।

आंकड़ों का अंदाजा लगाते दिखे

दोपहर दो बजे वोटिंग खत्म होते ही प्रत्याशी गुपचुप तरीके से अपनी- अपनी जीत के आंकड़ों को बैठाते हुए दिखाई दिए। रजिस्टर में क्लास वाइज वोटर के नाम और उनके वोटों को लिखकर एबीवीपी और एनएसयूआई के कैंडिडेट्स अपनी जीत के अंदाजे लगाते नजर आ रहे थे। ऐसे में एनएसयूआई पार्टी की नित्या ने तो रिजल्ट से आधा घंटा पहले ही अपनी जीत का अंदाजा लगा लिया था। नित्या ने अपने आंकड़ों के अनुसार दो सौ से आसपास वोट से जीत का अंदाजा लगा लिया था। जबकि उसे हकीकत में दो सौ दो वोट ऊपर मिले हैं।

अध्यक्ष पद एनएसयूआई के नाम

दो साल से लगातार एनएसयूआई ने अध्यक्ष पद पर अपना कब्जा कर लिया है। पिछले साल भी एनएसयूआई ने ही अध्यक्ष पद पर अपना नाम दर्ज कराया था। ख्0क्फ् में अध्यक्ष पद की विजेता भारती सांगवान टोटल क्भ्ब् वोट से विजेता रहीं थी। इस बार भी अध्यक्ष पद पर अपना नाम दर्ज कराते हुए एनएसयूआई की नित्या ने कब्जा कर लिया है। नित्या को टोटल ख्0ख् वोट मिले हैं। वह ब्7 वोट से विजयी हुई है। वहीं निर्दलीय पूजा रानी को क्भ्भ् वोट मिले हैं।

चार पदों पर एबीवीपी

कनोहरलाल में अध्यक्ष पद को छोड़कर बाकी के चार पदों पर एबीवीपी का ही कब्जा रहा। उपाध्यक्ष पद से एबीवीपी की पूजा गुप्तेा को टोटल क्77 वोट मिले और म्म् वोट से विजयी हुई। दूसरे नंबर एनएसयूआई की रिंकु शर्मा को क्क्क् वोट मिले। सचिव पद पर एबीवीपी सोनाक्षी माहेश्वरी को ख्0क् वोट मिले और फ्भ् वोट से विजयी हुई। दूसरे नंबर पर एनएसयूआई की निधि गुप्ता को क्म्म् वोट मिले। संयुक्त सचिव के पद पर एबीवीपी मनीषा शर्मा को ख्क्क् वोट मिले और क्0ब् वोट से विजयी रही। दूसरे नंबर पर एनएसयूआई की राखी पार्चा को क्07 वोट मिले। कोषाध्यक्ष के पद पर एबीवीपी शैरी कौशिक को क्फ्म् वोट मिले और वो ख्ख् वोट से विजयी रहीं। दूसरे नंबर पर एनएसयूआई की शिवानी रानी को क्क्0 वोट मिले।

ये रहे परिणाम

प्रत्याशी वोट

अध्यक्ष

नित्या ख्0ख् विजेता

पूजा रानी क्भ्भ्

उपाध्यक्ष

रिंकु शर्मा क्क्क्

पूजा गुप्ता क्77 विजेता

निशा यादव 87

सचिव

निधि गुप्ता क्म्म्

सोनाक्षी माहेश्वरी ख्0क् विजेता

संयुक्त सचिव

राखी पार्चा क्07

मनीषा शर्मा ख्क्क् विजेता

प्रियंका धानक भ्ख्

कोषाध्यक्ष

शिवानी रानी क्क्0

अकांक्षा क्क्ब्

शैरी कौशिक क्फ्म् विजेता

प्रोफेसर बनना है मेरी तमन्ना

एनएसयूआई से अध्यक्ष पद पर विजेता रहीं नित्या का सपना एक सरकारी कॉलेज में प्रोफेसर बनने की है। नित्या फिलहाल बीए थर्ड इयर की स्टूडेंट हैं। नित्या के पिता मेडिकल लाइन में एरिया मैनेजर है। फैमिली के सपोर्ट के कारण ही उसने इन चुनाव में जीत हासिल की है। नित्या का कहना है कि जीत के बाद वह अब वह सबसे पहले कॉलेज व यूनिवर्सिटी की व्यवस्थाओं में ही सुधार लाने वाली है। नित्या के अनुसार सीसीएसयू का सिस्टम बेहद गड़बड़ है यहां सब काम बड़े लेट लतीफ होते हैं, जिसमें सुधार लाने की आवश्यकता है।

मोदी का दिखा असर

एबीवीपी से उपाध्यक्ष पद पर अपना नाम दर्ज कराने वाली पूजा गुप्ता का कहना है कि इस बार कॉलेज में भी मोदी का मैजिक चल गया है। हमने प्रधानमंत्री के लक्ष्य कदम पर चलते हुए उन्हीं के सभी कैंपेन कॉलेज में चलाए है, जिसका असर सामने आया है। अब जीत गई हूं तो एक साल में रिजल्ट भी दिखेगा।

राजनीति में जाने का सपना

एबीवीपी की सचिव पद की सोनाक्षी का सपना राजनीति में जाने का है। उसका कहना है कि वह भी प्रधानमंत्री की तरह अपने कॉलेज में जल्द बदलाव करने वाली है। कॉलेज के वॉशरूम में एक लेडी गार्ड बैठाने का फैसला लिया गया है, जो गंदगी फैलाने वालों पर नजर रखेगी।

साफ-सफाई प्राथमिकता

एबीवीपी संयुक्त सचिव पद से मनीषा शर्मा का कहना है कॉलेज के वॉशरूम की सफाई के लिए एक लेडी स्वीपर रखना है। कैंटीन साफ करनी है और उसमें स्वच्छ भोजन की व्यवस्था करानी है। इसके अलावा कॉलेज में लाइबे्ररी से बुक ईशू कराने की बड़ी दिक्कत हो जाती है उसका भी हल करना है।

सुरक्षा पर ध्यान देना है

एबीवीपी की कोषाध्यक्ष शैरी कौशिक का कहना है कि वह कॉलेज में सफाई के अलावा सुरक्षा को लेकर भी काम करने वाली है। कॉलेज के बाहर एक लेडी पुलिस कांस्टेबल बैठानी है। इसके अलावा कॉलेज में साइकिल स्टैंड नहीं है, उसे बनवाना है।