मैडम तुसाद जैसा म्यूजियम

इस मौके पर राष्ट्रपति भवन में लंदन के मैडम तुसाद की तर्ज पर एक मॉडर्न म्यूजियम का इनॉगरेशन किया गया. फर्क बस इतना है कि तुसाद में मोम की मूर्तियां लगाई जाती हैं, जबकि यहां फॉर्मर प्रेसीडेंट्स की फाइबर की मूर्तियां लगाई गईं हैं. इस मौके पर कई प्रोग्राम आयोजित किए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अलावा कई केंद्रीय मंत्रियों और सीनियर नेताओं ने कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'मुझे यकीन है कि यह म्यूजियम देश की जनता को राष्ट्रपति भवन और इसकी वास्तुकला से रू-ब-रू होने का मौका देगा. इससे लोगों को अब तक के राष्ट्रपतियों के जिंदगी के बारे में जानने और समझने का मौका भी मिलेगा.

एक अगस्त से खुलेगा, पहले तीन महीने तक फ्री एंट्री

संग्रहालय को एक अगस्त से तीन दिन के लिए (शुक्रवार, शनिवार और रविवार) आम लोगों के लिए खोला जाएगा. पहले तीन महीने तक कोई इंट्री टिकट नहीं लिया जाएगा. बाद में लोगों के रुझान के बाद सस्ते टिकट और ऑनलाइन टिकट बुकिंग व्यवस्था शुरू करने की योजना है. राष्ट्रपति भवन में स्थित अस्तबल की जगह पर निर्मित संग्रहालय में पूर्व राष्ट्रपतियों के जीवन परिचय के अलावा देश विभाजन को लेकर दरबार हॉल में हुई बैठक, पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और पहले राष्ट्रपति बाबू राजेंद्र प्रसाद के शपथ ग्रहण समारोह, वर्ष 1911 में हुए दिल्ली दरबार समारोह को साउंड, लाइट इफेक्ट व एनिमेशन के जरिये दिखाने की व्यवस्था की गई है.

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