ALLAHABAD: 5ारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शुक्रवार को मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के 14वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। दीक्षांत समारोह में उनके साथ यूपी के राज्यपाल रामनाइक, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने 5ाी कार्यक्रम में शिरकत की।

 

पूर्व राष्ट्रपति डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम को किया याद

14वें दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन

 

इन्हें मिला इंस्टीट्यूट गोल्ड मेडल

पियूष चन्द्र चतुर्वेदी- मैकेनिकल इंजीनियरिंग, अंतिम वर्ष

अमन शर्मा- मैकेनिकल इंजीनियरिंग, तृतीय वर्ष

स्तुति जैन- संगणक विज्ञान और अभियांत्रिकी, द्वितीय वर्ष

मुस्कान श्रीवास्तव- संगणक विज्ञान व अभियांत्रिकी प्रथम वर्ष

नैतिकता व चरित्र निर्माण पर दिया जोर

 

इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि अब एमएनएनआईटी को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट की पंक्ित में शामिल कराने का लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि त्रिवेणी संगम पर सरस्वती अदृश्य बहती है। ऐसा लगता है कि इस शहर के स6मानित शिक्षण संस्थानों और विद्वानों के रूप में सरस्वती साकार होकर अपने पूरे प्रवाह के साथ यहां बहती रही हैं। सच्ची शिक्षा के द्वारा बौद्धिकता और कुशलता के साथ-साथ नैतिकता और चरित्र का निर्माण ही हमें समाज और देश के प्रति अपने दायित्वों के लिए जागरूक बनाता है।

 

महामहिम के अनमोल बोल

1. फाहियान ने कहा था कि जिस देश में नैतिकता की जड़ें इतनी मजबूत हैं। उसका विश्वगुरु होना स्वाभाविक है।

2. चाणक्य की सादगी, नैतिकता, संकल्प की दृढ़ता और राष्ट्र प्रेम ने उन्हे एक महान शिक्षक बनाया।

3. यह देखकर बहुत खुशी होती है कि आज की युवा पीढ़ी डॉक्टर कलाम को एक आईकॉन के रूप में सम्मान देती है।

4. मेट्रो मैन श्रीधरन ने समुद्री तूफान में ध्वस्त हो गए दो किलोमीटर से भी लंबे पुल को बहुत ही कम समय में पूरी तरह से ठीक करके लोगों को आश्चर्य में डाल दिया था।

5. अमिताभ की शुरू की सात फिल्में असफल रहीं। कुछ लोगों ने उनकी असफलता और कद-काठी का उपहास भी किया। लेकिन उन्होंने खुद पर विश्वास रखकर अभूतपूर्व सफलता हासिल की।

6. प्राचीन काल से ही कुंभ मेला आकर्षण और अध्ययन का विषय रहा है। यूनेस्को ने कुंभ मेला को अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर का दर्जा दिया था। अब कुंभ मेला औपचारिक रूप से पूरे विश्व की सांस्कृतिक धरोहर बन गया है।

 

महान प्रतिभाओं को किया याद

राष्ट्रपति ने अपनी बात रखते हुए कहा कि इलाहाबाद में महान प्रतिभाओं का भी कुंभ मेला लगता रहा है। एक तरफ प्रेमचन्द, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा, फिराक गोरखपुरी और हरिवंश राय बच्चन जैसे साहित्यकार यहां से अपनी रचनाओं की धारा बहा रहे थे तो दूसरी ओर मेघनाथ साहा, के बनर्जी, नील रतन धर, गोरख प्रसाद, हरीश चंद्रा और एसके जोशी जैसे वैज्ञानिक और गणितज्ञ यहीं से अपने ज्ञान की रोशनी फैला रहे थे। वहीं जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, आचार्य नरेंद्र देव, राम मनोहर लोहिया, चन्द्र शेखर और विश्वनाथ प्रताप सिंह जैसे प्रखर लोगों ने देश के राजनीतिक चिंतन को अपने विचारों से समृद्ध किया।

 

बेटियों का आगे बढ़ना शुभ संकेत

एमएनएनआईटी के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल रामनाइक ने संस्थान में गोल्ड मेडल पाने वालों में 49 फीसद छात्राओं के शामिल होने पर उन्हें बधाई दी और कहा कि बेटियां अब हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, यह देश के लिए शु5ा संकेत है। इस मौके पर राज्यपाल ने सरदार बल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया।

 

आईआईटी की स्थापना पर दिया बल

वहीं उपमुयमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रयाग में सभी तरह के शिक्षण संस्थान हैं पर आईआईटी नहीं है। उन्होंने आईआईटी की स्थापना किए जाने की वकालत की। चिकित्सा एवं स्वाथ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि सफलता के लिए जीवन में कभी शार्टकट नहीं अपनाना चाहिए। कड़ी मेहनत से मिली सफलता ही स्थाई होती है। इस समारोह में मण्डलायुक्त डॉ। आशीष कुमार गोयल, जिलाधिकारी सुहास एलवाई सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

 

इंस्टीट्यूट मेडल वालों का वर्जन

मुझे बिलीव ही नहीं हो रहा कि राष्ट्रपति के हाथ से मेडल मिला है। इस खुशी को बयां करने के लिये मेरे पास शब्द नहीं हैं। मेरा परिवार भी मेरी इस उपलब्धि को लेकर काफी खुश है।

-पीयूष चन्द्र चतुर्वेदी

 

सच में बहुत खुशी हो रही है। यह संस्थान और मेरे लिये गर्व की बात है। राष्ट्रपति जी द्वारा जो मैसेज स्टूडेंट्स को दिया गया है। उम्मीद है मैं उसपर पूरी तरह से खरी उतरुंगी।

-स्तुति जैन

 

यह पल कभी न भूलने वाला है। इसे मैं अपनी यादों में हमेशा के लिये सहेजकर रखूंगा। राष्ट्रपति जी को करीब से देखना और उनसे मिलना ही बड़ी बात है। मैं संस्थान का इस चीज के लिये बहुत दिल दिल से आखरी हूं।

-अमन शर्मा

 

सभी को चाहिए कि जब वे डिग्री प्राप्त कर चुके हैं, तब अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए काम करें। यहां आए स5ाी स्टूडेंट्स का कुछ न कुछ टारगेट जरूर है। इसपर फोकस करके देश को कुछ लौटाने की जरूरत है।

-मुस्कान श्रीवास्तव